देवीपाटन मण्डल के जिलों में बाढ़ से मचा हाहाकार

बाढ़ के पानी में बहे दो किशोर, पुलिस टीम तलाश में जुटी

जानकी शरण द्विवेदी

गोंडा। देवीपाटन मण्डल के गोंडा, बहराइच, बलरामपुर और श्रावस्ती जिलों में बारिश का कहर जारी है। बलरामपुर जिले के ललिया थाना क्षेत्र के कैली गांव में शनिवार को दो किशोर बाढ़ के पानी में बह गए। दोनों की तलाश में पुलिस और पीएसी के जवानों को लगाया गया है। पुलिस के अनुसार कैली गांव के मजरे शेखन पुरवा निवासी जीशान (15) और उसका दोस्त आलम (16) गांव से मथुरा बाजार में सामान लेने जा रहे थे। गांव की सड़क पर बाढ़ के पानी का तेज बहाव था। इसे पार करते समय वे बह गए। सूचना मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंचकर तलाश में जुट गयी। उपजिलाधिकारी विजय बहादुर ने बताया कि किशोरों की तलाश में पीएसी जवानों को लगाया गया है और राष्ट्रीय आपदा मोचक बल (एनडीआरएफ) को सूचित किया गया है। उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ की टीम आते ही दोनों किशोरों की तलाश में जुट जाएगी।

डीएम ने जलभराव से प्रभावित ग्रामों का भ्रमण

गोंडा जिले में बारिश के बाद सरयू नदी में उफान से बाढ़ का खतरा एक बार फिर मंडराने लगा है। घाघरा नदी में 395477 क्यूसेक डिस्चार्ज के साथ ही एल्गिन ब्रिज पर नदी का जल स्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। शनिवार की शाम आठ बजे यह लाल निशान से 37 सेमी ऊपर बह रही थी। तरबगंज तहसील के ऐली परसौली के पास भिखारीपुर-सकरौर तटबंध से नदी सटकर बह रही है। बांध में कटान की स्थिति न होने पाए, इसके लिए प्रशासन सजग हो गया है। जिलाधिकारी ने बाढ़ कार्य खंड के अधिकारियों से कहा है कि बांध की सुरक्षा में सतर्कता बरतें। साथ ही तहसील प्रशासन को सतत निगरानी के साथ ही बाढ़ से प्रभावित होने की आशंका वाले गांवों में राहत कार्य के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी डॉ उज्ज्वल कुमार ने शनिवार को तहसील सदर गोंडा के अंतर्गत विगत दो दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण जलभराव से प्रभावित ग्राम कुरासी, गौनरिया, भोलाजोत, गोपालबाग आदि का निरीक्षण कर ग्रामीणों से मुलाकात की। वहीं ग्रामीणों से मुलाकात कर समस्याओं की जानकारी ली तथा मौके पर ही संबंधित अधिकारियों के सख्त निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जलभराव से परेशान ग्रामीणों को तत्काल राहत सामग्री उपलब्ध कराया जाय। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी सुरेश कुमार सोनी, उप जिलाधिकारी सदर विनोद कुमार सिंह, जिला आपदा विशेषज्ञ राजेश श्रीवास्तव, पुलिस क्षेत्राधिकारी नगर लक्ष्मीकांत गौतम, एसओ खरगूपुर मय टीम, राजस्व निरीक्षक, लेखपाल सहित अन्य अधिकारी और कर्मचारी गण उपस्थित रहे।

