दक्षिणी नौसेना कमान के कमांडर वाइस एडमिरल वी श्रीनिवास ने पदभार संभाला
– चार दशकों के करियर के बाद सेवानिवृत्त हुए कमांडर एमए हम्पीहोली से लिया चार्ज
– दोनों अधिकारियों ने वेंडुरुथी युद्ध स्मारक पर बलिदानी कर्मियों को दी श्रद्धांजलि
नई दिल्ली(हि.स.)। भारतीय नौसेना ने दक्षिणी नौसेना कमान के नए कमांडर के रूप में वाइस एडमिरल वी श्रीनिवास को नियुक्त किया है। उन्होंने रविवार को कोच्चि के नौसेना बेस में एक औपचारिक परेड में 30वें फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ के रूप में पदभार संभाला। उन्होंने वाइस एडमिरल एमए हम्पीहोली से चार्ज लिया, जो भारतीय नौसेना में लगभग चार दशकों के शानदार करियर के बाद आज सेवानिवृत्त हुए। राष्ट्र की सेवा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले सभी कर्मियों को श्रद्धांजलि देने के लिए दोनों अधिकारियों ने वेंडुरुथी युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की।
वाइस एडमिरल वी श्रीनिवास राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र हैं और उन्हें 01 जुलाई 1987 को भारतीय नौसेना में नियुक्त किया गया था। पनडुब्बी रोधी युद्ध विशेषज्ञ के रूप में उन्होंने फ्रंटलाइन पनडुब्बियों आईएनएस शाल्की, आईएनएस शिशुमार और आईएनएस शंकुल (ऑपरेशन विजय के दौरान) पर काम किया। अपने 36 साल के करियर में उन्होंने दो बार आईएनएस शंकुल, दो बार विध्वंसक आईएनएस रणवीर और परमाणु पनडुब्बी आईएनएस चक्र की कमान संभाली। उन्हें भारतीय नौसेना के उन दो अधिकारियों में से एक होने का गौरव प्राप्त है, जिन्होंने अग्रिम पंक्ति के युद्धपोत के साथ-साथ एसएसएन की भी कमान संभाली है।
वह वेलिंगटन में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज और गोवा में नेवल वॉर कॉलेज से स्नातक हैं, जहां उन्हें सीडीएम सिकंदराबाद में सिनसी के रजत पदक और वरिष्ठ रक्षा प्रबंधन पाठ्यक्रम से सम्मानित किया गया था। उनके पास ऑपरेशन पवन, विजय और पराक्रम में भाग लेने का अनुभव और परमाणु सुरक्षा के क्षेत्र में विशेषज्ञता है। एक ध्वज अधिकारी के रूप में उन्होंने कमांडिंग महाराष्ट्र नौसेना क्षेत्र, परियोजना निदेशक (संचालन और प्रशिक्षण) और महानिरीक्षक परमाणु सुरक्षा के रूप में कार्य किया है। उन्हें 2009 में नौ सेना मेडल और 2021 में अति विशिष्ट सेवा मेडल (एवीएसएम) से सम्मानित किया गया।
सुनीत