दारोगा की गाड़ी से 11 लाख रुपए और शराब की 21 बोतलें बरामद
राज्य डेस्क
जयपुर. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने राजस्थान पुलिस के एक उपनिरीक्षक की कार से 11.36 लाख रुपये की कथित अघोषित नकद राशि एवं शराब की 21 बोतलें बरामद की हैं. आरोपी उपनिरीक्षक केशर सिंह नरूका अभी तक नागौर के खींवसर पुलिस थाने का प्रभारी था. उसे कुछ दिन पहले ही नागौर में लाइन हाजिर किया गया था. वह मंगलवार रात अजमेर स्थित अपने घर जा रहा था, तभी खुफिया सूचना के आधार पर एसीबी ने नरूका को एक टोल नाके पर रोक कर उसकी तलाशी ली. सूत्रों के अनुसार, नरूका की कार से 11.36 लाख रुपये की कथित अवैध नकदी एवं 21 बोतल शराब बरामद की गई है. नकदी एवं शराब जब्त कर आगे की कार्रवाई की जा रही है. इस बीच, नागौर के सांसद हनुमान बेनीवाल ने मांग की है कि इस अधिकारी के पिछले एक साल के कार्यकाल में किए गए कार्यों की जांच होनी चाहिए. वहीं, बेनीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘भ्रष्टाचार में डूबे इस थाना अधिकारी पर सतर्कता विभाग में भी कार्रवाई विचाराधीन है. उक्त थाना अधिकारी के विगत एक वर्ष के कार्यकाल में किए गए कार्यों की जांच होनी चाहिए, क्योंकि एक साल से नागौर पुलिस भ्रष्टाचार का अड्डा बनी हुई है. ’’
बता दें कि कुछ महीने पहले कुछ इसी तरह का मामला बिहार के मुजफ्फपुर जिले में सामने आया था, जहां पुलिस ने शराबबंदी को धता बताकर शराब बेचने वाले थानेदार को गिरफ्तार किया था. मुजफ्फरपुर के सीटी एसपी नीरज कुमार ने छापा मारकर शराब का अवैध कारोबार करने के आरोप में मीनापुर के थानेदार रजनीश कुमार को गिरफ्तार किया था. थानेदार के आवास से पांच लाख रुपए और एक पिकअप वैन शराब मिली थी. तब एसएसपी मनोज कुमार ने बताया था कि मीनापुर के थानेदार रजनीश के खिलाफ काफी समय से शराब बेचने की शिकायत मिल रही थी. उन पर आरोप लगा था कि एक सप्ताह पहले नेवरा में पकड़ी गई शराब की खेप को पैसे लेकर छोड़ दिया था. वह अपने आवास पर शराब के कार्टन रखते थे.