बलरामपुर :22 जनवरी श्रीरामलला प्राण प्रतिष्ठा को लेकर भारत-नेपाल सीमा पर बढ़ाई गई चौकसी
डीएम व एसपी ने नेपाल के सशस्त्र पुलिस बल अधिकारियों के साथ अन्तर्राष्ट्रीय सीमा का किया निरीक्षण
ड्रोन कैमरे से भारत नेपाल सीमा पर रखी जा रही है पैनी नजर
बैठक कर सीमा सुरक्षा एवं मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ प्रभावी कार्यवाही की बनी रणनीति
रोहित कुमार गुप्ता
बलरामपुर। 22 जनवरी को अयोध्या में आयोजित हो रहे श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम एवं गणतंत्र दिवस के दृष्टिगत सुरक्षा व्यवस्था, भारत-नेपाल सीमा पर मादक पदार्थों की तस्करी पर प्रभावी कार्यवाही तथा वन माफियाओं के विरूद्ध कार्यवाही को लेकर जिलाधिकारी अरविन्द सिंह, पुलिस अधीक्षक केशव कुमार तथा नेपाल के सशस्त्र पुलिस बल के अधिकारियों के साथ नेपाल सीमा पर कोयलाबास में एसएसबी की सीमा निगरानी चौकी में बैठक सम्पन्न हुई। बैठक के बाद दोनों देशों के अधिकारियों ने अन्तर्राष्ट्रीय सीमा का संयुक्त निरीक्षण कर जायजा लिया।
बैठक में अधिकारियों ने सोमवार 22 जनवरी को अयोध्या में आयोजित हो रहे भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दृष्टिगत सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चर्चा की जिसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि 22 जनवरी के आयोजन के दृष्टिगत अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पर चौकसी और बढ़ा दी जाय तथा सघन तलाशी अभियान चलाकर चेकिंग का कार्य कराया जाय व संदिग्ध व्यक्तियों पर पैनी नजर रखी जाये। जिलाधिकारी ने कहा कि 22 जनवरी को श्रद्धालु अयोध्या जायेंगे इसलिए उनकी आड़ में देश विरोधी एवं असामाजिक तत्व न जाने पाएं। घुसपैठियों पर रोक आदि के लिए अनावश्यक व अनैतिक आवागमन पर नजर रखी जाये तथा शक हो तो तुरन्त पूछताछ की जाये। यह सुनिश्चित किया जाय कि लोग पगडन्डियों से न आएं। पिकेट लगाकर पेट्रोलिंग एवं चेकिंग की जाय।
भारत नेपाल सीमा पर ड्रोन कैमरे से होने वाले गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जा रही हैं।
इसी प्रकार विभिन्न अन्तर्राष्ट्रीय नियमों के तहत अनैतिक व्यापार रोधी उपायों के संबंध में बाध्यताओं का कार्यान्वयन एवं नारकोटिक औषधियों और मादक पदार्थों के अवैध व्यापार के निवारण और रोकथाम में समन्वय स्थापित करते ठोस कार्यवाही की जाय। नशीली दवाओं के दुरुपयोग और इसकी रोकथाम के सम्बन्ध में चर्च की गई कि राज्यों को उनके औषधि कानून प्रवर्तन के प्रयासों में सहायता करने, सूचना एकत्र करना और इसका आदान-प्रदान करना, जब्ती संबंधी ऑकड़ों का विश्लेषण तथा प्रवृत्ति का अध्ययन एवं कार्यप्रणाली व राष्ट्रीय औषधि प्रवर्तन सांख्यिकी तैयार करने की कार्यवाही की जाय।
पेड़ों की कटान रोकने तथा वन माफियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ प्रभावी कार्यवाही के सम्बन्ध में भी गहन कर चर्चा कर वन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई किये जाने की रूपरेखा तय की गई। निर्देश दिए गए कि ऐसे लोगों को चिन्हित कर वन विभाग के अधिकारी सूची तैयार करें। जिलाधिकारी ने कहा कि अनुमति के बिना पेड़ को काटना अपराध है। भारतीय वन कानून के अनुसार पेड़ों की चोरी, पर्यावरण को नुकसान पहुंचने और प्रदूषण एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जाय। इस दौरान दोनों देशों के अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।