निजीकरण के विरोध में दो दिन की हड़ताल पर बैंक कर्मचारी

मेरठ (हि. स.)। बैंकों के निजीकरण के विरोध में बैंक कर्मचारियों ने मोर्चा खोल दिया है। सोमवार से देशभर के बैंक कर्मचारियों ने दो दिवसीय हड़ताल शुरू कर दी है। मेरठ में भी बैंक कर्मचारी हड़ताल पर रहे। बैंक कर्मचारियों ने पंजाब नेशनल बैंक के बाहर धरना-प्रदर्शन करते हुए निजीकरण होने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी। 
मेरठ में सोमवार से सभी बैंकों के कर्मचारी दो दिवसीय हड़ताल पर चले गए। इस दौरान बैंक कर्मचारियों ने पंजाब नेशनल बैंक के बाहर धरना-प्रदर्शन करते हुए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। बैंक कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारी सीएम गौड़ ने आरोप लगाया कि सरकार देश के दो बैंकों को एक लाख 76 हजार रुपए में बेचना चाहती है। जिसका ऐलान सरकार बजट के दौरान कर चुकी है। 
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार पहले बैंकों को मर्ज करके कर्मचारियों का उत्पीड़न कर रही थी। लेकिन अब इससे एक कदम आगे बढ़कर बैंकों के निजीकरण पर उतारू हो गई है, जो किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार जनता के पैसे से अपना भला करना चाहती है। तमाम जिलों में बीजेपी के बड़े-बड़े कार्यालय खोले जा रहे हैं। 
उन्होंने चेतावनी दी कि दो दिवसीय हड़ताल तो सिर्फ सरकार को चेतावनी है। यदि सरकार ने बैंकों के निजीकरण का निर्णय वापस नहीं लिया तो यूनाइटेड फोरम में मीटिंग करके बड़ा आंदोलन चलाया जाएगा। बैंक यूनियन के पदाधिकारी विजय वीर सिंह ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप करते हुए बैंकों के निजीकरण पर रोक लगाए जाने की मांग उठाई है। 

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