नई दिल्ली : काबुल सीमा के ऊपर एक घंटे तक हवा में मंडराने के बाद लैंड हो पाया एयर इंडिया का विमान

-ईंधन भराने के बाद विमान यात्रियों को लेकर दिल्ली हुआ रवाना
नई दिल्ली । पड़ोसी देश अफगानिस्तान में तालिबान के बढ़ते कब्जों के बीच राजधानी काबुल में रविवार का दिन काफी दहशत भरा रहा। तालिबान के लड़ाके काबुल की सीमा में घुस चुके थे और आखिरी वक्त में कई देश वहां से अपने राजनयिकों, कर्मचारियों और नागरिकों के वहां से निकालने के लिए परेशान हो उठे। इस बीच भारत काबुल में भारतीय दूतावास के अपने कर्मचारियों और भारतीय नागरिकों की जान जोखिम में न डालते हुए वहां से उन्हें जल्द निकालने की योजना बनाई। एयर इंडिया की ओर से तैयारी पूरी कर ली गई लेकिन यह इतना आसान भी नहीं था। एयर इंडिया के विमान हवा में एक घंटे तक मंडराता रहा और काबुल रनवे पर वह उतर नहीं पा रहा था।
करीब एक घंटे तक एयर इंडिया का विमान हवा में चक्कर काट रहा था और काबुल में लैंड करने की परमिशन नहीं मिल रही थी। काबुल एयर ट्रैफिक कंट्रोल एयर इंडिया की फ्लाइट संख्या 243 को लैंड करने में मदद नहीं कर पा रहा था और तब तक विमान हवा में मंडरा रहा था। मंजूरी कब मिलेगी और कब तक ऐसा रहेगा इसको लेकर संशय बना हुआ था। तकरीबन एक घंटे बाद एयर इंडिया का विमान काबुल में लैंड कर पाया। बताया गया कि पायलट की ओर से फ्लाइट के राडार को बंद कर दिया गया था ताकि उसको कोई निशाना न बना सके। घंटे भर बाद विमान लैंड कराया जा सका। विमान में ईंधन भरा जाता है और उसके बाद विमान वहां से यात्रियों को लेकर दिल्ली के लिए रवाना हुआ।
इसी बीच दुबई से एक अमीरात बोइंग 777 भी ठीक उसी समय काबुल के पास 28,000 फीट की ऊंचाई पर था और यह काबुल में उतरे बिना वापस संयुक्त अरब अमीरात की ओर चला गया। इसी बीच अमेरिकी सैनिक आखिरी वक्त में काबुल हवाई अड्डे को सुरक्षित करने में जुटे थे और ताकि उस रनवे को कुछ दिनों के लिए निकासी उड़ानों के लिए उपलब्ध रखा जा सके। रविवार को 129 यात्रियों के साथ एयर इंडिया का विमान राजधानी लौट आया। जहां एक ओर एयर इंडिया के विमान को लैंड करने में दिक्कत हुई तो वहीं एयरपोर्ट तक पहुंचने में भी यात्रियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। तालिबान के लड़ाकों की ओर से एयरपोर्ट आने वाले रास्तों पर जगह-जगह अवरोध पैदा किए गए थे। कुछ रास्तों को बंद भी कर दिया गया था।
एयरइंडिया के एक सूत्र ने बताया कि सोमवार के लिए काबुल से एक उड़ान संचालित करने की योजना है हालांकि यह सब परिस्थिति पर निर्भर करेगा। सूत्रों के अनुसार भारतीय वायु सेना के सैन्य परिवहन विमान सी-17 ग्लोबमास्टर को भी जरूरत पड़ने पर लोगों और कर्मचारियों को निकालने के लिए तैयार रखा गया है। सोमवार को एयर इंडिया यदि कोई विमान संचालित भी करता है तो छोटी टीम के साथ उड़ान भरेगा जैसा कि पूर्व में भी यात्रियों की निकासी के लिए किया गया है।
इस बीच, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने उड़ानों की योजना बनाते समय अफगानिस्तान में स्थिति की लगातार निगरानी करने और फ्लाइट क्रू को उसी के बारे में जागरूक रहने की सलाह दी गई है। डीजीसीए ने एयरलाइन से किसी भी डायवर्जन के मामले में अपने रास्ते के विकल्पों पर विचार करने के लिए भी कहा है। भारतीय वाणिज्यिक पायलट संघ आईसीपीए ने पिछले मंगलवार को उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को लिखा था हम भारतीयों को निकालने के लिए पूरी तरह सुरक्षित निकालने को तैयार हैं।

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