चैत्र नवरात्रि पूजा में गाय के गोबर से तैयार कंडे बनेंगे आकर्षण का केन्द्र

लखनऊ(हि.स.)। उत्तर प्रदेश की राजधानी में चैत्र नवरात्रि से पहले व्रत रखने वाले श्रद्धालुओं के लिए आवश्यक वस्तुओं की दुकानें सज गई हैं। इस बार नवरात्रि में माता के श्रंगार सामग्री के साथ ही हवन में इस्तेमाल होने वाला गाय के गोबर से तैयार कंडा भी आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। राजधानी लखनऊ के देवी मंदिरों में नवरात्रि के दौरान होने वाले हवन-पूजन में उपयोग के लिए छोटे-बड़े आकार के कंडों को पैक कर बाजार में उतारा गया है। इनकी मांग भी खासी देखी जा रही है।

विकास नगर के गुलाचीन मंदिर और देवी मंदिर के आसपास की दुकानों पर गाय के गोबर से बने कंडें पैकिंग में भक्तों के लिए उपलब्ध हैं। यहां आधा दर्जन या एक दर्जन कंडों वाले पैकेट बनाकर रखे गए हैं। हवन करते हुए इन कंडों का उपयोग करना अतिपावन बताया गया है।

इसे बनाने वाले लोगों में डा. रविशंकर बताते हैं कि धार्मिक प्रवृति के लोगों में हवन करने की आदत होती है। नवरात्रि में हवन कड़ी संख्या में होता है। गोबर के कंडों के महत्व को देखते हुए हवन में इसका उपयोग बढ़ जाता है और साथ में बिक्री भी बढ़ती हैं। बताया कि गाय के गोबर से कंडों को बनाते हुए पहले उसे छोटे-बड़े आकार दिये जाते हैं और इसके बाद उसे धूप में सुखाकर जालीनुमा पैकेट में पैक किया जाता है। इसे फूल-माला की दुकानों पर भी देखा जा रहा है तो पंसारी की दुकानों पर भी यह उपलब्ध हो रहे हैं।

गाय के गोबर से मूर्ति, धूपबत्ती बनाने वाले मंजेश ने कहा कि गाय के गोबर का महत्व चार गुना है। इसका महत्व धार्मिक पुस्तकों में भी बताया गया है। गोबर के कंडों से हवन करने पर ईश्वर प्रसन्न होते हैं। नवरात्रि के अवसर पर उन्होंने भी गाय के गोबर के कंडों को बाजार में उतार दिया है।

उन्होंने कहा कि कंडों के अलावा गोबर से बनी स्टीक भी बाजार में उतारी गयी है। जो लकड़ियों की तरह उपयोग लाया जा सकता है। इससे निकलने वाला धुंआ सफेद रंग की आभा बनाता है। यह धुंआ प्रकृति को नुकसान नहीं बल्कि वातावरण को शुद्ध कर देता है। कंडा व स्टीक की पर्याप्त संख्या बाजार में उतारा गया है। इसे बनाने के लिए एक टोली दिनरात कार्य कर रही है।

लखनऊ समेत प्रदेश भर के देवी मंदिरों के आसपास दुकानों पर माता के श्रंगार का सामान, माला फूल, नारियल, चुनरी, यज्ञ हवन सामग्री से सज गई हैं। हवन सामग्री में कंडों का विशेष महत्व है। इसको देखते हुए इस बार गाय के गोबर से बने कंडों की मांग भी श्रद्धालुओं द्वारा की जा रही है।श्रद्धालुओं की मांग के अनुरुप इन दिनों दुकानाें पर विभिन्न साइज और संख्या की पैकिंग में प्राकृतिक रुप से बने कंडे उपलब्ध है।

शरद

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