गोरखपुर महानगर के तीन तालाब बनेंगे अमृत सरोवर

गोरखपुर (हि.स.)।नगर निगम, सदर लोकसभा क्षेत्र में दम-तोड़ते तीन नए तालाबों का अमृत 2.0 योजना के अंतर्गत नवजीवन देकर उन्हें अमृत सरोवर बनाएगा। महादेव झारखण्डी टुकड़ा नम्बर 01 के भौरोपुर तालाब, झुंगिया तालाब और स्पोर्ट्स कालेज वार्ड 09 के सामने झझहावा तालाब का 05.93 करोड़ से पयर्टन विकास होगा।

मुख्य अभियंता संजय चौहान ने बताया कि महादेव झारखण्डी टुकड़ा नम्बर एक निकट एमएमएमयूटी भैरोपुर तालाब अराजी 101/4, 1041/5 में 0.00894 वर्ग किलोमीटर में स्थित है। झझहावा तालाब अराजी संख्या 105 में 0.0108 वर्ग किमी में एवं झुगियां तालाब अराजी नंबर 96 में 0.0073 वर्ग किलोमीटर में स्थिति है। नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने मुख्य अभियंता को जल्द से जल्द इन अमृत सरोवरों के जीर्णोद्धार का काम शुरू कराने का निर्देश दिया है।

हेरिटेज फाउंडेशन की संरक्षिका डॉ अनिता अग्रवाल कहती है कि बढ़ते शहरीकरण के बीच हमारे तालाब-पोखरे अतिक्रमित एवं प्रदूषित होते जा रहे हैं, इन्हें सहेजने की सरकार की अमृत सरोवर योजना बेहत महत्वकांक्षी है, आमजन को भी इसे सहेजन के लिए आगे आना चाहिए। यह हमारी सनातन संस्कृति एवं जीवन शैली का अहम हिस्सा है।

अमृत सरोवरों पर मिलेगी यह सुविधा

सभी तालाब की सफाई कराई जाएगी। उसमें आसपास के घरों से आने वाले प्रदूषित जल का प्रवाह रोक कर उन्हें नालियों से जोड़ा जाएगा। तालाब की चाहरदीवारी, गेट, पाथवेट, प्याऊ, आरसीसी बेंच, हाई मास्ट लाइट, सोलर लाइट, तालाब में सीढ़िया, पम्प एवं बोरिंग, पौधरोपण, आपेन जिम, ग्रीन एवं ब्लू डस्टबिन का इंतजाम किया जाएगा। पौधरोपण कर तालाब को हरा भरा बनाने का प्रयास होगा।

इन दो तालाबों के लिए शीघ्र स्वीकृत होगी धनराशि

महादेव झारखण्डी टूकड़ा नम्बर एक निकट एमएमएमयूटी दिव्यनगर में अराजी संख्या 979 में 0.015 वर्ग किमी और पोखराभिंडा करीमनगर अराजी संख्या 105 में 0.0108 वर्ग किमी के तालाब का जीर्णोद्धार किया जाएगा। इसके लिए अमृत 2.0 अंतर्गत शीघ्र ही धनराशि स्वीकृत होने की उम्मीद है।

मुख्यमंत्री योगी ने भी तालाबों के संरक्षण पर दिया था जोर

शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘पर्यावरण, प्रौद्योगिकी एवं सतत ग्रामीण विकास विषयक’ दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में सतत ग्रामीण विकास के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज्य के मॉडल को अपनाने पर न केवल जोर दिया। बल्कि जल संचयन के लिए तालाबों के संरक्षण की प्राचीन पद्धति का उल्लेख करते हुए कहा कि गांवों में तालाब आदि का जल प्रदूषित होने से इंसेफेलाइटिस जैसी बीमारी सामने आई। हमें सुनिश्चित करना चाहिए कि बिना ट्रीट हुए तालाबों में पानी न जाए। सांसद रवि किशन शुक्ला भी कहते हैं कि तालाब हमारे जीवन एवं सनातन संस्कृति के अभिन्न अंग हैं, जल संरक्षण के लिए इन्हें सहेजना ही होगा।

डॉ. आमोदकांत /पदुम नारायण

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