तीन हजार पेड़ काटे जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार से मांगा जबाव

– दो सप्ताह का समय मांगा है प्रदेश सरकार ने 

मथुरा/नई दिल्(हि.स.)। मथुरा जिले के गोवर्धन रोड चौड़ीकरण की योजना पर यूपी सरकार द्वारा 3000 पेड़ काटे जाने को लेकर सुप्रीट कोर्ट ने बुधवार प्रदेश सरकार से जबाव मंगाते हुए कहा है कि इतने पेड़ काटे गए तो इसकी भरपाई कैसे होगी? प्रदेश सरकार ने दो सप्ताह का समय सुप्रीम कोर्ट से मांगा है। 
शीर्ष अदालत के चीफ जस्टिस एसए बोबड़े ने बुधवार मामले की सुनवाई के दौरान यूपी सरकार के पेड़ काटकर रोड बनाने के निर्णय पर कई सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि सड़क को सीधी बनाने की क्या जरुरत है। सड़क पेड़ को बचाते हुए भी बनाई जा सकती है। जहां पेड़ सामने आ जाएं तो सड़क को दूसरी तरफ मोड़ा भी जा सकता है। इससे हादसे भी कम होंगे। उन्होंने सड़क दुर्घटनाओं की तरफ इशारा करते हुए कहा कि सीधी सड़क पर लोग तेज गति से गाड़ी चलाते हैं, जिससे हादसा होता है।
विदित रहे कि, यूपी सरकार ने मथुरा में कई धार्मिक स्थलों को जोड़ने वाले गोवर्धन रोड के चौड़ीकरण कर रोड बनाने के लिए 3000 पेड़ काटने की इजाजत कोर्ट से मांगी थी। इसी मामले को लेकर आज सुनवाई हुई, जिसमें चीफ जस्टिस ने ये सवाल उठाए। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि पेड़ को सिर्फ एक लकड़ी नहीं समझा जा सकता। सुनवाई के दौरान यूपी सरकार से दो हफ्ते में जवाब मांगते हुए कोर्ट ने कई सख्त टिप्पणी की।

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