माल ढुलाई : पश्चिम रेलवे ने लागू कीं नौ और प्रोत्साहन योजनाएं
मुंबई (हि. स.)। रेल मंत्रालय ने माल ग्राहकों को आकर्षित करने और बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए नवीनतम माल ढुलाई नीतियों को लागू किया है। इसी क्रम में पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक आलोक कंसल के गतिशील नेतृत्व और सक्षम मार्गदर्शन के अंतर्गत परिवहन और बुकिंग को अधिक ग्राहकोन्मुख बनाने के लिए कई स्तरों पर पहल की जा रही है। इससे पहले, पश्चिम रेलवे जोनल मुख्यालय और इसकी डिवीजनल इकाइयों में बहु-विषयक व्यावसायिक विकास इकाइयां (BDU) स्थापित कर चुकी है। ये बीडीयू नये विचारों और पहलों को शामिल करके माल बाजार में व्यापार की सम्भावनाओं को बेहतर बनाने के लिए स्थापित की गई हैं।
BDU के फीडबैक के आधार पर, विभिन्न प्रोत्साहनों को लागू किया जाता है, जिनसे माल परिवहन को बढ़ाने में उल्लेखनीय मदद मिलती है और साथ ही माल ग्राहकों के लिए भी ये प्रोत्साहन फायदेमंद साबित होते हैं। इसी श्रृंखला में माल ढुलाई करने वालों को आकर्षित करने के लिए पश्चिम रेलवे ने अब नौ और प्रोत्साहन योजनाएं लागू की हैं। ये पहले से लागू 19 प्रोत्साहन योजनाओं के अलावा हैं।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी सुमित ठाकुर द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, ग्राहकों को व्यवसाय में आसानी प्रदान करने और रेलवे को अतिरिक्त मात्रा में यातायात और राजस्व प्राप्त करने के लिए ये फ्रेट इंसेंटिव योजनाएं लागू की गई हैं। हाल के दिनों में, माल ढुलाई करने वालों को विभिन्न प्रोत्साहन प्रदान किए गए हैं, जिनमें नवीनतम 120 दिनों की अग्रिम बुकिंग योजना भी शामिल है। माल ढुलाई को आकर्षित करने के लिए अतिरिक्त योजनाओं के अलावा कुछ नियमों में छूट भी प्रदान की जा रही है।
नवीनतम प्रमुख योजनाओं में क्रमशः मंडल रेल प्रबंधकों को शक्तियों का प्रत्यायोजन, टीईएफडी स्कीम का उदारीकरण, कवर्ड स्टॉक में न्यूनतम 20 वैगनों के मिनी रेक का लदान, वजन ओवरलोडिंग हेतु दंड के प्रावधानों में रियायत, प्राइवेट साइडिंग ग्राहकों के लिए नि:शुल्क समयों की डेबिट/क्रेडिट प्रणाली, खुले वैगनों में बैगेड कंसाइनमेंट के लदान के लिए मुफ्त घंटों में वृद्धि, माल ग्राहकों के लिए हैंडलिंग एजेंटों के नाम पर धन प्राप्ति जारी करना, ट्रेन लोड लाभ हेतु बीसीएनएचएल रैक संरचना में छूट एवं टू प्वाइंट डेस्टिनेशन्स के बीच की दूरी के तहत वरीयता को शामिल किया गया है।
टू प्वाइंट डेस्टिनेशन्स टर्मिनलों के लिए लदान के लिए पूर्व में यह शर्त थी कि कम व्यस्त सीजन के दौरान टू डेस्टिनेशन टर्मिनल के बीच की दूरी 400 किलोमीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए और व्यस्त सीजन के दौरान 200 किलोमीटर से अधिक की दूरी नहीं होनी चाहिए। टू प्वाइंट ओरिजिनेटिंग टर्मिनलों से लदान के लिए भी 200 किलोमीटर से अधिक की दूरी नहीं होनी चाहिए। टू प्वाइंट डेस्टिनेशन्स टर्मिनलों के मध्य की अनिवार्य दूरी में छूट देते हुए संपूर्ण वर्ष के लिए समान रूप से 500 किलोमीटर तक कर दी गई है। यह छूट दोनों सीजनों अथवा टू पॉइंट डेस्टिनेशन या टू ओरिजनेटिंग टर्मिनलों जैसी स्ट्रीम में कोई भी अंतर ना रखते हुए दी गई है। इसकी वैधता दिनांक 31.12.2020 तक बढ़ा दी गई है।
ठाकुर ने कहा कि माल भाड़ा ग्राहकों के फायदे के लिए पूर्व में लागू की गई माल भाड़ा प्रोत्साहन योजनाओं के अतिरिक्त शुरू की गई 9 और माल भाड़ा प्रोत्साहन योजनाएं, पश्चिम रेलवे पर माल भाड़ा यातायात को बढ़ावा देने में निश्चित रूप से अहम भूमिका निभाएंगी।