पत्रकार जफर अहमद के दो बहनों के घरों में पुलिस ने दबिश दी, प्रयागराज में इसी का घर हुआ ध्वस्त

बांदा(हि.स.)। बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल और दो सरकारी गनरों की हत्या के मामले में हत्याभियुक्तों को शरण देने के मामले में पुलिस ने जांच शुरू की तो इसमें बांदा के एक पत्रकार जफर अहमद का नाम भी जुड़ गया। जफर अहमद और अतीक अहमद के वकील खान सौलत हनीफ के बीच साले-बहनोई का रिश्ता है। पुलिस ने प्रयागराज स्थित चकिया में जिस मकान को ध्वस्त कर दिया। दरअसल यह मकान अतीक अहमद की बेनामी संपत्ति नहीं बल्कि पत्रकार जफर अहमद का मकान था। जो बांदा में अपनी बहन के यहां रहता था। पुलिस ने दोनों बहनों के घरों में छापा मारा लेकिन इन घरों में जफर नहीं मिला।

एक न्यूज़ एजेंसी का रिपोर्टर जफर अहमद पिछले 8 वर्षों से अपनी बहन शहनाज परवीन के साथ गूलर नाका स्थित मोहल्ले में रह रहा था। उसका न्यू एरा कॉन्वेंट स्कूल भी इसी मोहल्ले में चलता है। यहीं पर उसने कुछ दिनों पहले पाव भाजी की दुकान भी खोली है,जबकि इसके पहले इसमें मीडिया हाउस बनाए था।

उसकी दूसरी बहन उजरा बेगम छावनी मोहल्ले में रहती है। बुधवार को विकास प्राधिकरण प्रयागराज में स्थित चकिया मोहल्ले में अतीक अहमद की बेनामी संपत्ति के धोखे में जिस मकान को ढहा दिया वह मकान बांदा में रहने वाले जफर अहमद का निकला। इस पर अतीक अहमद के वकील सौलत हनीफ ने एक वीडियो जारी कर इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कही। इसके बाद बांदा पुलिस को जफर अहमद की कुंडली खंगालने के निर्देश मिले।

बांदा पुलिस ने देर शाम शहर के छावनी और गूलर नाका मोहल्ले में जफर अहमद की दोनों बहनों के घरों में छापा मारा। एक बहन उजरा बेगम जो छावनी मोहल्ले में रहती हैं। बाल कल्याण विभाग में कर्मचारी थी और अब सेवानिवृत्त हैं। छापे के दौरान इस घर में ताला बंद मिला। इसके बाद पुलिस ने गूलर नाका मोहल्ले में स्थित दूसरी बहन शहनाज परवीन के घर पर दबिश थी। इसी घर में जफर बहन के साथ रहता है। मौके में मिली शहनाज परवीन बताया कि जफर घर पर नहीं है। इसके बाद भी पुलिस ने मकान के ऊपरी हिस्से में जाकर जफर की तलाश की। लेकिन घर पर जफर नहीं मिला। शहनाज परवीन रेउना गांव में प्राथमिक स्कूल की शिक्षिका हैं जबकि उनके पति प्रयागराज में एक पैथालॉजी में काम करते हैं।

दोनों बहनों के घरों में जफर के न मिलने पर पुलिस ने उसके करीबियों पर भी नजर रखनी शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि अतीक अहमद के वकील और जफर के करीबी रिश्तेदार खान सौलत हनीफ के कहने पर ही जफर ने मार्च 2021 में चकिया स्थित मकान को खरीदा था। जबकि वह बांदा में अपनी बहन के घर पर रहकर न्यूज़ एजेंसी के लिए रिपोर्टिंग करता था।बड़ा सवाल है कि मात्र रिपोर्टिंग करके तीन करोड़ कीमत का मकान उसने कैसे तैयार किया।उसके ध्वस्त किए गए मकान की कीमत तीन करोड़ बताई जा रही है।

इस बारे में पुलिस अधीक्षक अभिनंदन का कहना है कि प्रयागराज में जिस मकान को पीडीए ने गिराया है। वह मकान पत्रकार जफर अहमद खान पुत्र मोहम्मद हबीब खान निवासी गूलर नाका बांदा के नाम अभिलेखों में दर्ज है। यह जानकारी मिलने पर तथ्यों की प्रमाणिकता हासिल करने के लिए जांच की जा रही है। पत्रकार का मोबाइल भी बंद आ रहा है। उसके बारे में सारी जानकारी हासिल की जा रही है।पत्रकार के घर से गायब होने के बारे में बताया जा रहा है कि उसके द्वारा न्यायालय में चुनौती देने की तैयारी की जा रही है। जिसके तहत वह इस समय बांदा से बाहर है। पुलिस भी असलियत जानने के लिए लगातार दबाव बनाए हुए है।

अनिल

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