बलिया में दो बार आए भगवान राम, भव्य मंदिर में रामलला के प्रवेश से बलियावासी खुश
बलिया (हि. स.)। अयोध्या में नवनिर्मित मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में अब सिर्फ एक दिन शेष बचा है। ऐसे में चहुंओर उत्सव का माहौल है। चूंकि भगवान राम भृगु क्षेत्र यानी बलिया से विशेष कनेक्शन है। यही वजह है कि यहां भी अयोध्या से कम उत्साह नहीं है।
मर्यादा पुरुषोत्तम राम के एक नहीं बल्कि दो बार आने का प्रसंग है। जिसका जिक्र पौराणिक ग्रंथों में भी है। बलिया के इतिहास पर काफी काम कर चुके इतिहासकार डा. शिवकुमार कौशिकेय बताते हैं कि प्रभु श्रीराम ने अपने जीवन काल में तीन ही यात्राएं किए थे। जिसमें दो बार बलिया आए।
उन्होंने बताया कि यहां एक बार बक्सर स्थित विश्वामित्र के सिद्धाश्रम जाने के क्रम में आए तो वहीं, दूसरी बार राजा राम के रूप में आए। बताते हैं कि वाल्मीकि रामायण के बालकांड में इसका उल्लेख है। महर्षि विश्वामित्र के साथ राम और लक्ष्मण अयोध्या से सरयू नदी के किनारे-किनारे चलते हुए वर्तमान बलिया जिले की गाजीपुर से लगी सीमा पर सिधागरघाट के पास पहुंचे। जहां से राक्षसी तड़का के राज्य की सीमा प्रारंभ होती थी। महर्षि विश्वामित्र ने राम और लक्ष्मण के साथ लखनेश्वरडीह में रात्रि विश्राम किया। यहीं पर उन्होंने मायावी राक्षसों से लड़ने के लिए राम और लक्ष्मण को बला-अतिबला की विद्या सिखाई थी। यहां एक शिवलिंग स्थापित किया जो आज लखनेश्वरडीह के नाम से सुविख्यात है।
डा. कौशिकेय बताते हैं कि भगवान राम और उनके भाई लक्ष्मण ने पहली बार बलिया आने के क्रम में दो रातें बिताई थी। जिस दौरान राक्षसों से युद्ध की विद्या सीखी थी। खास बात यह है कि भगवान राम के बलिया में आगमन के कारण लोग भाव विह्वल हैं। रविवार को कारो धाम से हजारों लोगों ने पूर्व मंत्री उपेन्द्र तिवारी के नेतृत्व में बलेश्वरनाथ धाम तक 28 किलोमीटर की पदयात्रा निकाली है। जिसमें रामभक्ति देखते ही बन रही है।
एन पंकज/राजेश