नगालैंड की छात्रा UP में हुई ‘डिजिटल अरेस्ट’!

ठगों ने जमानत के नाम पर ऐंठ लिए 38 हजार रुपए

एक लाख रुपए और मांगने पर युवती ने पुलिस से किया शिकायत

प्रादेशिक डेस्क

गोरखपुर। नगालैंड से उत्तर प्रदेश में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने आई एक छात्रा को फर्जी पुलिस वालों ने ‘डिजिटल अरेस्ट’ करके पैसा वसूला। पुलिस में शिकायत के बाद अब जांच शुरू हो गई है। जानकारी के अनुसार, मदन मोहन मालवीय इंजीनियरिंग कॉलेज गोरखपुर में नगालैंड के दीमापुर की निवासी एक छात्रा पढ़ाई कर रही है। उसके मोबाइल फोन पर रविवार की सुबह 11ः30 बजे फोन आया कि तुमने बैंक से लोन लिया है, लेकिन उसे चुकाया नहीं है। इसके चलते तुम्हारे खिलाफ केस दर्ज हो चुका है। मैं एसबीआई से बोल रहा हूं। एक लाख मूलधन और ब्याज तत्काल चुका दो, अन्यथा तुम अरेस्ट हो जाओगी। इतना कह कर उस व्यक्ति ने फोन काट दिया। फिर थोड़ी देर के बाद छात्रा को व्हाट्सएप कॉल आई। उसमें दिख रहा शख्स पुलिस की वर्दी में था। उसने कहा कि तुम्हारे खिलाफ हैदराबाद में एफआईआर दर्ज हो चुकी है। तुम जितना जल्दी हो सके, यहां आकर अपनी जमानत करवा लो, अन्यथा पुलिस यहां से जाएगी और तुम्हें गिरफ्तार करके लाएगी। छात्रा ने कहा कि हमने कोई लोन नहीं लिया है और हमारे खिलाफ क्यों केस दर्ज हुआ है? इस पर उस व्यक्ति ने कहा कि यह सब मैं नहीं जानता। तुम्हारे खिलाफ केस दर्ज हो गया है। तुम्हारी बात सच है या बैंक वालों की बात, यह तो बाद में ही पता चलेगा, जब तुम्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा। छात्रा यह सुनकर डर गई। उसने अपनी मजबूरी बताते हुए कहा कि इतनी जल्दी वहां आना मुश्किल है।

सीने पर टैटू दिखाने की मांग

हैदराबाद से पुलिस अधिकारी बनकर फोन करने वाले शख्स ने कहा कि तुम ऑनलाइन अपनी जमानत करवा लो। इसके लिए 38 हजार रुपए लगेंगे। तत्काल पैसा ट्रांसफर कर दो। छात्रा ने उसके बताए अनुसार पैसे ट्रांसफर कर दिए। उसके बाद उस शख्स ने कहा कि तुम्हारे चेस्ट पर टैटू है। उसे दिखाओ क्योंकि बिना उसे देखे तुम्हारी पहचान नहीं हो पाएगी और जमानत भी नहीं मिलेगी। ऐसे में पुलिस तुम्हारे खिलाफ कार्रवाई करेगी। मरता क्या न करता। छात्रा ने उस व्यक्ति के कहने के अनुसार अपने कपड़े उतार दिए। उसके बाद फोन कट गया। तत्काल बाद फिर फोन आया और सामने वही व्यक्ति था। उसने कहा कि तुम्हारा अश्लील वीडियो बन गया है। तुम तत्काल एक लाख और भेजो, अन्यथा यह पूरा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो जाएगा। तुम कहीं मुंह दिखाने के लायक नहीं हो रहोगी। अपने घर वालों को क्या जवाब दोगी? छात्रा ने पैसा देने में असमर्थता बताई तो सामने वाले शख्स ने धमकी दी कि तब अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहो। उसने फोन काट दिया। परेशान होकर छात्रा नजदीकी थाने पहुंची। एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि छात्रा की शिकायत पर पुलिस ने अनजान दोनों नम्बरों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। दोनों व्यक्तियों की पहचान के लिए छानबीन की जा रही है। साक्ष्यों व तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।

डिजिटल अरेस्ट से कैसे बचें

आए दिन तमाम लोग डिजिटल अरेस्ट का शिकार हो चुके हैं। पुलिस हमेशा लोगों को सतर्क रहने के लिए कहती है। बावजूद इसके लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं। कहीं भी पुलिस की डिक्शनरी में डिजिटल अरेस्ट शब्द का उल्लेख नहीं है। यानि कि पुलिस इस तरह की कोई कार्रवाई करती ही नहीं है और न ही कानून में ऐसी किसी कार्रवाई का प्रावधान है। इसके बावजूद लोग झांसे में आकर अपना सब कुछ लुटा बैठते हैं। साइबर एक्सपर्ट और सम्प्रति बांदा में अपर पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात शिवराज बताते हैं कि डिजिटल अरेस्ट एक तरह से ठगी का नया तरीका है। साइबर अपराधी लोगों की सोशल नेटवर्क के माध्यम से जानकारी हासिल कर लेते हैं और उसको डरा धमकाकर जितना भी संभव होता है, उससे पैसे ऐंठते हैं। वे वीडियो कॉल के जरिए यह धमकी भी देते हैं कि यदि आप घर से बाहर निकले तो आपके खिलाफ कार्रवाई हो जाएगी। जबकि ऐसा कुछ नहीं है। उन्होंने लोगों से अपील किया कि अंजान लिंक को कभी क्लिक न करें। अज्ञात व्यक्ति से वाट्सएप काल पर बात बिल्कुल न करें। साथ ही पहली बार बात करते समय उनके दबाव या बहकावे में न आएं। आनलाइन गिरफ्तारी, जिसे हम डिजिटल अरेस्ट कहते हैं, यह कान्सेप्ट कानून में है ही नहीं और न किसी को इस प्रकार से गिरफ्तार किया जा सकता है। ऐसे जालसाजों से आदमी को बचना चाहिए। उन्होंने सचेत किया कि सोशल मीडिया पर पार्ट टाइम या फुल टाइम जाब या किसी भी प्रकार के लुभावने विज्ञापनों के चक्कर में आकर अपनी व्यक्तिगत जानकारी शेयर न करें अन्यथा धोखाधड़ी व ठगी का शिकार होने से आपको कोई बचा नहीं पाएगा।

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