बलरामपुर में बाढ़ में बही कार

बलरामपुर से हमारे संवाददाता रोहित गुप्ता के अनुसार, जिले में राप्ती नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार करते हुए 105.610 पर पहुंच गया है। परिणाम स्वरूप जिले के कई इलाके बाढ़ से प्रभावित हैं। जनपद में सर्वाधिक प्रभावित तहसील जनपद बलरामपुर सदर है। जिलाधिकारी डॉ. महेंद्र कुमार एवं पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार सक्सेना ने शनिवार को राप्ती नदी के सिसई घाट पर पहुंचकर बढ़ते जल स्तर का जायजा लिया और बाढ़ की स्थिति देखी। गई। उन्होंने उपजिलाधिकारी को राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर किए जाने का निर्देश दिया। बाढ़ से प्रभावित लोगों को तत्काल भोजन और पेयजल की व्यवस्था प्रदान किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लोगों को नावों के माध्यम से तत्काल सुरक्षित स्थान पर पहुंचाए जाने का निर्देश दिया। नावों में रस्सी एवं लाइफ जैकेट की उपलब्धता का निर्देश दिया। उन्होंने आम जनमानस से अपील किया कि राप्ती नदी के बढ़ते जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोग पानी बढ़ने का इंतजार न करें एवं अपने नजदीकी राहत केंद्र में शरण लें। जिले की एक दर्जन से अधिक सड़कों पर बाढ़ का पानी चल रहा है। बलरामपुर-बढ़नी राष्ट्रीय मार्ग पर करीब एक फीट बाढ़ का पानी चल रहा है। तुलसीपुर-गौरा चौराहा मार्ग के दतरगवां डिप पर देवीपाटन मन्दिर दर्शन करने जा रहा परिवार कार समेत बहने लगा। कड़ी मशक्कत के बाद ग्रामीणों ने कार सवार परिवार की जान बचाई। अंकुर पांडे अपनी पत्नी और बच्चों के साथ ग्राम हांडही पोस्ट सिकंदरपुर थाना परसरामपुर जिला बस्ती से गौरा चौराहा होते हुए तुलसीपुर देवीपाटन दर्शन करवाने जा रहे थे। लेकिन, भुसैलवा दंतरंगवा डिप पर तेज बहाव में सभी स्विफ्ट डिजायर कार सवार बह गए। घूमने निकले भुसैलवा निवासी राकेश सोनकर ने जब कार बहते देखी तो ग्रामीणों को आवाज देकर तुरंत पानी में छलांग लगा दी। बड़ी मशक्कत से सभी कार सवारों को डूबने से बचाया और कार को ट्रैक्टर से खींच कर रोड पर किया। इस कार में अंकुर पांडेय उनकी पत्नी और तीन बच्चे सवार थे, जिनकी कड़ी मशक्कत के बाद जान बच सकी। जिलाधिकारी डॉ. महेन्द्र कुमार ने लोगों से अपील की है कि बाढ़ के बह रहे पानी को पार करने का जोखिम न लें ऐसा करने पर जान माल का खतरा हो सकता है।

डीएम ने गाड़ी रोककर बहते व्यक्ति को बचाया

इस दौरान मेवालाल चौकी के पास तेज धारा को पार करते हुए बाइक सवार का तेज धारा में बहते हुए देख जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक द्वारा तत्काल पुलिस कर्मियों को व्यक्ति को बचाने के लिए निर्देशित किया। पुलिस कर्मियों द्वारा वाहन में रस्सा निकाल कर तुरंत फेंका गया और डूबते हुए व्यक्ति को बचाया गया। जिलाधिकारी द्वारा मेवा लाल चौकी के बाद हल्के वाहनों के आवागमन पर रोक लगाए जाने एवं सड़क के दोनों तरफ रस्सा लगाए जाने का निर्देश दिया। जिले में राप्ती नदी ने 2017 की बाढ़ का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 96 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया है। जिले के करीब 355 गांव और यहां की करीब सवा दो लाख आबादी बाढ़ की चपेट में आ गई है। बलरामपुर नगर के कुछ मोहल्लों में नाव चल रही है। प्रशासन राहत व बचाव कार्य में जुटा है। स्थानीय लोग सुरक्षित स्थान की ओर प्रस्थान कर रहे हैं। प्रशासन भी सक्रिय हो गया है। बताया जा रहा है कि जलस्तर और बढ़ सकता है। नेशनल हाईवे सहित कई मार्गों पर बाढ़ का पानी बहने से आवागमन प्रभावित हो रहा है। बाढ़ में करीब 70 हजार हेक्टेअर धान व गन्ने की फसल पानी में डूब गई है। जिले के 405 विद्यालयों में बाढ़ का पानी भर गया है। एसडीआरएफ की टीमें राहत व बचाव कार्य में जुट गई हैं। प्रशासन ने एनडीआरएफ की टीम भी बुला लिया है।

बहराइच : रायबोझा पुल धंसा, आवागमन बाधित

बहराइच से हमारे संवाददाता के अनुसार, लगातार हो रही बारिश के चलते लखीमपुर-बहराइच हाईवे पर सरयू नदी स्थित पुल अचानक धंस गया, जिससे बहराइच और लखीमपुर जिले का संपर्क टूट गया। पुल के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लगी हुई हैं। मौके पर पुलिस मौजूद हैं। जानकारी के अनुसार, बहराइच-लखीमपुर जनपद नेपाल सीमा से सटा हुआ है। इन दोनों जनपदों को लखीमपुर-बहराइच हाईवे जोड़ता है। हाईवे पर मिहींपुरवा विकास खंड क्षेत्र में गायघाट कस्बे के निकट सरयू (भकला) नदी पर पुराना पुल बना हुआ है। जिले में तीन दिन से हो रही भारी बारिश के बीच सरयू नदी पर बना पुल शनिवार भोर में अचानक धंस गया। परिणाम स्वरूप दोनों जिलों के बीच संपर्क टूट गया है। पुल के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें हैं। हाईवे के क्षतिग्रस्त होने के चलते पुल से आवागमन नहीं हो पा रहा। अफरा-तफरी की स्थिति बनी हुई है। सूचना पाकर मोतीपुर-नानपारा पुलिस मौके पर है। दोनों तरफ से वाहनों का आवागमन रोक दिया गया है।

