भूमि पूजन करवा रहे पुरोहित ने पीएम से दक्षिणा में क्या मांगा?

संवाददाता

अयोध्या. भारतवासियों को जिस घड़ी का सदियों से इंतजार था, आखिरकार वो आज ही गई. बुधवार को मंत्रोच्चार के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन का कार्यक्रम संपन्न कराया. नरेंद्र मोदी के मंदिर में आधारशिला रखने के बाद पूजन संकल्प के दौरान पुरोहित ने कहा, ’किसी भी यज्ञ में दक्षिणा महत्वपूर्ण होती है.’
पुरोहित ने प्रधानमंत्री मोदी ने कहा ’आज उन्होंने इतनी बड़ी दक्षिणा दे दी कि अरबों का आशीर्वाद प्राप्त हो रहा है. भारत तो हमारा ही है, उससे ऊपर और कुछ दें. कुछ समस्याएं हैं, उन समस्याओं को दूर करने का संकल्प तो लिए हुए हैं, पांच अगस्त में कुछ और जुड़ जाए तो भगवान की कृपा होगी.’ देशभर में फैल रहे कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए राम मंदिर भूमिपूजन के दौरान पुरोहित और पीएम मोदी के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा गया था. इस दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल मौजूद रहीं.
कोरोना महामारी को देखते हुए राम मंदिर भूमि पूजन में शामिल हुए मेहमानों के बैठने का इंतजाम भी सोशल डिस्टेंसिंग को देखते हुए किया गया. खास बात है कि भूमिपूजन उस जगह पर किया जा गया, जहां रामलला विराजमान थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौ शिलाओं को रखकर राम जन्मभूमि मंदिर की आधारशिला रखी. इस ऐतिहासिक पल के गवाह करीब 150 साधु-संत बने. अयोध्या को 400 क्विंटल फूलों से सजाया गया है. थाईलैंड से ऑर्किड तो बेंगलुरु से अपराजिता के फूल मंगाए गए हैं. वहीं, नारंगी और लाल रंग के डबल टोन्ड गेंदा के फूल कोलकाता से आए हैं. राममंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट ने भूमि पूजन के बाद साढ़े तीन साल का लक्ष्य रखा है. शुरुआती ढेड़ साल में मंदिर का भूमि तल पर निर्माण कार्य को पूरा करने का वक्त तय किया है. इसके बाद अगले दो सालों में ऊपरी दोनों तलों पर निर्माण कार्य को पूरा करने का टारगेट रखा है. इस तरह से साढ़े तीन साल में मंदिर के शिखर तक के काम को पूरा कर लेना है.

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