मुख्तार अंसारी को जहर दिया गया या नहीं, 15 दिन में आ सकती है रिपोर्ट
बांदा (हि.स.)। जेल में लगभग तीन साल बंद रहे। माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की मौत ने जेल और मेडिकल कॉलेज प्रशासन के लिए सवालों की लंबी फेहरिस्त छोड़ दी है। जिसके जवाब ढूंढने के लिए न्यायिक और मजिस्ट्रेटी जांच समिति छानबीन करने में जुटी है। मेडिकल कॉलेज ने मुख्तार अंसारी की मौत हार्ट अटैक से मानी है। पोस्टपार्टम रिपोर्ट ने भी इसी बात की पुष्टि की है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल उसे खाने में जहर दिया गया था या नहीं। इसका जवाब लगभग 15 दिन बाद बिसरा रिपोर्ट आने के बाद मिल सकता है।
मुख्तार अंसारी के पोस्टमार्टम के बाद जो रिपोर्ट आई थी। उसमें मृत्यु का कारण शाॅक और मायोकॉर्डल इन्फेक्शन (एमआई) दर्शाया गया है। मेडिकल में शाॅक का मतलब ब्लड प्रेशर का कम हो जाना एमआई का मतलब हार्ट का एक हिस्सा पीला पड़ जाना। इसके मुताबिक मुख्तार अंसारी के हार्ट का लगभग 2×1.5 सेंटीमीटर हिस्सा पीला पड़ गया था। उस पीले हिस्से में ब्लड के क्लाट पाये गए थे। इसी से मौत की वजह मायोकारडेल इन्फेक्शन दिखाया गया है। लेकिन इस रिपोर्ट पर मुख्तार अंसारी के परिजनों को यकीन नहीं है। इस रिपोर्ट पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
मुख्तार अंसारी और उसके परिजनों ने खाने में जहर देने का आरोप लगाया था। प्रशासन ने मौत की वजह स्पष्ट होने के बावजूद धीमा जहर देने के आरोपों के मद्देनजर पोस्टमार्टम के दौरान विसरा प्रिजर्व कराया था। विसरा प्रिजर्व में शरीर के पांच आर्गन को शामिल किया गया है। पोस्टमार्टम कर रहे डॉक्टर के पैनल ने विसरा को सुरक्षित करने के बाद पुलिस को सौंप दिया था। अब इस रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। इस रिपोर्ट के आने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि मुख्तार अंसारी को जहर दिया गया है या नहीं।
आमतौर पर विसरा रिपोर्ट दो से तीन महीने के भीतर आती है। कभी-कभी तो इससे अधिक समय भी लग जाता है, लेकिन मुख्तार की मौत की जांच की सबसे अहम कड़ी विसरा रिपोर्ट जल्दी मंगाने की कोशिश की जा रही है। क्योंकि मुख्तार की मौत का मामला गंभीर है। इसमें दो जांचें चल रही हैं। लिहाजा रिपोर्ट के 15 दिनों के भीतर आने की संभावना है। रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल सकेगा कि मौत की असली वजह क्या है? इस संबंध में कोतवाली प्रभारी अनूप दुबे ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद विसरा को जांच के लिए एक सप्ताह पहले भेजा गया था। यह विसरा विधि विज्ञान प्रयोगशाला प्रयागराज भेजा गया है।
अनिल/सियाराम