भारतीयों की जासूसी के मामले में चर्चा के लिए कांग्रेस सांसदों ने दिया स्थगन प्रस्ताव
नई दिल्ली। भारत में बड़े राजनीतिक एवं सामरिक क्षेत्र में बड़े पदों पर बैठे लोगों की जासूसी चीन द्वारा कराए जाने के मामले को लेकर एक बार फिर विपक्ष ने सरकार को घेरा है। संसद के दोनों सदनों राज्यसभा और लोकसभा में कांग्रेस नेताओं ने इस मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव भी दिया है।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने ‘राजनीतिक नेताओं और प्रमुख अधिकारियों पर चीनी निगरानी’ के मुद्दे पर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव दिया है। उन्होंने कहा कि क्या मोदी सरकार को इस गंभीर मामले का पहले पता था या भारत सरकार को पता ही नहीं चला कि हमारी मुखबिरी हो रही है? उन्होंने यह भी कहा कि भारत सरकार को पड़ोसी देश चीन को अपनी हरकतों से बाज़ आने का स्पष्ट संदेश देना चाहिए।कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने राज्यसभा में कहा कि एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शेन्जेन स्थित टेक कंपनी जो चीनी सरकार से जुड़ी हुई है, वह 10000 भारतीयों को ट्रैक कर रही है। मैं सरकार से जानना चाहता हूं कि क्या उसने इस पर ध्यान दिया है। अगर हां, तो क्या कार्रवाई की गई? उन्होंने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है कि देश के सामरिक हितों की रक्षा करने में केंद्र बार-बार विफल हो रहा है?
उल्लेखनीय है कि एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि चीन भारत के बड़े राजनीति और सामिरक क्षेत्र में बड़े पदों पर बैठे लोगों की जासूसी करा रहा है। इस जासूसी लिस्ट में प्रधानमंत्री मोदी समेत पांच प्रधानमंत्रियों, पूर्व और वर्तमान के 40 मुख्यमंत्रियों, 350 सांसद, कानून निर्माता, विधायक, मेयर, सरपंच और सेना से जुड़े समेत करीब 1350 लोगों के नाम शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार के इशारे पर चीनी कंपनी शेनझेन इंफोटेक और झेन्हुआ इंफोटेक जासूसी कर रहीं हैं। इन कंपनियों का मुख्य काम ही दूसरे देशों पर नजर रखना है।