गोमती नदी के तट पर दिखेगा ‘स्वावलम्बी भारत’
लखनऊ(हि.स.)। उत्तर प्रदेश की राजधानी में गोमती नदी के झूलेलाल वाटिका घाट के बगल में स्वावलम्बी भारत दिखेगा। घाट किनारे फैले हुए मैदान में माघ मेला 2023 के लिए देश के कोने – कोने से दुकानदार लोगों का पहुंचना शुरु हो चुका है। करीब 50 दुकानें मेले में सज चुकी है और 50 से ज्यादा दुकानें अभी लगनी बाकी है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वावलम्बी भारत की सोच में भारत देश के प्रत्येक नागरिक को गरीबी रेखा से ऊपर पहुंचाने के लिए प्रत्येक हाथ में हुनर व स्वयं का व्यवसाय प्रदान करना है। इसके लिए देश के प्रत्येक राज्य में मेला एक सफल माध्यम बना है। उत्तर प्रदेश में छोटे बड़े मेले को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बढ़ावा दे रहे हैं। लखनऊ में सर्द मौसम की शुरुआत के साथ ही देश के विभिन्न स्थानों व राज्यों से आये हुए लोगों के मेले का आयोजन हो रहे हैं। जिसमें झूलेलाल वाटिका के बगल में लगने वाला मेला लखनऊ के लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
गुरुवार को सुबह 10 बजे के बाद झूलेलाल घाट पर मेले में खरीदारी के लिए सैकड़ों की संख्या में लोगों का पहुंचना हुआ। मेले में पहुंचें हुए लोगों को देखकर स्टॉल लगाये दुकानदारों में भरपूर उत्साह का माहौल भी रहा। कश्मीर से आये दुकानदार अनीस ने कहा कि इस वर्ष मेले में पसमीना की शाल लेकर वे आये हैं। शाल को पसंद करने वाले लोगों को दो सौ रुपये से लेकर तीन हजार रुपये तक की शाल मिलेगी। लखनऊ में गोमती नदी के किनारे लगे मेले से उन्हें बेहद उम्मीद है।
मुजफ्फरनगर जनपद से आये दुकानदार सुफियान ने कहा कि वह लोगों के लिए सुंदर चित्र, सिनरी और बंदूक सिनरी लेकर आये हैं। 15 दिसम्बर से 15 जनवरी तक उनके स्टॉल पर सभी लोगों का स्वागत है। बंदूक सिनरी इस बार आकर्षण का केन्द्र रहेगी, जिसकी कीमत तीन हजार के करीब है। मेले में आ कर उन्हें भी बेहद खुशी है। इस तरह के आयोजन से ही भारत के लोगों को स्वावलम्बी बनाया जा सकता है।
लखनऊ जिला प्रशासन की देखरेख में मेला क्षेत्र को सुरक्षित करने के लिए चाक चौबंद व्यवस्था करायी जा रही है। मेला क्षेत्र के बाहर की ओर पार्किंग की सुविधा दी गयी है। मेले में पहुंचने वाले लोगों के लिए स्वादिष्ट व्यंजनों के कई स्टाल लगे हुए मिलेंगे। जिसमें कुछ स्थानीय दुकानदार है तो कुछ एक दूसरे शहरों से लखनऊ आये हैं।
मेले में इस बार स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए भी स्टेशनरी वाले खिलौनों वाले स्टाल लगाये गये है। महिलाओं के लिए दो सौ रुपये की सैडिंल से लेकर पांच सौ रुपये तक सुंदर आर्टिफिसियल ज्वैलरी के स्टॉल भी सज गये हैं। प्रत्येक मेले की तरह ही इस मेला क्षेत्र में भी झूलोें की विशेष व्यवस्था की गयी है, जिससे परिवार के साथ आने वाले लोगों का भरपूर मनोरंजन हो सके।
शरद/बृजनंदन