पवित्र श्रावण मास की शुरुआत सोमवार यानी 22 जुलाई से
संवाददाता रोहित कुमार गुप्ता उतरौला(बलरामपुर) भगवान भोलेनाथ की आराधना के पवित्र श्रावण मास की शुरुआत सोमवार यानी 22 जुलाई से होने जा रही है। श्रावण मास को लेकर शिवभक्तों में उत्साह है। उतरौला तहसील क्षेत्र के सभी शिवालयों में तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। श्रावण मास को लेकर शिवभक्तों ने तैयारियां भी शुरू कर दी है।
पहले सोमवार को लेकर दिनभर मंदिर परिसर में साफ-सफाई और उन्हें संवारने का काम चलता रहा।
मंदिरों में रंग-रोगन का काम पूरा हो चुका है। रंग बिरंगी लाइटों से मंदिरों की सजावट की गई है।
दुख हरण नाथ मंदिर के महंत मयंक गिरी ने बताया कि
सावन के पहले सोमवार को लेकर जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक की सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। दर्शन के लिए सुबह 4:30 बजे मंदिर के पट खुलेंगे जो दोपहर 11:00 तक खुला रहेगा। शाम 7:00 बजे महाआरती होगी। उन्होंने कहा कि खास बात यह है कि इस बार श्रावण मास में विशेष संयोग बन रहे हैं। ऐसा 72 साल बाद हो रहा है कि श्रावण मास की शुरुआत सोमवार से होगी, जबकि समापन भी 19 अगस्त सोमवार को ही होगा।
भगवान शिव के सबसे प्रिय महीने सावन की शुरुआत इस बार तीन शुभ संयोगों से होगी। 22 जुलाई सोमवार से श्रावण मास की शुरुआत होगी, जो 19 अगस्त सोमवार तक रहेगी। यह संयोग 72 साल बाद बना है। इस बार श्रावण मास में 5 सोमवार आएंगे।
विद्वान पंडितों के अनुसार श्रावण मास की शुरुआत के पहले दिन तीन शुभ योग बन रहे हैं। पहले दिन सर्वार्थ सिद्धि के साथ प्रीति और आयुष्मान योग का संयोग बनेगा। बता दें सावन में सोमवार का विशेष महत्व है। यह व्रत मनोकामना पूर्ति के किया जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसके चलते धार्मिक दृष्टि से भी इस दिन की विशेष महत्ता है। यह माह माता पार्वती को भी विशेष प्रिय है। श्रावण मास में सर्वार्थ सिद्धि योग का विशेष महत्व माना जाता है। इसके किया कोई भी महत्वपूर्ण कार्य अभिष्ट फल प्रदान करने वाला माना जाता है। सावन के पहले ही दिन सर्वार्थ सिद्धि योग में भगवान शिव की पूजा की जाएगी। सर्वार्थ सिद्धि योग का संबंध मां लक्ष्मी से माना गया है। पूजा-पाठ करने वाले पर मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। इधर, श्रावण मास को शिवालयों में विशेष तैयारियां पूरी हो गई हैं।