गोंडा रेल हादसे की जांच शुरू
गैस कटर से काटे गए क्षतिग्रस्त डिब्बे, पूरे. की GM मौके पर मौजूद
चार यात्रियों की मौत, 32 जख्मी, आज शाम तक बहाल हो सकता है ट्रेनों का आवागमन
जानकी शरण द्विवेदी
गोंडा। पूर्वोत्तर रेलवे के गोंडा-गोरखपुर रेलखंड पर मोतीगंज व झिलाही रेलवे स्टेशनों के बीच गुरुवार को दोपहर बाद चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारणों की उच्च स्तरीय जांच शुरू हो गई है। कल देर रात रेल संरक्षा आयुक्त की अगुवाई में मौके पर पहुंची रेलवे की टेक्निकल टीम ने घटना स्थल के नमूने संकलित किए तथा फोटोग्राफ्स लिए। इस बीच पूर्वोत्तर रेलवे की महाप्रबंधक सौम्या माथुर की मौजूदगी में रेलमार्ग पर यातायात बहाल करने के उद्देश्य से रेल पटरियों के मरम्मत और क्षतिग्रस्त कोचों को घटना स्थल से हटाने का काम युद्ध स्तर पर जारी है। रेल प्रशासन का दावा है कि आज देर शाम तक आवागमन बहाल कर दिया जाएगा। इस बीच पटरियों के मरम्मत के दौरान गिट्टी से एक अज्ञात शव बरामद होने के बाद हादसे में मरने वालों की संख्या चार हो गई है।
आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि मुख्य संरक्षा आयुक्त के नेतृत्व में घटना स्थल पर पहुंची टीम ने हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दिया है। जांच टीम ने पाया कि बाईं तरफ का रेलवे ट्रैक अपनी वर्तमान स्थिति से काफी दूर हो गया है। रेलवे लाइन के इस तरफ जलभराव की स्थिति थी। सूत्रों ने बताया कि जांच टीम ने रेल पटरी में प्रयुक्त लोहे और आसपास की मिट्टी का नमूना संकलित किया है। घटना के कारणों की जांच के लिए मौके पर पहुंचे रेलवे के अधिकारी मीडिया को अभी कुछ बता नहीं रहे हैं, किंतु घटना स्थल के निरीक्षण के समय टीम इस बात निष्कर्ष पर पहुंचने की कोशिश कर रही है कि क्या बरसात के पानी के रेलवे ट्रैक के बाईं तरफ भर जाने के कारण रेल पटरी कमजोर हो सकती है? पटरी कमजोर होने पर रफ्तार से ट्रेन गुजरने की स्थिति में ट्रैक उखड़ सकती है और हादसा हो सकता है। रेलवे के एक अधिकारी ने नाम सार्वजनिक न किए जाने की शर्त पर बताया कि रेलगाड़ी के डिब्बों या इंजन के पटरी से उतरने के दो ही मुख्य कारण होते हैं। इनमें पहला तो ट्रैक की गड़बड़ी से होता है और दूसरा पहियों में गड़बड़ी की वजह से। इस सेक्शन पर पिछले काफी दिनों से लगातार काम चल रहा है। इसलिए ट्रैक में खामी की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता।
इस बीच रेल प्रशासन क्षतिग्रस्त डिब्बों को रेल पटरी से हटाकर आज देर शाम तक यातायात बहाल करने की कोशिश में लगा है। एक रेल अधिकारी ने बताया कि पूरी रात जनरेटर के प्रकाश में कर्मचारियों ने काम किया है। आज सुबह से ही रेलवे के करीब 800 कर्मचारियों की टीम मरम्मत कार्य में जुटी हुई है। पूर्वोत्तर रेलवे की महाप्रबंधक सौम्या माथुर स्वयं मौके पर मौजूद रहकर स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। गैस कटर के माध्यम से क्षतिग्रस्त डिब्बों को एक दूसरे से काटकर अलग कर दिया गया है। उलट गए डिब्बों को जेसीबी व क्रेन के माध्यम से सीधा करके हटाने का काम जारी है। हादसे में पूरी तरह से उखड़ चुकी रेल पटरी को नए सिरे से बिछाने की तैयारी भी चल रही है। गोंडा-गोरखपुर रेलखंड पूर्ण रूप से विद्युतीकृत लाइन है। हादसे में विद्युत पोल व इलेक्ट्रिक तार पूरी तरह से नष्ट हो चुके हैं। इन्हें नए सिरे से स्थापित किए जाने का कार्य चल रहा है। महाप्रबंधक ने बताया कि रेल प्रशासन यथाशीघ्र इस रेलखंड पर यातायात बहाल करने की कोशिश में जुटा है। बता दें कि शुक्रवार को दोपहर बाद करीब 2.40 बजे 23 कोचों वाली चंडीगढ़ से डिब्रूगढ़ जा रही एक्सप्रेस ट्रेन के अधिकांश डिब्बे पटरी से उतर गए थे। इनमें तीन वातानुकूलित कोच पूरी तरह से पलट गए थे।
जिला पहुंचकर घायलों से मिलीं डीएम नेहा शर्मा
गोंडा की जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने घटना में अब तक चार यात्रियों के मरने और 32 के घायल होने की पुष्टि की है। इनमें करीब आधा दर्जन यात्रियों की हालत गंभीर है। मरने वालों में राहुल (38), सरोज कुमार सिंह (31) तथा दो अज्ञात शामिल हैं। एक अज्ञात यात्री का शव आज सुबह गिट्टियां को हटाए जाने के दौरान बरामद हुआ। लखनऊ के ट्रामा सेंटर में गंभीर रूप से भर्ती दो यात्रियों का उपचार चल रहा है। डीएम ने बचाव कार्य के दौरान एसडीआरएफ द्वारा चार और शव बरामद किए जाने की पुष्टि नहीं की। डीएम ने कहा कि कल देर रात डिब्रूगढ़ तक जाने वाली विशेष ट्रेन से यात्रियों को रवाना करते समय वह स्वयं मनकापुर जंक्शन पर मौजूद थीं और अनेक यात्रियों से मिलीं, किंतु किसी ने अपने किसी सह यात्री के लापता होने की शिकायत नहीं की। डीएम आज सुबह जिला अस्पताल पहुंची तथा यहां भर्ती घायलों से मिलकर उनका हालचाल जाना। उन्होंने अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को घायलों के समुचित उपचार तथा देखभाल का निर्देश दिया। डीएम ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी तथा जिला आपदा विशेषज्ञ को निर्देश दिया कि ट्रेन में जख्मी होने वाले अकेले यात्रियों का विशेष ध्यान रखा जाय। अस्पताल में मीडिया से वार्ता करते हुए उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल तथा रेलवे के पैनल्ड अस्पताल में चार-चार मरीज भर्ती हैं। सभी की हालत स्थिर है। गंभीर रूप से जख्मी दो यात्रियों का ट्रामा सेंटर लखनऊ में उपचार चल रहा है। जिला प्रशासन उनके भी लगातार सम्पर्क में है। घटना में मृत चार यात्रियों के शव जिला मुख्यालय पर आ चुके हैं। उनके परिजनों के आने के उपरांत उनका पोस्टमार्टम कराया जाएगा। डीएम ने कहा कि आपदा प्रबंधन के तहत ऐसे हादसों के उपरांत होने वाली मजिस्टीरियल जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं।
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