तेल व्यापारियों के ठिकानों पर आयकर विभाग का छापा, करोड़ों की नकदी सहित जेवरात बरामद
हापुड़ (हि. स.)। जनपद के कुछ उद्योगपतियों के आईटी रिटर्न में गड़बड़ी मिलने के बाद सभी बड़े उद्योगपतियों की कुंडली खंगाली जा रही है। आयकर विभाग की जांच टीम पिछले तीन महीने से लगी हुई है। इस जांच के दौरान लगभग 10 करोड़ रुपये नकद और आठ करोड़ रुपये के जेवरात बरामद किए जा चुके हैं। जांच का काम समाचार लिखे जाने तक भी जारी रहा।
आयकर विभाग के छह निरीक्षकों की टीम लगातार उद्योगपतियों के आवास और फैक्ट्रियों पर पहुंच कर गुरुवार से जांच कर रही थी। दूसरी ओर व्यापारियों के कार्यालयों में बैठी टीम बैंक खातों सहित अन्य कागजात की जांच कर रही है।
सूत्रों की मानें तो हापुड़ के अधिकांश उद्योगपतियों की कुंडली आयकर विभाग के पास तैयार है। आयकर विभाग की जांच टीम ने सबसे पहले तेल व्यवसायी तीन भाइयों के ठिकानों पर जांच करने का फैसला लिया था। फिलहाल गुरुवार से चल रहे जांच कार्य में शनिवार देर शाम तक चार घरों और दो फैक्ट्रियों में जांच की गई है।
जांच के दौरान लगभग 10 करोड़ रुपये नकद और आठ करोड़ रुपये मूल्य के जेवरात बरामद किए गए हैं। करोड़ों रुपये की कच्ची पर्ची भी मिली है। इन पर्चियों पर बिना जीएसटी दिए हुए माल की खरीद फरोख्त की संभावना जताई जा रही है।
तेल व्यापारी के शुद्ध लाभ और सकल लाभ के आंकड़ों में काफी अंतर है। सकल लाभ कंपनी को ठीक ठाक हो रहा है, लेकिन शुद्ध लाभ बहुत कम हो रहा था। इसके बाद से आयकर विभाग के अधिकारी जांच में जुट गए। सात दिन तक जांच अभियान शुरू करने को लेकर आयकर विभाग की टीम ने योजना तैयार की, लेकिन किसी को किसकी भनक तक नहीं लगी।
किसी भी कंपनी का सकल लाभ वह आय होती है जो एक कंपनी बेची गई वस्तुओं की वास्तविक लागत से घटाती है जबकि शुद्ध लाभ कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों के वेतन और अन्य खर्च को घटाने के बाद निकाला जाता है।
विनम्र व्रत त्यागी