नोएडा में विकास कार्य के लिए जमीन अधिग्रहण का विरोध कर रहे किसान
नोएडा (हि.स.)। उत्तर प्रदेश का शो विंडो कहे जाने वाले जिला गौतमबुद्ध नगर में नोएडा विकास प्राधिकरण विकास कार्य के लिए कोरोना काल में सौ एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया है। जिले के किसानों ने इसका विरोध भी करना शुरू कर दिया है।
किसानों के संगठन भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष राजेश उपाध्याय ने नोएडा प्राधिकरण पर आरोप लगाते हुए कहा है कि नोएडा प्राधिकरण किसानों को उनका हक नहीं दे रही है। किसानों का हक और उनका मुआवजा प्राधिकरण ने रोक रखा है।
नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी ने शुक्रवार को बताया कि नोएडा में सेक्टर 161,162,163,164 और 165 बसाया जाना है। इसके अलावा हेलीपैड, गोल्फ कोर्स इत्यादि का निर्माण करना है। नई उद्योगों का स्थापित करने के लिए हमने कोरोना काल में लगभग एक सौ एकड़ जमीन अधिग्रहण किया है। माहेश्वरी ने बताया कि ज्यादा प्रोजेक्ट तो किसानों के विवाद के कारण प्रभावित तो नहीं हुआ है, एक गांव चकबंदी में है। जिसमे थोड़ा सा विवाद है जो कि सुलझा लिया जाएगा।
जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया क्या है?
नोएडा प्राधिकरण सर्व प्रथम धारा चार के तहत जमीन नोटिफाइड की जाती है। फिर धारा छः के तहत मुआवज़ा वितरित करना शुरू करती है। इसके बाद जो भी किसान मुआवजा नहीं उठाते हैं, जिन्हें आपत्ति होती है तो वह कोर्ट चले जाते हैं। ऐसे में नोएडा अथॉरिटी मुआवजा जिला प्रशासन के कोष में जमा कर देता है। उसके बाद वक्त में मुआवजा अगर किसान नहीं उठाते हैं तो ट्रेजरी से मुआवजा डिस्ट्रिक्ट जज के यहां जमा कर दिया जाता है।