मुख्यमंत्री योगी ने बलिया में मेडिकल कालेज खोलने की इच्छा जतायी
– बसंतपुर में बैठक कर आजमगढ़, मऊ व बलिया में कोविड-19 की तैयारियों की समीक्षा की
– कहा, आजमगढ़ व बलिया में प्रतिदिन डेढ़ हजार तथा मऊ में कम से कम एक हजार टेस्ट हो
बलिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को बलिया में आजमगढ़ मण्डल में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने जिले में मेडिकल कालेज खोलने की इच्छा जतायी।
दरअसल, मुख्यमंत्री की कोविड-19 की समीक्षा बैठक में लोकसभा क्षेत्र बलिया के सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त व राज्यमंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ला ने जिले में मेडिकल कालेज खोलने की बात कही। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरी भी इच्छा है कि बलिया में मेडिकल कालेज खुले।
बताया कि संयोग से यहां का प्रस्ताव देर से मिला था। राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला ने बताया कि मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया है कि यहां जमीन की उपलब्धता जैसे ही होगी, मेडिकल कालेज खोलने की कार्यवाही शुरू हो जाएगी। समीक्षा बैठक में सलेमपुर के सांसद रविन्दर कुशवाहा, राज्यसभा के सदस्य नीरज शेखर व सकलदीप राजभर, बैरिया विधायक सुरेंद्र सिंह, सिकंदरपुर विधायक संजय यादव, बेल्थरारोड विधायक धनन्जय कन्नौजिया ने भी अपने अहम सुझाव दिए।
आजमगढ़ में शीघ्र शुरू हो लैब, बलिया में भी स्थापित होगी
आजमगढ़ में आरटीपीसीआर लैब की स्थापना नहीं होने पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताई। कहा कि बैठक से जाने के बाद ही वहां मेडिकल कालेज से समन्वय बनाकर लैब स्थापित कराएं। बलिया में लैब स्थापित करने की कार्यवाही शुरू करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि डोर-टू-डोर सर्वे के बाद एंटीजन किट से जांच में तेजी लाई जाए। इस बात का ध्यान रहे कि कांटेक्ट ट्रेसिंग व लक्षण वाले मरीजों तथा गंभीर बीमारी का उपचार कराने अस्पताल आने वाले मरीजों का ही इससे टेस्ट किया जाए। मऊ में कम टेस्ट होने पर जिलाधिकारी व सीएमओ को निर्देश दिए कि कम से कम एक हजार टेस्ट प्रतिदिन हो। इसी प्रकार बलिया व आजमगढ़ में रोजाना 1000 से 1500 तक टेस्ट कराने की जिम्मेदारी सौंपी।
डोर-टू-डोर सर्वे पर मुख्यमंत्री का जोर मुख्यमंत्री ने तीनों जनपद के प्रशासनिक अधिकारियों व स्वास्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए कांटेक्ट ट्रेसिंग और डोर-टू-डोर सर्वे पर विशेष जोर दें। इसके लिए टीमें बनाकर उन्हें प्रशिक्षित करें और क्षेत्र में उनके कार्य पर हमेशा नजर बनाए रखें। ज्यादा से ज्यादा टेस्ट हो। समीक्षा के दौरान तीनों जनपद में मिली कमियों को दूर कराने के लिए संचारी रोग के निदेशक डाॅ राजेन्द्र कपूर को निर्देश दिया कि 48 घंटे के अन्दर ये सारी कमियां दूर कराएं। प्रशासनिक व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए उन्होंने कहा कि कांटेक्ट ट्रेसिंग शत प्रतिशत होनी चाहिए। तीनों जनपद में मिले मरीजों के हिसाब से जो कांटेक्ट ट्रेसिंग हुई है वह पर्याप्त नहीं है। यह भी ध्यान रहे कांटेक्ट ट्रेसिंग में नाम, पता व मोबाइल नम्बर सही हो। हर एक पाॅजिटिव मरीज को चिन्हित कर आइसोलेट कर लेना है।
