पिछले वर्ष की तुलना में तीस प्रतिशत तक गिरा आलू का भाव
-किसानों को राहत देने के लिए 650 रुपये प्रति कुंतल पर खरीद का किया है फैसला
-बाजार को थामने की सरकार कर रही कोशिश लेकिन किसानों की नहीं दूर हो पा रही है चिंता
लखनऊ (हि.स.)। आलू का भाव पिछले वर्ष की अपेक्षा ज्यादा कम होने के कारण किसानों की परेशानी जरूर बढ़ गयी है, लेकिन किसानों का अहित न हो, इस पर उद्यान विभाग विशेष रूप से ध्यान दे रहा है। यदि मंगलवार के दिन यानि 14 मार्च का प्रदेश का पिछले वर्ष का एवरेज थोक भाव देखें तो 900 रुपये प्रति कुंतल था, लेकिन इस वर्ष आज के दिन ही पूरे प्रदेश का एवरेज भाव छह सौ रुपये है, जो किसानों के परेशानी का कारण बन गया है। इसीलिए सरकार ने आलू 650 रुपये प्रति कुंतल खरीदने का फैसला किया है, जिससे कि इस रेट तक बाजार को स्थित किया जा सके। इससे नीचे जाने पर किसानों की परेशानी ज्यादा बढ़ जाएगी।
यदि 14 मार्च के आलू के थोक भाव का पिछले साल के 14 मार्च के भाव से ही तुलना करें तो आगरा में इस वर्ष 650 रुपये रहा, जबकि पिछले वर्ष 1030 रुपये था। वहीं मथुरा में 650 है, जबकि पिछले वर्ष 950 रुपये था। वहीं अलीगढ़ में इस वर्ष 670 रुपये है, जबकि पिछले वर्ष 1100 रुपये था। हाथरस में इस वर्ष 660 रुपये रहा, जबकि पिछले वर्ष 1050 रुपये रहा।
आज बरेली में 500 रुपये कुंतल तक बिका आलू, पिछले वर्ष बिका था 840 रुपये
बरेली मंडल की तुलना करें तो इस वर्ष 14 मार्च को 500 रुपये प्रति कुंतल आलू बिका, जबकि पिछले वर्ष इसी तिथि को 840 रुपये बिक्री हुई। शाहजहांपुर में 560 रुपये रहा, जबकि पिछले वर्ष 985 रुपये रहा। अमरोहा में 530 रुपये रहा, जबकि पिछले वर्ष 840 रुपये रहा। अयोध्या मंडल के अयोध्या में 14 मार्च को आलू के थोक भाव का मूल्य 625 रुपये रहा, जबकि पिछले वर्ष इसी तिथि को 1000 रुपये रहा। गोंडा में इस वर्ष 600 रुपये, जबकि पिछले वर्ष इसी तिथि को 830 रुपये था। सुलतानपुर में 640 रुपये, पिछले वर्ष 860 रुपये था। वहीं अकबरपुर में 620 रुपये, पिछले वर्ष इसी तिथि को 1080 रुपये था। बलरामपुर में 635 रुपये, जबकि पिछले वर्ष 830 रुपये था।
गोरखपुर में 665 रुपये, पिछले वर्ष था 860
गोरखपुर मंडल के गोरखपुर की बात करें तो 665 रुपये, पिछले वर्ष 860 रुपये था। वहीं आजमगढ़ में 680 रुपये, पिछले वर्ष 865 रुपये था। बस्ती में 675 रुपये, पिछले वर्ष 890 रुपये था। वाराणसी में 620 रुपये, जबकि पिछले वर्ष 1060 रुपये था, जौनपुर में 600 रुपये, जबकि पिछले वर्ष 1000 रुपये था। वहीं गाजीपुर में 630 रुपये, जबकि पिछले वर्ष इसी तिथि को 950 रुपये रहा।
मेरठ में आज का रेट रहा 650 रुपये, पिछले वर्ष था 950
मेरठ मंडल की बात करें तो मेरठ में आज का रेट 650 रुपये रहा, जबकि पिछले वर्ष इसी तिथि को 950 रुपये रहा, बुलंदशहर में 520 रुपये रहा, वहीं पिछले वर्ष 1075 रुपये रहा। दादरी में 630 रुपये रहा, वहीं पिछले वर्ष 1065 रुपये रहा। लखनऊ में इस 650 रुपये रहा, पिछले वर्ष 1040 रुपये रहा। कानपुर में इस वर्ष 620 रुपये रहा, वहीं पिछले वर्ष इसी तिथि को 810 रुपये रहा।
2014 से अब तक जनवरी माह के आलू का एवरेज रेट
यदि 2014 से अब तक के आलू के एवरेज थोक मूल्य का भाव की तुलना करें तो जनवरी माह में 2014 में 817 रुपये प्रति कुंतल, 2015 में 640 रुपये, 2016 में 506 रुपये, 2017 में 467 रुपये, 2018 में 516 रुपये , 2019 में 571 रुपये, 2020 में 1270 रुपये, 2021 में 848 रुपये, 2022 में 847 रुपये और 2023 में 865 रुपये एवरेज रेट रहा।
2014 से अब तक फरवरी माह के आलू का एवरेज रेट
फरवरी माह का एवरेज रेट 687 रुपये, 2015 में 598 रुपये, 2016 में 453 रुपये, 2017 में 453 रुपये, 2018 में 518 रुपये, 2019 में 554 रुपये, 2020 में 667 रुपये, 2022 में 845 रुपये और 2023 में 693 रुपये रहा। वहीं मार्च माह में पिछले वर्ष एवरेज रेट 892 रुपये रहा, जो अभी तक बहुत नीचे जा रहा है।
उद्यान निदेशक ने कहा
इस संबंध में उद्यान निदेशक डा. आरके तोमर ने ‘हिन्दुस्थान समाचार’ से विशेष वार्ता में कहा कि शासन स्तर पर प्रतिदिन बाजार भाव पर निगाह रखी जा रही है। हर जिले में उद्यान अधिकारी बाजारों का निरीक्षण करने का भी काम कर रहे हैं। किसानों का अहित किसी भी हालत में नहीं होने दिया जाएगा।
उपेन्द्र