मालगाड़ी डिरेल : 25 घंटे बाद शुरु हुआ दिल्ली हावड़ा ट्रैक

दो सौ कर्मचारियों ने ट्रैक को किया दुरुस्त, 100 मीटर उखड़ा था ट्रैक

कानपुर (हि.स.)। दिल्ली हावड़ा रुट के डाउन ट्रैक पर शुक्रवार की भोर पहर करीब चार बजे अंबियापुर के पास एक मालगाड़ी डिरेल हो गई थी। इससे 22 बोगियां मालगाड़ी की पलटकर क्षतिग्रस्त हो गईं। भीषण हादसे के बाद हरकत में आये रेल प्रशासन ने आलाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपकर करीब दो सौ कर्मचारियों को लगाया गया। इन कर्मचारियों ने लगातार मरम्मत का कार्य कर करीब 25 घंटे बाद डाउन ट्रैक को सही कर लिये। हालांकि अप ट्रैक रात करीब साढ़े बारह बजे ही सही हो गया था। शनिवार साढ़े पांच बजे के बाद से दोनों ट्रैकों पर ट्रेनों का संचालन शुरु कर दिया गया है।

कानपुर देहात जनपद के रूरा स्टेशन के पास अंबियापुर में शुक्रवार भोर पहर करीब चार बजे एक मालगाड़ी डिरेल हो गई थी। डिरेल होने से करीब 100 मीटर रेलवे ट्रैक उखड़ गया था और 22 बोगियां क्षतिग्रस्त हो गई थी। हादसे के बाद डीआरएम से लेकर तमाम रेलवे के अधिकारी मौके पर पहुंचे और ट्रेनों का रुट बदल दिया गया। इसके साथ ही दो सौ कर्मचारियों को जल्द ट्रैक सही करने को लगाया गया। शुक्रवार भोर पहर से लेकर पूरी रात ट्रैक मरम्मत का का र्य चलता रहा। रात करीब 12.30 बजे अप ट्रैक को सही कर लिया गया और पहले इंजन को ट्रैक पर चलाकर ट्रायल किया गया। इसके बाद काशन देकर ट्रेनों को निकाला गया। हालांकि डाउन ट्रैक पर शनिवार सुबह तक काम चलता रहा और पहली ट्रेन 5.30 बजे निकाली गई। करीब 11 बजे रेल कर्मियों ने ट्रैक को पूरी तरह से दुरुस्त कर दिया गया। रेलवे ने सबसे पहले मालगाड़ी निकाल कर टेस्टिंग की। अब डायवर्ट हुई पैसेंजर ट्रेन को 20 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलाया जा रहा है। इससे पहले रेलवे ने 48 घंटे बाद दिल्ली-हावड़ा ट्रैक को बहाल करने की बात कही थी। हालांकि, करीब 200 रेलवे कर्मियों ने रात-दिन एक कर मरम्मत कार्य पूरा कर लिया है।

निरस्त हो गई थी शताब्दी एक्सप्रेस

हादसे के बाद ट्रेनों का संचालन बंद कर दिया गया था। वहीं औरैया, झींझक, फफूंद, इटावा तथा पनकी, कानपुर और फतेहपुर तक पड़ने वाले स्टेशनों पर ट्रेनें जहां की तहां खड़ी हो गईं थीं। बाद में रेलवे अफसरों ने आनन फानन वैकल्पिक व्यवस्था के तहत टूंडला स्टेशन और कानपुर व प्रयागराज स्टेशन से ट्रेनों को डायवर्ट कर दिया था। इसके आलावा शताब्दी एक्सप्रेस निरस्त कर दी थी, जबकि वंदेभारत और तेजस एक्सप्रेस के रूट में परिवर्तन किया गया था।

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