यूपी: इन कर्मचारियों को केन्द्रीय कर्मियों के समान मिलेगा वेतन, पांच हजार कर्मियों को होगा फायदा

लखनऊ | निकायों के अकेंद्रीयत सेवा के कर्मियों को वेतन विसंगति की चल रही समस्या से निजात मिलने वाली है। अकेंद्रीय सेवा नियमावली बनने के बाद करीब 5000 कर्मियों को राहत मिलेगी। उनकी भर्ती, वेतन और अन्य सुविधाएं भी केंद्रीयत सेवा के कर्मियों के समान हो जाएंगी। नगर विकास विभाग ने इस संबंध में पहल शुरू कर दी है। निकायों में स्थानीय स्तर पर रखे जाने वाले कर्मियों को अकेंद्रीयत सेवा और आयोग की माध्यम से भर्ती होने वालों को केंद्रीयत सेवा का माना जाता है।

समान पदों पर भर्तियां होने के बाद भी वेतनमान और राज्य कर्मियों के समान अन्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। अकेंद्रीय सेवा के कर्मी इसको लेकर समय-समय पर आंदोलन करते रहते हैं। नगर विकास विभाग इसको ध्यान में रखते हुए अकेंद्रीयत सेवा के कर्मियों के लिए नियमावली बनाने जा रहा है। हालांकि, इसके पहले भी इस नियमावली को लेकर कवायद शुरू हुई थी, लेकिन इसे अंतिम रूप नहीं दिया जा सका।

नियमावली बनने के बाद केंद्रीयत सेवा और अकेंद्रीयत सेवा के कर्मियों की भर्ती संबंधी पात्रता पदों के अनुरूप एक समान हो जाएगी। इसके साथ ही वेतनमान भी काफी हद तक एक समान हो जाएगा। इसके अलवा भर्तियों को लेकर होने वाली मनमानी भी रुकेगी। नगर आयुक्त और पालिका परिषद के अध्यक्ष भर्तियों के नाम पर मनमानी नहीं कर पाएंगे। भर्ती के लिए पारदर्शी प्रक्रिया अपनानी होगी और पदों के सापेक्ष वेतन आदि की व्यवस्था करानी होगी।

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