मदरसा जामिया अली हसन अहले सुन्नत में सालाना जलसे व अताए-रसूल कान्फ्रेंस का आयोजन हुआ
रोहित कुमार गुप्ता
उतरौला बलरामपुर । उतरौला के मदरसा जामिया अली हसन अहले सुन्नत में 20 फरवरी को सालाना जलसे व अताए-रसूल कान्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इसमें 6 तलबा ने मुफ्ति, 11 ने आलिम, 13 तलबा ने फज़ीलत, 15 तलबा ने दर्जा ए कीरत (कारी), और 24 तलबा ने हिफ्ज़, हाफिजे कुरान का कोर्स पूरा किया। जलसे में मौलाना हाशिम कानपुरी मौलाना सैयद मोहम्मद खलीक अशरफ गुड्डू मियां व दीगर उलेमाओं ने मुफ्ति, कारी, आलिम, फज़ीलत और हाफ़िज़ को दसतार बांधा। साथ ही सभी को जुब्बा, सदरी व सनद देकर सम्मानित किया। इससे पूर्व शब ए मेराज़ की एक बैठक में मुंह ज़बानी एक मुकम्मल कुरान सुनाने वाले 6 तलबा को मदरसा प्रबंधक अबुल हसन खान की जानिब से 5100 रुपए का नकद इनाम देकर सम्मानित किया गया। इनके अलावा मदरसे के टाप थ्री छात्रों को भी सम्मानित किया गया।
मदरसा प्रिंसिपल मुफ्ती महबूब आलम ने कहा कि अरबी- उर्दू के साथ दुनियावी तालीम भी बेहद ज़रूरी है। मदरसा जामिया अली हसन अहले सुन्नत में पिछले 16 सालों से दीनी तालीम के साथ दुनियावी तालीम दी जा रही है। वर्ष 2007 में इस मदरसे की स्थापना की गई थी। तब से सैकड़ों तलबा यहां से मुफ्ति, आलिम, कारी, फजीलत व हिफ्ज़ की सनद प्राप्त कर चुके हैं। प्रदेश के अलाव कई अन्य राज्यों के बच्चे इस मदरसे में तालीम याफ्ता हैं। मदरसा सरपरस्त मौलाना मोहम्मद हाशिम अशरफी ने कहा कि मदरसे के संचालक व प्रबंधक अबुल हसन खान, सेक्रेटरी अख्तर हुसैन खान, इकबाल हुसैन खान, मोहम्मद इमरान खान की मेहनत रंग लाई है। इन्होंने दीन के काम को आगे बढ़ाया है। मदरसे में बच्चों को उर्दू, अरबी की शिक्षा के साथ अंग्रेजी, हिंदी, गणित और कंप्यूटर की शिक्षा भी दी जा रही है। कहा कि आज दसतार में मुफ्ती, आलिम, फज़ीलत, कारी व हिफ्ज का डिग्री दिया गया है। अब ये तलबा भी किसी मौलवी की तरह इस्लाम धर्म की जानकारी देने का हक रखते हैं।
उन्होंने कहा कि एक दीनी तालीम याफ्ता पूरे खानदान को संवार सकता है।सालाना जलसे की निज़ामत मौलाना एजाज रज़ा हशमती ने किया।
सलातो सलाम के बाद मुल्क की तरक्की, खुशहाली व अमनो अमान की दुआ के बाद जलसा ए दसतार का समापन किया गया। इस मौके पर मदरसा उप प्रबंधक अशफाक अहमद उर्फ बेचन, मदरसा के एजुकेशन डायरेक्टर मौलाना अकरम रज़ा अलीमी, मुस्ताक प्रधान, हाजी मुस्तकीम, अब्दुरर्हमान, अकबर, मोहम्मद फिरोज़, अशफाक अंसारी, मौलाना अख्तर रज़ा,मौलाना रेहान रज़ा सहित भारी संख्या में लोग मौजूद रहेे।