डीएम, एसपी ने किया पुल का निरीक्षण

भारी वर्षा के दृष्टिगत तहसील मिहींपुरवा (मोतीपुर) अन्तर्गत बहराइच-लखीमपुर हाईवे पर रायबोझा के निकट स्थित क्षतिग्रस्त पुल का जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चन्द्र व पुलिस अधीक्षक केशव कुमार चौधरी ने निरीक्षण कर हालात का जायज़ा लिया। मौके पर पहुंचे डीएम डॉ. चन्द्र ने राष्ट्रीय राजमार्ग खण्ड लोक निर्माण विभाग लखीमपुर को सूचित करते हुए क्षतिग्रस्त पुल की तत्काल मरम्मत कराये जाने के निर्देश दिये गये हैं। डीएम व एसपी ने मौके पर मौजूद उप जिलाधिकारी मिहींपुरवा (मोतीपुर) ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी, पुलिस क्षेत्राधिकारी नानपारा डॉ. जंग बहादुर यादव व तहसीलदार डॉ. सुनील कुमार को यातायात तथा सुरक्षा व्यवस्था को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिये। दोनों अधिकारियों ने तहसील नानपारा, मिहींपुरवा (मोतीपुर) तथा महसी के कई ग्रामों में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया।

विधायक के साथ डीएम ने परखी लंच पैकेट की गुणवत्ता

डीएम ने जिले में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाने के परिणाम स्वरूप प्रभावित परिवारों के भोजन हेतु तहसील नानपारा सहित विकास खण्ड बलहा, मिहींपुरवा, शिवपुर व बैराज इत्यादि अनेक स्थानों पर सामूहिक रूप से भोजन तैयार कराने का निर्देश दिया है। नानपारा नगर क्षेत्र के निजी मैरिज हाल/होटल में तहसील नानपारा की ओर से तैयार कराये जा रहे लंच पैकेट (भोजन) की गुणवत्ता का विधायक नानपारा राम निवास वर्मा, डीएम डॉ. दिनेश चन्द्र व पुलिस अधीक्षक केशव कुमार चौधरी ने जायज़ा लेते हुए भोजन की गुणवत्ता पर संतोष व्यक्त किया। मौके पर मौजूद उप जिलाधिकारी नानपारा अजित परेश ने विधायक श्री वर्मा, डीएम व एसपी को आवश्यक जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर जिलाधिकारी डॉ. चन्द्र ने बताया कि बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होते ही जनप्रतिनिधियों के सहयोग से जिला प्रशासन राहत व बचाव कार्य में लगा हुआ है। तहसील प्रशासन सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप सभी प्रभावित परिवारों को तत्काल अनुमन्य सहायता प्रदान की जाय।

श्रावस्ती : तहसील और थाने में घुसा पानी, कई मार्गों पर आवागमन बंद

श्रावस्ती से हमारे संवाददाता के अनुसार, राप्ती नदी का जलस्तर शनिवार को खतरे के निशान से 2.50 मीटर ऊपर तक पहुंच गया। बाढ़ के कारण 224 गांव और करीब पांच लाख लोग प्रभावित हुए हैं। जिले के करीब 900 स्कूल बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। शनिवार को बहराइच-भिनगा मार्ग पर लक्ष्मननगर, भंगहा मोड़, भंगहा मोड़ से मल्हीपुर मार्ग पर तिलकपुर के पास बहने लगा है। इससे तिलकपुर गांव में बाढ़ से भारी क्षति हो सकती है। सड़क कटी तो तिलकपुर गांव तबाह हो सकता है। जबकि मजगवां के पास बांध पर भी संकट मंडरा रहा है। बाढ़ का पानी लगातार बढ़ता जा रहा है। इकौना गांव के करीब तीन दर्जन घर दो दिनों में राप्ती नदी की भेंट चढ़ गए। रमनगरा गांव भी शनिवार को नदी में समा गया। गनीमत रही कि समय रहते ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचा दिया गया था। इसके बाद नरायनपुर गांव में भी कटान तेज हो गई है। पानी भर जाने के कारण भिनगा बहराइच मार्ग पर निकलने वाले वाहन चालकों को सतर्क किया जा रहा है। मल्हीपुर चौराहे पर घुटनों तक पानी भर गया है। मल्हीपुर बाबागंज मार्ग पर सांईगांव चौराहे के करीब डिप पर कमर तक पानी आ जाने से तीनो मार्गो पर आवागमन बन्द हो गया। जमुनहा तहसील और थाने में भी पानी भर गया है। एसडीआरएफ की टीम राहत व बचाव कार्य में लग गई है।

