पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देते हुए एलओसी पर कानपुर का लाल त्रिवेद प्रकाश शहीद
– सेना की 6 आरआर बटालियन पैरंट यूनिट 332 मीडियम रेजीमेंट में था तैनात
मो. महमूद
कानपुर (हि.स.)। भारत की सीमा एलओसी पर एक बार फिर पाकिस्तान ने नाकाम हरकत की। संघर्ष विराम का उलंघन कर गोलाबारी की गई है। पाक की नापाक हरकत का मुंहतोड़ जवाब देते हुए उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले का जवान त्रिदेव प्रकाश शहीद हो गया।
उनकी शहादत की खबर जिले में पहुंचते ही परिजनों में करुण क्रंदन के साथ मातम पसर गया है। साथ ही उनके पैतृक गांव फतेहपुर के नंदापुर गांव में शोक की लहर दौड़ पड़ी। प्रशासन के मुताबिक शहीद का शव कानपुर की जगह उसके पैतृक गांव पहुंचेगा और शहीद को अंतिम विदाई के लिए तैयारियां की जा रही हैं।
नौबस्ता थाना क्षेत्र के आवास विकास हंसपुरम में शहीद लाल त्रिदेव प्रकाश का परिवार रहता है। त्रिदेव प्रकाश मूलरुप से फतेहपुर जनपद के बिंदकी तहसील के नंदापुर गांव के रहने वाले थे। उनके पिता अरुण कुमार तिवारी भी सेना से सेवानिवृत्त हुए हैं। पांच भाइयों में त्रिदेव सबसे छोटे थे और इनसे बड़े भाई देव प्रकाश सेना की 16 मीडियम रेजीमेंट में जयपुर में तैनात हैं। तीसरे नंबर के भाई वेद प्रकाश संयुक्त शिक्षा निदेशक कानपुर मंडल कार्यालय में लिपिक हैं। वहीं दो बड़े भाई शिवमोहन और हरमोहन गांव में रहते हैं।
त्रिदेव के शहीद होने की खबर जैसे ही नौबस्ता में रहने वाले परिवार को लगी तो बेसुध हो गये और पैतृक गांव नंदापुर में भी शोक की लहर दौड़ पड़ी। यहां से उनका परिवार पैतृक गांव के लिए रवाना हो गया। प्रशासन की ओर से दी गयी जानकारी के मुताबिक मंगलवार को सेना शहीद का शव लेकर आयेगी और पैतृक गांव फतेहपुर के नंदापुर गांव में शहीद को अंतिम विदाई दी जाएगी। इसके लिए फतेहपुर प्रशासन तैयारियों में जुट गया है।
2015 में सेना में हुआ था भर्ती
चचेरे भाई राजा ने बताया कि त्रिवेद प्रकाश सेना की 6 आरआर बटालियन पैरंट यूनिट 332 मीडियम रेजीमेंट में तैनात थे। वह वर्ष 2015 में नासिक महाराष्ट्र से सेना में भर्ती हुए थे। मौजूदा समय में वह जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में एलओसी पर तैनात थे, जहां पर हुई गोलीबारी उनके शहीद होने की सूचना मिली है। वहीं शहीद सैनिक के अंतिम दर्शन के लिए गांव में रिश्तेदार और परिचितों का आना शुरु हो गया है।