मुजफ्फरनगर दंगे: मायावती बोलीं, भाजपा नेताओं की तरह विपक्षी दलों के लोगों पर भी दर्ज मुकदमे हों वापस

लखनऊ (हि.स.)। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मुजफ्फनगर दंगे को लेकर भाजपा नेताओं पर दर्ज मुकदमे वापस लेने पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

मायावती ने शुक्रवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा के लोगों के ऊपर ‘राजनैतिक द्वेष’ की भावना से दर्ज मुकदमे वापस होने के साथ ही, सभी विपक्षी पार्टियों के लोगों पर भी ऐसे दर्ज मुकदमे भी जरूर वापस होने चाहिए। बसपा की यह मांग है।
दरअसल, योगी सरकार ने मुजफ्फरनगर दंगे से जुड़े मामले में भाजपा विधायकों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने के लिए कवायद शुरू कर दी है। सरकार ने कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा, विधायक संगीत सोम और कपिल देव के खिलाफ दर्ज मुकदमा वापस लेने के लिए कोर्ट में अर्जी दी है। प्रदेश के गन्ना मंत्री सुरेश राणा के मुताबिक पिछली सरकार ने इस मामले में कई निर्दोषों पर कार्रवाई की थी। राजनीति से प्रेरित होकर कई किसानों और अन्य लोगों पर कार्रवाई की गई थी।
सरकारी वकील राजीव शर्मा ने मुजफ्फरनगर की एडीजे कोर्ट में मुकदमा वापसी के लिए अर्जी दी है। मुकदमा वापसी की अर्जी पर फिलहाल कोर्ट ने कोई फैसला नहीं दिया है। मामले के मुताबिक 07 सितम्बर 2013 में नंगला मंदौड़ की महापंचायत के बाद इन नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी। इन तीनों नेताओं पर भड़काऊ भाषण, धारा 144 का उल्लंघन, आगजनी और तोड़फोड़ की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। 
मुजफ्फरनगर में दो लोगों की हत्या के बाद ये महापंचायत बुलाई गई थी। आरोप है कि इस महापंचायत के बाद मुजफ्फरनगर में दंगा भड़क गया था। इनमें कई लोगों की मौत हुई थी और हजारों लोग दंगों के कारण विस्थापित हुए थे।

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