मकर संक्रांति पर लखनऊ मेट्रो के आस-पास चाइनीज मांझे से पतंग उड़ाना खतरनाक : कुमार केशव
लखनऊ (हि.स.)। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (यूपीएमआरसीएल) के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने बुधवार मकर संक्रांति पर्व की बधाई देते हुए कहा कि लखनऊ मेट्रो के आस-पास चाइनीज मांझे से पतंग उड़ाना खतरनाक है। इसलिए मकर संक्रांति के पर्व पर लखनऊ वासियों से अपील है कि वे चाइनीज मांझे से दूरी बनाए रखें। ताकि किसी भी अनहोनी को रोका जा सके।
उन्होंने कहा कि मकर संक्रांति के पर्व पर लखनऊ में हर साल लोग पतंगबाजी करते हैं। पतंगबाजी के दौरान चाइनीज मांझे का इस्तेमाल भी किया जाता है। यूपीएमआरसीएल चाइनीज मांझे के खिलाफ लगातार जागरुकता अभियान चलाता रहा है। हाल ही में यूपीएमआरसीएल के कर्मचारियों ने लोगों को गुलाब का फूल भेंट कर चाइनीज मांझा इस्तेमाल नहीं करने की अपील की थी।
प्रबंध निदेशक ने कहा कि यूपीएमआरसीएल लोगों का विश्वास बनाए रखने के लिए तत्परता से सेवाओं को और बेहतर करने में लगा हुआ है। चाइनीज मांझे से कई बार लखनऊ मेट्रो की सेवाएं बाधित हो चुकी है, जिसकी वजह से मेट्रो यात्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा है। लॉक डाउन के बाद गत 07 सितम्बर से लखनऊ मेट्रो की सेवाओं को फिर से शुरू किया गया है।
लॉक डाउन के बाद से 38,471 यात्रियों के साथ लगभग 50 प्रतिशत राइडर शिप लखनऊ मेट्रो ने फिर से पूरी कर ली है। यूपीएमआरसीएल लोगों की सुरक्षित एवं सुविधाजनक यात्रा का भरोसा दिलाता है। साथ ही कोरोना काल में लखनऊ मेट्रो पर भरोसा बनाए रखने के लिए लोगों को धन्यवाद भी करता है।
दरअसल, चाइनीज मांझा बिजली का अच्छा चालक होता है। पतंग उड़ाते समय जब मांझा ओएचई (बिजली का तार) के संपर्क में आता है तो वहां शॉर्ट सर्किट होता है। ऐसे में कई बार ओएचई टूट कर गिर जाती है जिससे मेट्रो ट्रैफिक बाधित होता है। साथ ही धातु के धागे (मेटेलिक थ्रेड) का ओएचई के संपर्क में आने पर पतंग बाजी करने वाले की जान का खतरा भी रहता है। मेट्रो रेलवे एक्ट अधिनियम 78 की धारा 11 के तहत मेट्रो प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने पर 10 साल की सजा का प्रावधान भी है।