बलरामपुर :शहर के बाशिंदों की कसौटी पर अभी तक खरा नही उतरा किसी दल का जनप्रतिनिधि

चुनाव में विकास की कसौटी पर नुमाइंदे को परखेंगे मतदाता

रोहित गुप्ता
उतरौला/बलरामपुर
नगर निकाय चुनाव की बिगुल बजते ही पांच साल बाद शहर में एक बार फिर चुनावी वादों की बाढ़ आ ग‌ई है।पार्टी प्रत्याशियों द्वारा अपने-अपने पक्ष में वोट करने के लिए हर हथकंडे अपनाए जा रहे हैं।कोई विकास की गंगा बहाने की बात कर रहा है तो कोई धरती पर स्वर्ग उतारने की तैयारी में जुटा है।लेकिन इस बार मतदाता उनके बहकावे में नही आने वाले हैं।मतदाताओं का कहना है कि अब की नगर निकाय चुनाव में हम वोट उन्हीं नुमाइंदे को करेंगे जो विकास की कसौटी पर खरा उतरेगा,नगर के मतदाता पूरी तरह से इस चुनाव में सजग हैं।
उनका आरोप है कि उतरौला को नगर पालिका का दर्जा करीब 37साल गुजर चुके हैं हर दल की सरकारें आई और चली भी ग‌ईं लेकिन शहर के गंभीर समस्याओं पर किसी ने ध्यान नही दिया।शहर में हालत यह है कि हर कोई जल निकासी को लेकर परेशान है।सफाई व्यवस्था तो सरकार की महत्वाकांक्षी योजना स्वच्छ भारत मिशन का खुलेआम मखौल उड़ रहा है।जबकि इस नगर पालिका आदर्श नगर पालिका का दर्जा मिला है लोगों को उम्मीद बढ़ी कि अब शहर की हर सुविधाएं आसानी से मिल सकेगी।यही सोचकर नगर की आबादी बढ़ी दुकान व मकान भी बढ़े मोहल्ले में सड़कों का विस्तार हुआ।

लेकिन जरूरत के हिसाब से संसाधन छोटे पड़ते ग‌ए। सबसे गंभीर समस्या घर का पानी नाली में गिरता है लेकिन नाली का पानी शहर से निकलने के लिए किसी भी सरकार के प्रतिनिधि ने ठोस व्यवस्था नही की।श्यामा प्रसाद मुखर्जी चौराहे के आस पास नाली का निर्माण कराया गया लेकिन जल निकासी की व्यवस्था न होने के कारण बेकार साबित हो रहा है।यहां तक कि बरसात के दिनों में वन विभाग कार्यालय व कोतवाली परिसर में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है जिसे पंपिग सेट के माध्यम से बाहर निकालना पड़ता है। नतीजा साफ है कि आज उसका खामियाजा यहां के लोगों को भुगतना पड़ रहा है।बस स्टेशन के बगल बना शहर पनाह नाला भी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है।

हिन्दुस्तान डेली न्यूज़ की टीम ने शहर के विभिन्न वार्डों में नगर निकाय चुनाव को लेकर मतदाताओं से बात की नगर निवासी देवता प्रसाद तिवारी,कल्लू,पाटनदीन,मोहरमा,आसिफ खां,मनीष , मंजूर हुसैन, मुकेश शुक्ला आदि ने बताया कि शुरू से इस नगर में जल निकासी की समस्या थी नेताओं ने वादा किया था चुनाव जीतने के बाद इसे दूर कर दिया जाएगा लेकिन आज भी समस्या जस का तस बनी हुई है‌।लोगों ने कहा कि हम इस बार वोट उसी को करेंगे जो हमारे जरूरी समस्याओं को गंभीरता से निदान करेगा।

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