जहरीली शराब कांड पर योगी का कड़ा रुख, आरोपितों पर लगेगा गैंगस्‍टर एक्ट, सम्पत्ति होगी नीलाम

– कहा, आरोपितों की जब्त सम्पत्ति की नीलामी से मिली धनराशि से पीड़ित परिवारों की करें मदद 
लखनऊ (हि.स.)। प्रदेश में जहरीली शराब से मौतों के लगातार सामने आ रहे मामलों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ा रुख अपनाया है। लखनऊ के बाद प्रयागराज में भी जहरीली शराब से मौतों की घटना हुई है।

इसके मद्देनजर मुख्यमंत्री जहर के कारोबारियों पर गैंगस्‍टर एक्‍ट के तहत कार्रवाई करने और उनकी सम्‍पत्ति नीलाम कर पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि इस घटना में सभी सम्बन्धित की जवाबदेही तय करते हुए इनके खिलाफ कठोर दण्डात्मक कार्रवाई की जाए। 
इसके साथ ही उन्होंने निर्देश भी दिए है कि जहरीली शराब बेचने में लिप्त लोगों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के अन्तर्गत कार्रवाई करते हुए ऐसे लोगों की सम्पत्ति जब्त की जाए। जब्त की गई सम्पत्ति की नीलामी करते हुए उससे प्राप्त धनराशि से पीड़ित परिवारों की मदद की जाए।
प्रयागराज जनपद के फूलपुर के अमिलिया गांव में गुरुवार रात जहरीली शराब पीने के बाद अब तक छह लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं बारह लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इससे पहले लखनऊ, मथुरा और फिरोजाबाद में भी जहरीली शराब से मौतें के मामले सामने आए हैं। इसके मद्देनजर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अब जहर का कारोबार करने वालों पर शिंकजा कसने का सख्त आदेश दिया है।उन्होंने शासन के वरिष्ठ अधिकारियों से अवैध शराब के काले कारोबार पर हर हाल में अंकुश लगाने को कहा है। 
इसके साथ ही चेतावनी दी है कि यदि किसी इलाके में अवैध शराब बिकती हुई पाई जाती है तो वहां के थानेदार और आबकारी अधिकारियों के खिलाफ सख्‍त से सख्‍त कार्रवाई की जाएगी। निलंम्बन और बर्खास्‍तगी के साथ ही एफआईआर दर्ज कर जेल भी भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के किसी भी जिले में अवैध शराब नहीं बिकनी चाहिए। 
वहीं, अवैध एवं कच्ची शराब का निर्माण व उसकी बिक्री रोकने के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। अपर मुख्य सचिव, आबकारी संजय आर भूसरेड्डी के मुताबिक सर्दियों में कई लोग घरों में अनियमित ढंग से कच्ची शराब बनाते हैं। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सरकार ने आबकारी विभाग की टीम गठित की है। इसके तहत प्रत्येक जनपद में 15 दिनों का विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि प्रदेश में किसी भी रूप में अवैध और कच्ची शराब का निर्माण और उसकी बिक्री बंद हो।
इस सम्बन्ध में सभी जनपदों में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस अभियान के लिए आबकारी विभाग की टीम को जिला स्तर पर आवश्यकतानुसार पुलिस विभाग भी सहयोग करेगा जिससे हर हाल में अवैध कच्ची शराब का निर्माण, बिक्री एवं उसके परिवहन पर प्रभावी रोक लगायी जा सके।
अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिए हैं कि जिलाधिकारी के माध्यम से पुलिस, प्रशासन एवं आबकारी की संयुक्त टीमों का गठन कराया जाए और आवश्यकतानुसार प्रवर्तन इकाइयों द्वारा इन टीमों को सहयोग प्रदान किया जाए। ये टीमें अवैध शराब एवं नारकोटिक्स के कुख्यात अड्डों पर निरन्तर छापेमारी कर अवैध कारोबार को समूल नष्ट करें तथा पकड़े गये आरोपितों पर आईपीसी सहित अन्य अधिनियमों की कठोरतम धाराओं में कार्रवाई करें। 
इसके साथ ही अवैध एवं जहरीली शराब के विरुद्ध व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए जनसामान्य में मिथाइल के घातक विष होने एवं उससे निर्मित अवैध शराब के सेवन से मृत्यु होने सम्बन्धी जागरूकता भी फैलायी जाए। उन्होंने असेवित क्षेत्रों में सतर्क दृष्टि रखते हुए बंद पड़ी फैक्टरियों व प्लांटों पर विशेष निगरानी रखने को कहा है। साथ ही आरओ प्लाण्ट्स की भी निगरानी करने को कहा है ताकि छिपकर अवैध शराब निर्माण करने की संभावना को समाप्त किया जा सके। 
अपर मुख्य सचिव ने राष्ट्रीय एवं राज्य राजमार्गों पर स्थित ढाबों पर विशेष नजर रखने को कहा है क्योंकि टैंकर द्वारा अल्कोहल चोरी की घटना को यहीं अंजाम दिया जाता है। यदि किसी जिले में अपेक्षा के अनुरूप प्रवर्तन की कार्रवाई नहीं की जाती है तो सम्बन्धित जिला आबकारी अधिकारी के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। 

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