चित्रकूट: विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनेगा मिनी खजुराहो का ‘गणेश बाग’
-म्यूजिकल फाउंटेन और राम वाटिका से बढ़ेगा मिनी खजुराहो का आकर्षण
-दो सौ वर्ष पूर्व मराठा शासक विनायक राव पेशवा ने कराया था ‘गणेश बाग’ का निर्माण
-खजाने की खोज में अराजक तत्वों ने ध्वस्त कर दी थी दर्जनों ऐतिहासिक मूर्तियां
चित्रकूट(हि.स.)। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच बसे बुंदेलखंड के चित्रकूट जनपद में 18वीं सदी में मराठा शासक बाजीराव पेशवा के वंशज अमृतराव द्वारा बनवाया गया ‘गणेश बाग’ भारतीय स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना है। कई दशकों तक उपेक्षा के शिकार रहे इस ऐतिहासिक धरोहर की तस्वीर बदलने वाली है। देश-विदेश से चित्रकूट आने वाले पर्यटकों को रिझाने के लिए जल्द ही उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा मिनी खजुराहो में म्यूजिकल फाउंटेन और राम वाटिका का निर्माण कराया जायेगा। इसके लिए जिले से कार्ययोजना बनाकर केंद्र और प्रदेश सरकार को भेजी जा चुकी है।
पौराणिक तीर्थ के रूप में समूचे विश्व में विख्यात भगवान श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट में धार्मिक और ऐतिहासिक धरोहरों की भरमार है। मुंबई में हुई बेसिन संधि के बाद कर्वी (चित्रकूट) की जागीर संभालने वाले मराठा शासक बाजीराव पेशवा के वंशज अमृत राव ने खजुराहो की तर्ज पर भारतीय वास्तुकला की अनमोल धरोहर ‘गणेश बाग’ का 1828 में निर्माण कराया था। इसके अलावा पुरानी कोतवाली किला,गोल तालाब और नारायण बाग का भी मराठा शासकों की ही देन है। गणेश बाग की दीवारों को बारीक-बरीक काट कर देवी-देवताओं की मूर्तियों को गढ़ा गया है। एक खूबसूरत तालाब के किनारे बनाए गए इस षठकोणी पंच मंदिर में नागर शैली के दर्शन होते हैं। मंदिर की बाहरी दीवारों पर की गई चित्रकारी में कहीं सात अश्वों के रथ पर सवार सूर्यदेव हैं, कहीं विष्णु हैं तो कहीं अन्य देवी देवताओं का समूह है। मंदिर में प्रयोग नागर शैली के कारण ही गणेश बाग को मिनी खजुराहो की संज्ञा दी जाती है।
गणेश बाग में एक आकर्षक बाबली भी है जो सात खंड की है। इसमें छह खंड पानी में डूबे रहते हैं, जबकि एक खंड खुला रहता है। बावली के निर्माण में बेमिशाल इंजीनियरिंग का अद्भुद नमूना पेश किया गया है। बुंदेलखंड में पड़ने वाले भीषण सूखे में भी यहां की ऐतिहासिक बावली और तालाब में कभी पानी कम नहीं होता। ऐतिहासिक धरोहर होने के बावजूद गणेश बाग लम्बे समय से शासन-प्रशासन,पर्यटन एवं पुरातत्व विभाग की उपेक्षा का शिकार रहा है। खजाना खोजने की चाह में अराजकतत्वों ने गणेश बाग की कई मूर्तियों एवं बावली का कई हिस्सा ध्वस्त कर दिया है। इसके बाद भी इस प्राचीन धरोहर की सुरक्षा एवं संरक्षण के प्रति पुरातत्व विभाग एवं जिला प्रशासन कभी गंभीर नहीं रहा।
जिले के इतिहासकार रमेश कुमार चौरसिया एवं समाजसेवी ओम केशरवानी,राजेश सोनी,एमपी जायसवाल आदि का कहना है कि मिनी खजुराहो के रूप में विख्यात मराठाकालीन गणेश बाग पुरातत्व विभाग की उपेक्षा का शिकार है। संरक्षण का बोर्ड तो लगा दिया है,लेकिन सही मायने में इसके विकास के लिए कोई काम नहीं किया गया। जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों को भी गणेश बाग के संरक्षण और विकास के लिए सार्थक पहल करने की जरूरत है।
जिला पर्यटन अधिकारी अनुपम श्रीवास्तव ने बताया कि मराठा कालीन ऐतिहासिक धरोहर ‘गणेश बाग’ भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित है। बताया कि केंद्र और प्रदेश सरकार भगवान श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट के पर्यटन विकास को लेकर संकल्पित है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के शुरू होने के बाद से चित्रकूट के पर्यटन विकास को नई रफ्तार मिली है।
जिलाधिकारी अभिषेक आनंद की पहल से पर्यटन विभाग द्वारा गणेश बाग को आकर्षण का केंद्र बनाने की दिशा में प्रयास किये जा रहे हैं। बताया कि गणेश बाग के ऐतिहासिक तालाब में म्यूजिकल फाउंटेन व राम वाटिका का निर्माण कराये जाने का प्रस्ताव सरकार और भारतीय पुरातत्व विभाग को भेजा गया है। मंजूरी मिलते ही निर्माण कार्य शुरू करा दिया जायेगा।
रतन