टेनेक्टप्लेस इंजेक्शन 92 फीसद हार्ट अटैक मरीजों की बचा रहा जान : डा. विनय कृष्णा

कानपुर (हि.स.)। बर्फीली हवाओं से पड़ रही भीषण सर्दी लोगों के दिलों पर अटैक कर रही है। इससे हृदय रोग संस्थान (कार्डियोलॉजी) में हार्ट अटैक के मरीजों की संख्या बराबर बढ़ती जा रही है। ऐसे में टेनेक्टप्लेस इंजेक्शन रामबाण साबित हो रहा है और अब तक जो परिणाम आए हैं उसके मुताबिक 92 फीसद हार्ट अटैक मरीजों की जान बचाई गई है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि हार्ट अटैक पड़ने के समय से छह घंटे के अंदर इस इंजेक्शन को लग जाना चाहिये, तभी कारगर साबित होता है।

हृदय रोग संस्थान के निदेशक डा. विनय कृष्णा ने बताया कि टेनेक्टप्लेस इंजेक्शन दो प्रकार के आते हैं। 30 एमजी का इंजेक्शन 60 किलो से कम वजन वाले मरीज को दिया जाता है। इसकी एमआरपी 32,890 है और टेंडर पर यह 24,024 रुपये का मिलता है। लेकिन मरीज को नि:शुल्क दिया जाता है। 40 एमजी का इंजेक्शन 60 किलो से अधिक वजन वाले मरीज को दिया जाता है। इसकी एमआरपी 49,060 रुपये है जो टेंडर में 24,976 रुपये का मिलता है, लेकिन इसको भी मरीजों को नि:शुल्क दिया जाता है।

निदेशक ने बताया कि यह इंजेक्शन इस बार हार्ट अटैक के मरीजों के लिए बहुत ही कारगर साबित हुआ है। लेकिन यह इंजेक्शन तभी पूरी तरह से फायदा करता है जब मरीज को हार्ट अटैक पड़े और छह घंटे के अंदर अस्पताल पहुंचने पर उसे इंजेक्शन लग जाये। इसके बाद यह असर नहीं करता है। कार्डियोलॉजी में पिछले नौ दिन में 148 मरीजों को यह इंजेक्शन समय से दिया गया, जिसमें 136 मरीजों की जान बच गई, सिर्फ 12 मरीजों की मौत हुई है।

डिस्प्रिन जरूर रखें साथ

निदेशक ने बताया कि सिर दर्द की गोली डिस्प्रिन हार्ट अटैक में संजीवनी बूटी की तरह काम कर सकती है। डॉक्टर्स के मुताबिक, हार्ट अटैक जैसे लक्षण होने पर घर में सबसे पहले 325 मिग्रा. तक डिस्प्रिन को चबा ले, तो तत्काल राहत मिल सकती है। आंकड़ों के मुताबिक, डिस्प्रिन लेने के बाद हार्ट अटैक से जान को खतरा 25 फीसद कम हो जाता है।

अजय सिंह

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