मछली कारोबार करने को कानपुर में सभी नदियों का 62 फीसदी हो चुका है ठेका

कानपुर (हि.स.)। मछली कारोबार के लिए कानपुर नगर के सभी नदियों के कुल जल का लगभग 62 प्रतिशत ठेका समितियों को दे दिया गया है। लेकिन बचे हुए जल क्षेत्र के लिए कानपुर में कोई सहकारी समिति ही नहीं बची है। इस वजह से वहां का ठेका नहीं हो पाया। यह जानकारी गुरुवार को कानपुर नगर के मत्स्य सहायक निदेशक एन.के.अग्रवाल ने दी।

उन्होंने बताया कि मछुआरा समाज के कल्याण करने को केन्द्र एवं राज्य सरकार मत्स्य कारोबार के लिए कई योजनाएं चला रही है। कानपुर में नदियों का जल क्षेत्र सबसे अधिक है। उसके मुताबिक समितियां ही नहीं हैं जिससे 38 प्रतिशत नदी जल क्षेत्र का ठेका नहीं हो सका।

श्री अग्रवाल ने बताया कि कानपुर नगर क्षेत्र के सदर तहसील, घाटमपुर, नरवल क्षेत्र में गंगा, यमुना, पांडू एवं रिंद नदी है। जिससे यहां मछली कारोबार के लिए बहुत बड़ा जल क्षेत्र है। इसके मुताबिक सहकारी समितियों की संख्या बहुत कम है। हालांकि 62 फीसदी जलक्षेत्र का ठेका हो चुका है। जबकि बचे हुए क्षेत्र में दौलतपुर, सर गांव में पांच स्थानों पर और नरवल में दो जांडू में दो और रिंदा में दो एवं अन्य दो स्थानों का अभी तक ठेका नहीं हो सका।

उन्होंने अपील किया है कि मछली के परम्परागत कारोबारी एवं मछुआ समाज के ऐसे लोगों के पास यदि कोई सहकारी समिति है तो वह शेष जल क्षेत्र का ठेका लेने के लिए आवेदन कर सकते हैं। यह आवेदन ऑनलाइन विकास भवन स्थित जिला मत्स्य कार्यालय में जमा कर सकते हैं।

राम बहादुर//बृजनंदन

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