ज्ञानवापी मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट स्पेशल की अदालत में प्रार्थना पत्र दाखिल

-अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना करने के लिए थाना चौक को आदेशित करने की मांग

वाराणसी (हि.स.)। ज्ञानवापी मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट स्पेशल नितेश सिन्हा की अदालत में सोमवार को एक प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया। प्रार्थना पत्र में काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग को नुकसान पहुंचा कर हिंदू भावना भड़काने, शिवलिंग के ऊपरी भाग में सीमेन्टनुमा पदार्थ जमाकर ड्रिलिंग मशीन से छेदकर फव्वारा का रूप देने का प्रयास करने का आरोप लगाया गया है।

इस मामले में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना करने के लिए थाना चौक को आदेशित करने की मांग की गई है। वादी पक्ष के अधिवक्ता नित्यानंद राय और देशरत्न श्रीवास्तव ने अदालत में प्रार्थना पत्र पर बहस किया। अदालत ने प्रार्थना पत्र के पोषणीयता पर बहस के लिए अगली तिथि 16 जनवरी नियत की है।

बजरडीहा भेलूपुर के विवेक सोनी व चितईपुर के जयध्वज श्रीवास्तव ने अधिवक्ता देशरत्न श्रीवास्तव व नित्यानंद राय एडवोकेट के माध्यम से 156( 3) सीआरपीसी के तहत प्रार्थना पत्र दाखिल किया। प्रार्थना पत्र के जरिये कहा कि द्वादश ज्योतिर्लिंग में प्रमुख काशी विश्वनाथ मंदिर अनादि काल से काशी में स्थित है। ज्योतिर्लिंग का प्राण प्रतिष्ठा करने के उपरांत स्थापित किया गया था। जो कि जीवित स्वरूप है और उसका विध्वंस कभी नहीं हुआ है। बल्कि मात्र मंदिर के स्वरूप को क्षतिग्रस्त किया गया था। मंदिर के मलबे से ही कथित मस्जिद के भवन का स्वरूप बनाया गया। हर स्थिति में ज्योतिर्लिंग अपने स्थान पर कायम रहा है।

कुछ अज्ञात लोग जो औरंगजेब के धर्म को मानने वाले हैं, काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग को कूप बनाकर ढकने के उपरांत एक पोखरी का निर्माण कर वजू का स्थान अवैधानिक तरीके से बना दिया। ज्योतिर्लिंग के साथ छेड़छाड़ करते हुए ऊपरी भाग में सीमेंटनुमा पदार्थ जमा कर दिया। शिवलिंग में ड्रिलिंग मशीन से छेद कर फव्वारा का रूप देने का प्रयास किया गया। इससे प्रार्थी गण व समस्त हिंदू जनमानस की भावनाएं आहत हुई हैं।

इस प्रकार हिंदू भावनाएं भड़का कर दंगा कराने का प्रयास अज्ञात व्यक्ति द्वारा किया गया है। घटना की सूचना 29 दिसम्बर 2022 को दी गई। इसमें कोई कार्रवाई न होने पर तीन जनवरी को रजिस्टर्ड डाक से पुलिस कमिश्नर को सूचित किया गया। लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

श्रीधर

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