बलिया : जिले में स्वच्छ भारत मिशन की सुस्त पड़ी रफ्तार में आई तेजी
बलिया (हि.स.)। जिले में स्वच्छ भारत मिशन की सुस्त पड़ी रफ्तार में तेजी आयी है। अभियान के दूसरे चरण में चौदह ग्राम पंचायतों को लगभग संतृप्त कर दिया गया है। जल्द ही इन ग्राम पंचायतों का वेरिफिकेशन होगा।
प्रधानमंत्री मोदी के केन्द्र में सत्ता संभालने के बाद 2014 में स्वच्छता को मिशन मोड में अपनाया गया। प्रधानमंत्री की प्रेरणा से शहर-शहर, गांव-गांव स्वच्छ भारत मिशन के तहत साफ-सफाई पर विशेष जोर दिया गया। जिले की 940 ग्राम पंचायतों में भी इस अभियान को गति दी गई। खुले में शौच से गांवों को मुक्ति मिली। साल 2021 में स्वच्छ भारत मिशन के द्वितीय फेज लागू होने के बाद जिस तेजी से साफ-सफाई पर काम होना चाहिए, वह नहीं हुआ। पंचायत राज विभाग सोया रहा। हालांकि, वर्तमान जिलाधिकारी रवीन्द्र कुमार ने आते ही स्वच्छ भारत मिशन के द्वितीय चरण की समीक्षा की और नगर निकायों से लेकर ग्राम पंचायतों तक इस अभियान को मिशन मोड में पूरा करने के निर्देश दिए। गत मई माह में 14 ग्राम पंचायतों में इस अभियान के तहत सारी जरूरतें पूरी कर ली गई हैं। पंचायत राज विभाग जल्द ही वेरिफिकेशन कर संतृप्तिकरण की घोषणा कर देगा।
जिला पंचायत राज अधिकारी यतीन्द्र सिंह ने इस संबंध में बताया कि वर्ष 2023-24 के लिए यह अभियान फिलहाल पांच से अधिक आबादी की 95 ग्राम पंचायतों व गंगा किनारे की 41 ग्राम पंचायतों में चल रहा है। पांच हजार से कम आबादी के 447 ग्राम पंचायतों की कार्य योजना बन गई है। जिला स्वच्छता समिति में पास भी हो गई है। पैसे की डिमांड भेजी गई है। जल्द ही इन पर भी कार्य शुरू होगा।
उन्होंने बताया कि पांच हजार से कम आबादी वाले ग्राम पंचायतों में 340 प्रति व्यक्ति खर्च होता है। इसके तहत सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, तरल कचरा प्रबंधन व मलिन कचरा प्रबंधन किया जाता है। जबकि पांच हजार से अधिक आबादी वाले ग्राम पंचायतों में 705 रुपये आता प्रति व्यक्ति खर्च होता है।
एन पंकज/राजेश