पूर्वी हवाओं से जुलाई माह में कम हुई बारिश

कानपुर(हि.स.)। दक्षिण पश्चिम मानसून ने जुलाई माह में बिहार और दिल्ली आदि राज्यों में तो खूब बारिश किया, लेकिन कानपुर में औसतन कम रही। मौसम विभाग का कहना है कि हवाओं की दिशाएं पूर्वी होने से मानसून कमजोर रहा। इसके चलते पिछले पांच सालों में इस वर्ष जुलाई माह में सबसे कम बारिश हो सकी।

चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एस एन सुनील पाण्डेय ने गुरुवार को बताया कि कानपुर में जुलाई माह में बारिश कम होने के पीछे सबसे अहम कारण हवाओं की दिशाएं पूर्वी होना रहा। इन हवाओं के चलने से मानसून की ट्रफ रेखा बार बार कानपुर से खिसक रही थी। हालांकि उत्तर प्रदेश के उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्रों में ट्रफ रेखा बीच में सक्रिय होने से बारिश अच्छी हो सकी। यही नहीं कानपुर में अभी अगस्त माह में भी हवाओं की ऐसी ही स्थिति रहने वाली दिख रही हैं, जिससे हल्की से मध्यम बारिश के ही आसार हैं।

उन्होंने बताया कि पिछले पांच सालों में 2020 में सबसे अधिक 446.6 मिमी बारिश हुई। 2021 में 349.3 मिमी, 2019 में 345.7 मिमी, 2022 में 241.0 मिमी और 2023 में 178.5 मिमी बारिश हुई है।

अजय/मोहित

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