50 गांव पानी से घिरे, एनडीआरएफ ने सम्हाला मोर्चा

तहसील इकौना के दोआबा क्षेत्र के लगभग 50 गांव पानी से घिर गए हैं। ग्रामीण अपने घरों से निकलकर सड़क पर पहुंच गए हैं। कुछ लोग छतों पर जाकर डेरा जमा लिए है। एनडीआरएफ की टीम भंमरी भगवानपुर क्षेत्र एवं एनडीआरएफ टीम व ग्राम मध्यनगर मे 30वीं बटालियन पीएसी गोंडा की टीम मध्य नगर क्षेत्र में राजस्व कर्मियों के साथ मोटर बोट भेजी गई है। इकौना का मध्य नगर, सिसवारा, मनोहरापुर, अंधरपुरवा इमिलिया कोटवा, दहांवरकला, महरौली, सेमरी, भुतहा, खसियारी व जीव नारायनपुर, खरगौरा गणेश, बगहा आदि गांव पूरी तरह से पानी में डूब गए हैं। इसी तरह से कटरा बाजार में बाढ़ का पानी भर गया है। बाढ़ का पानी लोगों के घरों में भर गया और श्रावस्ती थाने के सभी कमरों में बाढ़ का पानी घुस जाने से परेशानी हो गई है। जिलाधिकारी नेहा प्रकाश एवं पुलिस अधीक्षक अरविन्द कुमार मौर्य ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरन्तर भ्रमण कर राहत एवं बचाव कार्य का जायजा लिया। इस दौरान मातहतों को निर्देश दिया कि कोई भी बाढ़ पीड़ित भूखा न रहे। इसकी व्यवस्था करते रहें। अधिकारियों ने विकास खण्ड हरिहरपुररानी के तिलकपुर, भाखला पुल के पास रेहरा गांव, भिनगा-बहराइच मार्ग पर स्थित लक्ष्मण नगर पुल, विकास खण्ड गिलौला के गिलौला बाजार, विकास खण्ड इकौना के एयरपोर्ट, कटरा-मथुरा घाट रोड, कटरा स्थित जेतवन मोड़ से अंगुलीमाल जाने वाली रोड एवं बहराइच-बलरामपुर मार्ग पर ओडाझार गांव के पास सड़क पर हो रहे पानी बहाव का निरीक्षण किया। डीएम ने सभी उप जिलाधिकरियो को निर्देश दिया कि जिन गांवो में बाढ़ का पानी पहुंच गया है उन गांवो के बाढ़ पीड़ितों को तत्काल बाहर निकाल कर राहत शिविर में भेजें। राहत शिविरों में उनके भोजन समय समय पर व्यवस्था दुरुस्त रखी जाय। जिलाधिकारी ने सभी बाढ़ चौकी प्रभारियों एवं राहत एवं बचाव कार्य मे लगे अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में व्यापक निगरानी रखने के निर्देश दिए है, ताकि बाढ़ से प्रभावित लोगों को राहत और सहायता प्रदान की जा सके। उन्होंने निर्देश दिया कि जिले का कोई भी बाढ़ पीड़ित व उनका परिवार भूखे न रहने पाए इसका ध्यान रखा जाय।

समस्या होने पर इन नंबरों पर करें संपर्क

बाढ़ बारिश आपदाओं के प्रबंधन एवं सूचनाओं के त्वरित आदान प्रदान के लिए जिलाधिकारी कार्यालय में कंट्रोलरूम की स्थापना की गई है, जिसका नम्बर 8429321551 एवं 7395045570 है, जो चौबीसों घंटे संचालित रहेगा। इस नम्बर पर फोन कर सम्बंधित सूचना दी जा सकती है। इसके अलावा पुलिस कन्ट्रोलरूम पर 9454417380 व 6390593450 पर भी सूचना दी जा सकती है। जिलाधिकारी ने बताया कि इसके अलावा लोग अपने क्षेत्र के तहसीलदार के नंबर पर भी फोन कर सूचित कर सकते हैं, उन्होंने बताया है कि तहसीलदार भिनगा का मोबाइल नम्बर 9454416092, तहसीलदार इकौना का मोबाइल नंबर 9454416093 एवं तहसीलदार जमुनहा का मोबाइल नंबर 9454416095 है।

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जानकी शरण द्विवेदी
सम्पादक

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