फर्जी अधिकारियों के गैंग के लिए सबसे सुरक्षित लग रहा कानपुर देहात
कानपुर देहात (हि.स.)। कानपुर महानगर से जुड़ा जनपद कानपुर देहात समय-समय पर चर्चा का विषय बन जाता है। फ़िलहाल इस वक़्त चर्चाओं में यहां फर्जी अधिकारियों के मिलने का सिलसिला चल रहा है। एक सप्ताह में दो फर्जी अधिकारीयों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। कानपुर देहात में लगातार फर्जी अधिकारी मिलना यह जनपद फर्जी अधिकारियों के गैंग के लिए सबसे सुरक्षित सा लगने लगा है।
नीली लाल बत्ती, दो-दो हूटर, मजिस्ट्रेट और जिला प्रशासन लिखी बुलेरो धड़ल्ले से कानपुर देहात में चक्कर काट रही थी। अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर सभी जनपदों में पुलिस सक्रिय है। पुलिस की सक्रियता के चलते एक सप्ताह के भीतर पुलिस ने दो फर्जी अधिकारियों को पकड़कर जेल भेज दिया है। पहला मामला 05 जनवरी को सामने आया था जहां रोहित मिश्रा निवासी फतेहपुर, जनपद में बतौर नायब तहसीलदार कलेक्ट्रेट में ज्वाॅइन करने पहुंच गया था, वहां कर्मियों से बताया कि डीएम से मुलाकात करनी है, उसकी तैनाती भोगनीपुर तहसील में हुई है, जब जिलाधिकारी से मुलाकात नहीं हुई तो शाम को वह माती सर्किट हाउस पहुंच गया। इसके बाद वह वहां से निकलते हुए रास्ते में पुलिस द्वारा पकड़ लिया गया। वहीं एक मामला मंगलवार को आया जहाँ पर नीली लाल बत्ती, दो-दो हूटर, मजिस्ट्रेट और जिला प्रशासन लिखी बुलेरो से राम जी यादव निवासी अन्ने निहुटा थाना शिवली जनपद में घूमकर धौंस दिखा रहा था। पुलिस की सक्रियता के चलते उसको मंगलवार देर शाम शिवली थाना इलाके के बैरी तिराहे के पास पकड़ लिया गया। सूचना के बाद नायब तहसीलदार अनिल चौधरी युवक के फर्जी होने की बात बताई।
2019 में पकड़ा गया था फर्जी आईपीएस
तीन वर्ष पूर्व भी ऐसा ही मामला सामने आया था, जहां पर अकबरपुर के थाना प्रभारी ऋषिकांत शुक्ला ने एक फर्जी आईपीएस को पकड़ कर जेल भेजा था। खुद को आईपीएस प्रशांत शुक्ला बताने वाला युवक ने स्वयं को 2012 बैच का दिल्ली कैडर का अधिकारी बताया था । साथ ही एनआईए में डीसीपी के पद पर तैनाती की बात कही थी। युवक मूल रूप से कानपुर कल्याणपुर के केशवपुरम में रहने वाला था। सूचना पर पहुंचे तत्कालीन एसपी अनुराग वत्स ने जब पड़ताल की मामले का खुलासा हो गया। युवक के फर्जी आईपीएस होने की पुष्टि होने पर उसे हिरासत में ले लिया गया था ।
अवनीश/सियाराम