बेहतर पैदावार के लिए फसलों में कीटनाशक दवाओं का प्रयोग सावधानी से करें किसान : कृषि वैज्ञानिक
कानपुर (हि.स.)। हर कोई किसान चाहता है कि उसके द्वारा बोई गई फसल की बेहतर पैदावार प्राप्त हो। इसके लिए किसान बहुत ही मेहनत से खेत में काम करता है। लेकिन फसलों में रोगों से बचाव करने हेतु कीटनाशक दवाओं का प्रयोग करते समय तनिक भी चूक हुई तो हानि भी उठा सकते हैं। यह जानकारी मंगलवार को बात करते हुए चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कानपुर के कृषि एवं मौसम वैज्ञानिक डॉ.एस.एन.सुनील पांडेय ने दी।
उन्होंने बताया कि फसलों की बेहतर पैदावार के लिए किसान फसलों में खाद व उर्वरकों का उपयोग करते हैं। जिस प्रकार फसलों की बेहतर पैदावार के लिए पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। ठीक उसी प्रकार रोगों की रोकथाम के लिए कीटनाशक दवाओं का छिड़काव की भी आवश्यकता होती है।
थोड़ी सी चूक में जा सकती है जान
डॉ. पांडेय ने बताया कि अधिकतर देखा गया है कि किसान खेत में कीटनाशक का छिड़काव करते हुए कई बार दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं। ऐसे में किसानों को कीटनाशक का छिड़काव करते समय लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। आपकी एक छोटी सी लापरवाही से आपका बहुत नुकसान हो सकता है। यह कीटनाशक इतने घातक होते हैं जिससे किसान की मौत तक हो सकती है। इसलिए कीटनाशकों का छिड़काव करते समय किसानों को कुछ खास बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए ताकि सुरक्षित तरीके से फसलों पर कीटनाशक का छिड़काव किया जा सके।
जाने फसलों कब और कैसे करें दवाओं का छिड़काव
उन्होंने किसान भाइयों से अपील की है कि फसलों पर कीटनाशक का छिड़काव करते समय ध्यान रखने वाली महत्वपूर्ण बातों की जानकारी होनी चाहिए साथ ही उन कीटनाशकों के बारे में भी बता रहे हैं जो सरकार की ओर से प्रतिबंधित किए हुए हैं।
क्या है कीटनाशक
डॉ. पांडेय ने बताया कि कीटनाशक वे पदार्थ होते हैं जिनका उपयोग कीटों को नियंत्रण करने के लिए किया जाता है। इसमें शाकनाशी, कीटनाशक, नेमैटिसाइड, कवकनाशी विषाणुनाशक सहित कई प्रकार के कीटनाशक होते हैं। अलग-अलग कीटों के लिए अलग-अलग कीटनाशक को डालने की सलाह कृषि वैज्ञानिकों द्वारा दी जाती है। कीटनाशक के प्रयोग से हम अपनी उपज को कीटों से मुक्त रख सकते हैं। लेकिन बड़े पैमाने पर फसल पर कीटनाशक का छिड़काव करने से बचना चाहिए। इससे फसलों के साथ ही उपभोक्ता को खतरा हो सकता है। अधिक उपयोग से फल, सब्जियां जहरीली हो जाती हैं जिसे खाकर व्यक्ति बीमार पड़ सकता है। ऐसे में कृषि विशेषज्ञों द्वारा कीटनाशकों के संतुलित उपयोग की सलाह दी जाती है।
जाने कौन सी कीटनाशकों पर लगा हुआ है प्रतिबंध
देश में कुछ कीटनाशकों को प्रतिबंधित किया गया है उनमें एल्यूमिनियम फास्फाइड, कैप्टाफोल, साइपरमेथ्रिन, डेजोमेट, डाइक्लोरो डिफेनिल ट्राइक्लोरो इथेन (डीडीटी), फनी ट्रोथियोन, मिथाइल ब्रोमाइड, मोनोक्रोटोफॉस, ट्राइफ्लुरलीन शामिल हैं। किसानों को इन कीटनाशकों के इस्तेमाल से बचना चाहिए।
कीटनाशकों के छिड़काव में इन 10 खास बातों का रखें ध्यान
उन्होंने बताया कि कीटनाशक का छिड़काव करते समय मुंह पर मास्क लगाएं, हाथों में दस्ताने सहित शरीर के सभी अंगों को कपड़े से ढंक लेना चाहिए। क्योंकि कई कीटनाशक त्वचा को नुकसान पहुंचाते हैं।फसलों पर सही समय पर इसकी उचित मात्रा का ही छिड़ाकाव करें, ज्यादा मात्रा में कीटनाशक का छिड़काव फसल व लोगों की सेहत दोनों के लिए हानिकारक है।
छिड़काव करते समय अपने स्प्रे पंप जिससे आप छिड़काव कर रहे हैं उसे अच्छी तरह से चेक कर लेना चाहिए। यदि स्प्रे पंप पर लगा नोजल खराब हो गया है तो उसे बदल देना चाहिए। कीटनाशक का छिड़काव फ्लेफैन या फ्लड जेट नोजल लगाकर करना चाहिए,फसलों पर छिड़काव के लिए कृषि वैज्ञानिक द्वारा निर्धारित की गई रसायन की मात्रा का पानी में घोल बनाकर स्प्रे करना चाहिए।फसलों पर कीटनाशकों का छिड़काव हवा के विपरित दिशा में नहीं करना चाहिए। इससे रसायन आपके शरीर पर गिर सकता है। इससे आपको हानि हो सकती है।
छिड़काव के समय बीड़ी, सिगरेट, जर्दा, तंबाकू, गुटखा आदि ऐसी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। फसलों पर कीटनाशक का छिड़काव कभी भी खाली पेट नहीं करना चाहिए। इससे आपको चक्कर आने जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। फसल पर छिड़काव पूरे खेत में एक सामान रूप से करना चाहिए। छिड़काव के बाद उपयोग में लिए गए स्प्रे पंप को अच्छी तरह से साफ कर लेना चाहिए। कीटनाशक रसायन को कभी सुंधना, चखना व स्पर्श नहीं करना चाहिए। ऐसा करने पर आप पर इसका वितरित प्रभाव पड़ सकता है आपकी जान को खतरा हो सकता है।
कीटनाशक का छिड़काव करने के बाद कीटनाशक रसायन के डिब्बों को तोड़कर जमीन में गहरा गाड़ देना चाहिए और अपने हाथों को साबुन की सहायता से अच्छी तरह से धो लेना चाहिए।
राम बहादुर/मोहित