बर्ड फ्लू : चिकन पर लगी रोक से कानपुर में रोजाना 10 करोड़ का हो रहा नुकसान
– पोल्ट्री फार्म फेडरेशन के पदाधिकारियों ने मंडलायुक्त से लगायी गुहार
कानपुर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के कानपुर में बर्ड फ्लू दस्तक दे चुका है और प्रशासन इसके खतरे से निपटने के लिए तैयारी कर ली है। इसके चलते प्रशासन ने एहतियात बरतते हुए चिकन की सभी दुकानों पर प्रतिबंध लगा दिया है। वहीं इस बीच शहर में जगह-जगह संदिग्ध अवस्था में लगातार कौवों की मौत के बाद प्रशासन और भी ज्यादा अलर्ट हो गया है। ऐसे में रोजाना लगभग 10 करोड़ का जनपद में नुकसान बताया जा रहा है और पोल्ट्री फार्म फेडरेशन के पदाधिकारियों ने मंडलायुक्त से मिलकर गुहार लगायी है।
जनपद में कई जगहों पर पक्षियों की मौत हो चुकी है और उनमें बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। इसके साथ ही इन दिनों लगातार कौओं, कबूतरों और अन्य पक्षियों की मौत हो रही है। इसको देखते हुए जिला प्रशासन ने सख्त कदम उठाया है और अगले आदेश तक शहर भर की चिकन दुकानों पर चिकन की बिक्री पर रोक लगा दी। यदि इस नियम का कोई भी उल्लंघन करता हुआ दिखाई दिया। तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। प्रशासनिक कार्रवाई के खौफ से चिकन दुकानें बंद हो गयी और चिकन बिकना बंद हो गया। इससे जनपद में रोजाना करीब 10 करोड़ रुपये के नुकसान की बात कही जा रही है। इसको लेकर बुधवार को पोल्ट्री फॉर्म ब्रोलिएर्स वेलफेयर फेडरेशन के तमाम पदाधिकारियों ने मंडलायुक्त डॉ राजशेखर से मुलाकात कर उन्हें हो रही समस्याओं के विषय पर अवगत कराया। पदाधिकारियों का कहना है कि चिकन बिक्री पर रोक लगाए जाने के बाद उन्हें रोजाना कानपुर शहर में ही 10 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। तो वहीं मण्डलायुक्त ने उनकी समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए संबंधित अधिकारियों तक भेज दिया है।