निरंतर प्रगति के सोपान पर आगे बढ़ रहा मुक्त विवि : राज्यपाल

-मुक्त विवि किन्नरों को ऑनलाइन शिक्षा उपलब्ध कराये : राज्यपाल

-आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति सशक्त दस्तावेज : प्रो. धीरेन्द्र

प्रयागराज (हि.स.)। ऑनलाइन शिक्षा में आधुनिक तकनीक का तेजी से उपयोग हो रहा है। मुक्त विश्वविद्यालय निरंतर प्रगति के सोपान पर आगे बढ़ा रहा है और इसका प्रदेश व्यापी विस्तार हुआ है। जन सामान्य तक इसके कार्यक्रम सुलभ हैं।

उक्त विचार उप्र की राज्यपाल राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय प्रयागराज के 25वें स्थापना दिवस पर रजत जयंती समारोह का उद्घाटन करने के उपरान्त कही। उन्होंने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि मुक्त विवि को जेल में सजायाफ्ता कैदियों की शिक्षा पर ध्यान देना चाहिए। जेल में अध्ययन केंद्र संचालित कर महिलाओं और लड़कियों को भी शिक्षित करने की जिम्मेदारी विश्वविद्यालय की है। उन्होंने कहा कि मुक्त विवि किन्नरों को ऑनलाइन शिक्षा उपलब्ध कराएं। इसके लिए राजभवन मदद करेगा।

राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों को वर्षा जल का संग्रह करना चाहिए। इस दिशा में सभी विश्वविद्यालयों को प्रयास करना चाहिए और योजना बनानी चाहिए। जिससे जल का शुद्धिकरण कर उसे पीने योग्य बनाया जा सके और बागवानी में भी काम आ सके। राज्यपाल ने वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए शिक्षार्थियों के क्रियाकलापों को बढ़ाने के लिए खेल, संस्कृति एवं टूर समिति के गठन पर जोर दिया, जिससे संस्कृतियों और विचारों का आदान-प्रदान हो सके।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रो.धीरेंद्र पाल सिंह, शिक्षा सलाहकार मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश एवं पूर्व अध्यक्ष विश्वविद्यालय अनुदान आयोग नई दिल्ली ने कहा कि उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक परिवर्तन का समय आ गया है। उप्र में उच्च शिक्षा तेजी से आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि हमें श्रेष्ठ वैश्विक नागरिकों को विकसित करना है। चरित्रवान नागरिक का निर्माण करना है। यह देश विकसित राष्ट्र के रूप में विश्वगुरु के रूप में अपनी पहचान बनाये। प्रो सिंह ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति सशक्त दस्तावेज है।

विशिष्ट अतिथि डॉ. नरेंद्र कुमार सिंह गौर, पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री अस्वस्थ होने की वजह से कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके। उन्होंने अपना संदेश देते हुए समारोह की सफलता के लिए शुभकामनाएं प्रेषित कीं। कुलपति प्रो. सीमा सिंह ने इससे पहले विश्वविद्यालय की विकास यात्रा प्रस्तुत की। कहा कि इन 24 वर्षों की यात्रा में शिक्षार्थी नामांकन, क्षेत्रीय केंद्रों आदि की संख्या में वृद्धि हुई है और विश्वविद्यालय ने अपने शैक्षणिक एवं सामाजिक दायित्व को निभाया है।

संचालन प्रो. पी. के. पांडेय ने तथा धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव प्रो. पी. पी. दुबे ने किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने सरस्वती परिसर में स्थापित राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन की प्रतिमा का अनावरण किया। इसके साथ ही विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर ऑनलाइन एजुकेशन, ई-ज्ञान संगम, (ओ.ई.आर रिपोजिटरी) एवं ई-ज्ञानार्जन (एल.एम.एस पोर्टल) का उद्घाटन किया। इस अवसर पर राज्यपाल, मुख्य अतिथि एवं कुलपति ने रजत जयंती समारोह स्मारिका एवं विश्वविद्यालय की विकास यात्रा पर आधारित वृत्तचित्र (डॉक्यूमेंट्री) का विमोचन भी किया।

मुख्य अतिथि ने प्रदेश सरकार द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत 11 से 17 अगस्त तक चलाए गए हर घर तिरंगा अभियान के अंतर्गत सेल्फी विद तिरंगा प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया। इस अवसर पर प्रो.राजेंद्र सिंह रज्जू भैया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार सिंह, न्यायमूर्ति सुधीर नारायण, प्रो. पीके साहू, प्रो गोविंद शेखर, प्रो विवेक सिंह, प्रो के के गुप्ता, प्रो. एएन द्विवेदी, प्रो. बीएन सिंह, डॉ. एमएन सिंह, पूर्व वित्त अधिकारी एके सिंह, पूर्व कुलसचिव डॉ. एके सिंह आदि उपस्थित रहे।

विद्या कान्त

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