जिलाधिकारी ने बाढ़ के दिनों में कटान पीड़ित गांव का किया निरीक्षण,दिया दिशा निर्देश

-बाढ़ से प्रभावित ढाब क्षेत्र के गंगापुर गांव और रमचंदीपुर में कटान रोकने के लिए कटर का निर्माण होगा

-एडीएम वित्त एवं राजस्व को प्रस्ताव तैयार कराये जाने का निर्देश

वाराणसी(हि.स.)। बाढ़ के दिनों में मुख्य धारा से कट टापू बन जाने वाले ढाब क्षेत्र के गांवों में कटान रोकने के लिए जिला प्रशासन इस बार संजीदा है। गुरुवार को जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने बाढ़ से प्रभावित होने वाले बलुआ घाट के गंगापुर गांव और रमचंदीपुर का दौरा किया । दोनों गांवों में भूमि का कटान रोकने के लिए मुख्य मार्ग को पक्का बनाने की तैयारियों को भी जिलाधिकारी ने परखा। जिलाधिकारी को बताया गया कि 160 परिवारों वाले गंगापुर गांव में बाढ़ के दिनों में जीवन दूभर हो जाता है। गांव बाढ़ के पानी से चारों ओर से घिर जाता है। इसी के साथ गंगा के किनारे मिट्टी का कटान भी होता है। गांव को सुरक्षित करने के लिए गंगा के किनारे सिचाई विभाग के बंधी प्रखंड द्वारा अहरौरा क्षेत्र के पहाड़ों के बोल्डर को तारों से बांधकर 300 मीटर लंबे कटर बनाए जा रहे हैं। बंधी प्रखंड के सहायक अभियंता ने बताया जिलाधिकारी को बताया कि 527.63 लाख की लागत से यह कार्य बरसात से पहले पहले पूरा कर लिया जाएगा।

गंगापुर गांव को मुख्य मार्ग से जोड़ने के लिए लगभग 1 किलोमीटर रोड को सीसी रोड अथवा इंटरलॉकिंग द्वारा पक्का कराने जाने के लिए डीएम ने एडीएम वित्त एवं राजस्व को प्रस्ताव तैयार कराने का निर्देश दिया । गांव में भ्रमण के दौरान जिलाधिकारी ने देखा कि बाढ़ से प्रभावित होने वाले गांव रमचंदीपुर में भी यही स्थिति है। गंगा के किनारे कटान को रोकने के लिए 100.21 लाख की लागत से 6मीटर ऊंचा, 6 मीटर चौड़ा लगभग 245 मीटर के 35-35 मीटर के 8 कटर का निर्माण किया जा रहा है। जो 15 जून तक पूरा किया जाना है। यहां के ठेकेदार को छोटे-छोटे बोल्डर लगाने पर नोटिस देने और मजदूरों की संख्या बढ़ाने का निर्देश डीएम ने दिया।

स्थानीय निवासियों ने जिलाधिकारी को बताया कि रमचंदीपुर, मोकल और गोबरहा का मार्ग बाढ़ के समय गंगा पुल के दोनों ओर पानी में डूब जाने से घिर जाता है। इसके उच्चीकरण के लिए जिलाधिकारी ने एडीएम वित्त एवं राजस्व को प्रस्ताव तैयार कराये जाने का निर्देश दिया।

श्रीधर/सियाराम

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