नई पीढ़ी तक पहुंचाई जाएगी शहीद धन सिंह की स्मृतियां : योगी आदित्यनाथ

मेरठ (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बैरकपुर में शहीद मंगल पांडे ने जो चिंगारी सुलगाई थी, उसका सीधा असर मेरठ में दिखाई दिया। मेरठ में शहीद धन सिंह गुर्जर इस क्रांति का नेतृत्व कर रहे थे। रानी लक्ष्मीबाई ने भी अंग्रेजों के खिलाफ हुंकार भरी थी। देश का कोई कोना ऐसा नहीं बचा था, जो आजादी की अलख में अपना योगदान न देता रहा हो।

मेरठ दौरे पर पहुंचे उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय मेरठ में शनिवार को शहीद कोतवाल धन सिंह गुर्जर की प्रतिमा का अनावरण किया। इस प्रशिक्षण विद्यालय का नाम भी शहीद धन सिंह गुर्जर के नाम पर किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शहीद धन सिंह गुर्जर की स्मृतियों को नई पीढ़ी में स्थानांतरित करने के लिए स्टेट ऑफ आर्ट के रूप में पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय को विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मेरठ का अपना इतिहास रहा है। मेरठ ने इतिहास बनते देखा है और इतिहास बनाते हुए दुनिया के सामने मिसाल कायम की है।

योगी ने कहा कि औघड़नाथ मंदिर 1857 की क्रांति का केंद्र बिंदु था। हर घर तिरंगा के माध्यम से देश का हर निवासी आजादी के अमृत महोत्सव में सहभागी बना था। इस दौरान प्रधानमंत्री ने लोगों को पंच प्रण की याद दिलाई। इसमें विकसित भारत के लिए काम करना, गुलामी के निशानों को समाप्त करना, विरासत का सम्मान करना, एकता और एकात्मकता के लिए कार्य करना और नागरिकों को अपने कर्तव्यों का अहसास होना ही देश को महाशक्ति के रूप में स्थापित करने का सपना क्रांतिकारियों ने देखा।

प्रदेश के महानिदेशक प्रशिक्षण अनिल कुमार अग्रवाल ने कहा कि धन सिंह गुर्जर का 27 नवम्बर 1814 को मेरठ जनपद के पांचली गांव में हुआ था। मई 1957 में वे सदर थाने में कोतवाल के रूप में तैनात थे। वे 1857 की क्रांति के जनक रहे। अंग्रेजों ने जुलाई 1857 में उन्हें फांसी की सजा दी। उनके आजादी में योगदान को नई पहचान मिली है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उप्र पुलिस में नागरिक निरीक्षकों की संख्या 23 हजार है। नौ हजार उप निरीक्षकों की भर्ती की गई। यह बहुत ही ऐतिहासिक है। इस अवसर पर प्रदेश के ऊर्जा राज्य मंत्री डॉ. सोमेंद्र तोमर, सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने उप राष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह भेंट किए। इस अवसर पर सांसद कांता कर्दम, विजयपाल तोमर, दिनेश खटीक, अश्विनी त्यागी, डॉ. सरोजिनी अग्रवाल, धर्मेंद्र भारद्वाज, अमित अग्रवाल आदि उपस्थित रहे।

कुलदीप

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