जिलाधिकारी ने किया राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय का औचक निरीक्षण, मिली खामियां
– प्रभारी एमओआईसी एवं मेडिकल अफसर समेत 6 लोगों के वेतन आहरण पर रोक
– क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी से स्पष्टीकरण तलब
– दो कार्मिक मिले अनुपस्थित, एक दिन का वेतन काटने का दिया निर्देश
– डीएम ने तीन दिन के भीतर आवश्यक सुधार करने का दिया निर्देश
देवरिया ( हि . स . ) । जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने मंगलवार को अपराह्न राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय चटनी-गढही का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कई गंभीर खामियां मिलीं जिस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी ने प्रभारी एमओआईसी, एक मेडिकल ऑफिसर एवं तीन स्टाफ नर्स के मई माह के वेतन आहरण पर रोक लगाते हुए हुए क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी से स्पष्टीकरण तलब किया है। उन्होंने कहा कि आयुष लोक स्वास्थ्य की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण इकाई है। इसमें लापरवाही क्षम्य नहीं है।
जिलाधिकारी मंगलवार को चटनी-गढ़ही स्थित राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय पहुंचे। मौके पर मौजूद प्रभारी एमओआईसी द्वारा यहां 25 बेड का अस्पताल बताया गया, किंतु निरीक्षण के दौरान महज तीन ही बेड मिले जो कि अत्यंत जर्जर अवस्था में थे। विगत तीन माह से किसी भी मरीज को भर्ती नहीं किया गया था । डीएम ने पंचकर्म के विषय में पूछा तो बताया गया कि लंबे समय से यहां पंचकर्म नहीं हो रहा है। जिस पर डीएम ने गहरी नाराजगी जताई।
इसके पश्चात जिलाधिकारी ने उपस्थिति पंजिका का निरीक्षण किया जिसमें स्टॉफ नर्स सुनीता वर्मा एवं भृत्य रीता देवी बिना किसी पूर्व सूचना के अनुपस्थित मिलीं। इन दोनों का एक दिन का वेतन काटने का निर्देश डीएम ने दिया। डीएम ने उपस्थिति पंजिका का नियमित अंतराल पर पर्यवेक्षण न करने पर प्रभारी एमओआईसी को फटकार भी लगाई।डीएम ने औषधि काउंटर पर मरीजों को दी जाने वाली दवाओं के विषय में जानकारी मांगी, जिसे उपलब्ध नहीं कराया जा सका। उन्होंने ओपीडी रजिस्टर का भी अवलोकन किया, जिसमें कई खामियां मिलीं। डीएम ने दवाओं के स्टॉक रजिस्टर का भी अवलोकन किया। अस्पताल में चौतरफा गन्दगी का अंबार मिलने पर गहरी नाराजगी व्यक्त की।
जिलाधिकारी ने मिली खामियों का उत्तरदायित्व तय करते हुए प्रभारी एमओआईसी, मेडिकल ऑफिसर तथा तीनों स्टॉफ नर्स के मई माह के वेतन आहरण पर रोक लगा दी है तथा क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी से स्पष्टीकरण तलब किया है। साथ ही तीन दिन के भीतर अस्पताल को निर्धारित मानक के अनुसार संचालित करने का निर्देश दिया है।डीएम ने कहा कि वे 3 दिन के पश्चात पुनः अस्पताल का निरीक्षण कर सुविधाओं का जायजा लेंगे।
इस अवसर पर क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ. दिनेश चौरसिया, प्रभारी एमओआईसी डॉ. आकांक्षा गुप्ता, मेडिकल ऑफिसर डॉ.ज्ञान चंद्र मौर्य मौजूद रहे।
आयुष सुविधाओं का उपयोग करें जनपदवासी :डीएम
जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि आयुष विभाग द्वारा जनपद में कुल 41 स्वास्थ्य केंद्र संचालित किए जा रहे हैं, जो आयुर्वेदिक, होम्योपैथी तथा यूनानी जैसी पारंपरिक पद्धतियों से रोगियों का इलाज कर रहे हैं। वर्तमान समय में मौसमी बदलाव के चलते सर्दी, खांसी, बुखार के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। उन्होंने जनपदवासियों से आयुष सुविधाओं का अधिक से अधिक उपयोग करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि एक रुपये की पर्ची लेकर आयुष चिकित्सक से चिकित्सकीय परामर्श एवं निःशुल्क दवाएं प्राप्त की जा सकती हैं।
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