उन्होंने कहा कि मरीजों से सौहाद्रपूर्ण व्यवहार हो। उनको फैसिलिटी सेंटर में कोई असुविधा नहीं होनी चाहिए। शौचालय हमेशा साफ सुथरा रहे। मरीजों को समय से गुणवत्तापूर्ण भोजन, मनोरंजन के लिए किसी सुरक्षित जगह पर टीवी, अखबार उपलब्ध कराया जाए। सफाई पर विशेष ध्यान होना चाहिए। उन्होंने आजमगढ़ मण्डल के तीनों जनपद के अधिकारियों से कोविड-19 की तैयारियों से सम्बन्धित जानकारी ली। बलिया में एल-2 अस्पताल में दस बेड होने की जानकारी देने पर कहा कि यहां बेड की संख्या बढ़ाई जाए और यह सुनिश्चित कराया जाए कि हर बेड पर ऑक्सीजन की सुविधा हो। इसी प्रकार एल-1 फैसिलिटी सेंटर के भी पचास फीसदी बेड पर ऑक्सीजन की सुविधा हो। हर वार्ड में पल्स ऑक्सीमीटर हो और नियमित चेकअप होती रहे। मऊ जनपद में एल-2 अस्पताल की सुविधा अब तक नहीं होने पर नाराजगी जताई और शीघ्र तैयार कर लेने के निर्देश दिए। सवाल किया कि चार महीने बाद भी वेंटिलेकर को सक्रिय करने से लेकर एल-2 फैसिलिटी की तैयारी क्यों नहीं हो पाई। तीनों जनपद के सीएमओ को निर्देश दिए कि सभी एडिशनल सीएमओ एवं डिप्टी सीएमओ के कार्य का निर्धारण कर उनको जिम्मेदारी दी जाए।
मऊ में सरकारी अस्पताल में कोरोना पाॅजिटिव मरीजों की सैम्पलिंग की जानकारी मिलने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि नाॅर्मल अस्पताल में कोविड मरीज को लेकर भी नहीं जाना है। मुख्यमंत्री ने तीनों जनपद के सीएमओ से एम्बुलेंस की उपलब्धता की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि कोविड और नाॅन कोविड एम्बुलेंस अलग-अलग होनी चाहिए। कुल एम्बुलेंस में से पचास फीसदी एम्बुलेंस का उपयोग कोविड-19 से जुड़े सर्विलांस कार्य में करें।
उन्होंने कहा कि इस परिस्थिति में किसी भी एम्बुलेंस चालक या सहयोगी का भुगतान लम्बित नहीं होना चाहिए। अगर ऐसा कहीं मिलता है तो आउटसोर्सिंग एजेंसी या सम्बन्धित जिम्मेदार पर मुकदमा दर्ज कर सख्त से सख्त कार्रवाई सुनिश्चित कराएं। समीक्षा के दौरान तीनों जिले में स्थापित इंटीग्रेटेड कोविड कमाण्ड सेंटर के कार्य में सुधार लाने की आवश्यकता जताई। इन सेंटरों पर लैण्डलाईन फोन स्थापित करने के निर्देश दिए। कहा कि इस सेंटर में प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य व अन्य आवश्यक विभाग के लोग रहें। ध्यान रहे कि मोबाइल फोन की जगह लैण्डलाईन फोन का ही इस्तेमाल किया जाए। उन्होंने सर्विलांस की प्रक्रिया और डाटा फीडिंग के कार्य को और बेहतर ढ़ंग से करने के निर्देश दिए।
तेजी से करें जांच, हर दस दिन पर मिलेगी दस हजार किट
मुख्यमंत्री बने कहा कि हर जनपद में दस हजार रैपिड किट दी जा चुकी है। तेजी से जांच करें तो हर दस दिन पर दस हजार किट उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए निगरानी समितियों को भी सक्रिय करना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग को विशेष निदेश दिए कि नर्सिंग होम एसोसिएशन व आईएमए एसोसिएशन के साथ समन्वय बनाए रखें और उनका भी सहयोग लें।
बलिया व रसड़ा पर रहे विशेष फोकस
मुख्यमंत्री ने कहा कि बलिया शहर में तेजी से फैलाव को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाएं जाएं। पर्याप्त टीमें लगाकर घर-घर सर्वे कराया जाए। बलिया के साथ रसड़ा पर भी विशेष फोकर कर वहां कोरोनो के प्रसार पर अंकुश लगाया जाए। जहां ज्यादा केस आए है वहां टीम बनाकर उनको मास्क, सेनेटाइजर, पल्स आॅक्सीमीटर व अन्य उपकरण देकर सर्वे कार्य में लगाएं। उन्होंने कहा कि पाॅजिटिव आने वाले मरीजों को तत्काल वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाए। किसी भी दशा में उनको एम्बुलेंस या अस्पताल के बाहर इंतजार नहीं कराया जाए।
अचानक पहुंचे जिला अस्पताल, मची खलबली
समीक्षा बैठक के बाद राज्यमंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ला के अनुरोध पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अचानक जिला अस्पताल की ओर चल दिए। अचानक हुए इस निरीक्षण से खलबली मच गयी। मुख्यमंत्री सीधे आपातकालीन कक्ष में पहुंचे और वहां चिकित्सा व्यवस्था का जायजा लिया। वार्डों में जाकर मरीजों से बातचीत की और स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में उनसे जानकारी ली। उन्होंने सीएमएस को निर्देश दिए कि अस्पताल में हमेशा मरीजों को बेहतर चिकित्सा व्यवस्था मुहैया कराई जाए और सफाई पर विशेष ध्यान रहे।