फूलों से जीवन की बगिया महका रहे हैं किसान
– फूलों की खेती से आत्मनिर्भर होकर कई लोगों को मिल रहा रोजगार
रायबरेली (हि.स.)। फूलों की सुगंध हर किसी को अच्छी लगती है लेकिन यही सुगंध अगर किसी के आमदनी का जरिया बन जाए तो वह जीवन में खुशियों के रंग भरने वाला लगता है। ऐसा ही माध्यम रायबरेली में फूलों की खेती करके कई किसान परिवार में महक और आर्थिक समृद्धि का वाला बन गया है। ये किसान इससे अपनी घर गृहस्थी न केवल बख़ूबी चला रहे हैं बल्कि कइयों को रोजगार भी मुहैया करा रहे हैं।
ऊंचाहार क्षेत्र में कंदरावन, खरौली और जमुनापुर के करीब 20 परिवार इन दिनों फूलों की खेती करके अच्छी कमाई कर रहे हैं। कंदरावन के सुरेश सैनी करीब दो बीघे में गेंदा, गुलाब आदि फूलों की खेती कर रहे हैं व प्रायगराज तक उनके उत्पाद की बिक्री होती है। वह दो लाख रुपये साल फूल बेचकर बचा लेते हैं।
शिवगढ़ क्षेत्र के बैंती गांव के रहने वाले सूरज मौर्या बताते हैं कि तीन वर्ष पूर्व उन्होंने अपने बहनोई से प्रेरित होकर गांव के किनारे स्थित अपने खेत में पांच बिस्वा में फूलों की खेती की शुरुआत की थी। विगत तीन वर्षों से वे गेंदा, गुल्दावरी की खेती करके एक फसल में 20 से 25 हजार रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं। उन्होंने बताया कि फूलों की खेती से परिवार की जीवनशैली बदल गई है। सबसे अच्छी बात है कि फूलों की खेती में जब फूल टूटने शुरू होते हैं आमदनी होनी शुरू हो जाती है। रोज फूलों की बिक्री होने से पास में हमेशा नकद धनराशि बनी रहती है जिससे खेती-बाड़ी का खर्च निकल आता है और बचत के साथ ही घरेलू खर्च चलता रहता है। उन्होंने बताया कि फूलों की खेती से घर-गृहस्थी के साथ ही उनकी खेती-बाड़ी आसान हो गई है।
सूरज मौर्या का कहना है कि आगे चलकर वृहद स्तर पर फूलों की खेती करेंगे। जरूरत पड़ी तो खेती लीज पर लेकर गेंदा, गुल्दावरी के साथ ही गुलाब, ग्लेडियस, रजनीगंधा की खेती की शुरुआत करेंगे।
रजनीश/मोहित/बृजनंदन