ट्रेन हादसा:अप लाइन पर ट्रेनों का आवागमन शुरू

मृतकों की संख्या हुई चार, 32 अन्य जख्मी, 10 जोड़ी ट्रेनें निरस्त, 34 का मार्ग परिवर्तन

मुख्य संरक्षा आयुक्त ने शुरू की रेल हादसे की जांच, गैस कटर से काटकर अलग किए गए क्षतिग्रस्त डिब्बे

जानकी शरण द्विवेदी

गोंडा। पूर्वोत्तर रेलवे के गोंडा-गोरखपुर रेलखंड पर मोतीगंज व झिलाही रेलवे स्टेशनों के बीच चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद शुक्रवार की शाम से अप लाइन पर रेलगाड़ियों का आवागमन बहाल हो गया। दुर्घटना के बाद आज देर शाम साढ़े सात बजे 12555 गोरखधाम सुपरफास्ट पहली सवारी गाड़ी निकाली गई। इससे पूर्व मालगाड़ी भेजकर ट्रायल किया गया था। डाउन लाइन पर अभी विद्युतीकरण का काम चल रहा है। यह जानकारी एक स्थानीय रेल अधिकारी ने दी। इस बीच घटना के कारणों की उच्च स्तरीय जांच शुरू हो गई है। 21 जुलाई को सीआरएस लखनऊ में हादसे की जांच करेंगे। गोंडा की जिलाधिकारी ने भी घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए हैं। पूर्वोत्तर रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में रेल पटरियों के मरम्मत का कार्य लगभग पूरा कर लिया गया है। रेल प्रशासन का दावा है कि आज देर रात तक डाउन लाइन पर भी आवागमन बहाल कर दिया जाएगा। इस बीच पटरियों के मरम्मत के दौरान शुक्रवार को गिट्टी से एक 40 वर्षीय अज्ञात यात्री का शव बरामद होने के बाद हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर चार हो गई है। पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि लखनऊ से बरौनी के बीच चलने वाली 15203 अप/15204 डाउन शनिवार को गोरखपुर और लखनऊ के बीच निरस्त रहेगी। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व दुर्घटना के बाद पहली बार इस रेलमार्ग पर आज शाम पांच बजकर नौ मिनट पर पहली मालगाड़ी अप बीसीएन चलाई गई।

पिकौरा गांव के समीप क्षतिग्रस्त रेलवे ट्रैक के पुनर्निर्माण में जुटे रेलकर्मी।

रेलवे के एक स्थानीय अधिकारी ने आज यहां बताया कि मुख्य संरक्षा आयुक्त के नेतृत्व में घटना स्थल पर पहुंची टीम ने हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए जांच शुरू किया। टेक्निकल टीम ने घटना स्थल पर रेल पटरी में प्रयुक्त लोहे और आसपास की मिट्टी का नमूना संकलित किया तथा फोटोग्राफ लिए। जांच टीम ने पाया कि बाईं तरफ का रेलवे ट्रैक अपनी वर्तमान स्थिति से काफी दूर हो गया है। रेलवे लाइन के इस तरफ जलभराव की स्थिति थी। जांच टीम घटना स्थल का सम्यक परीक्षण कर इस निष्कर्ष पर पहुंचने की कोशिश कर रही है कि क्या बरसाती पानी के रेलवे ट्रैक के किनारे भर जाने से रेल पटरी कमजोर हो सकती है? इस बीच रेल प्रशासन क्षतिग्रस्त डिब्बों को रेल पटरी से हटाकर आज देर शाम तक यातायात बहाल करने की कोशिश में लगा है।

जिला चिकित्सालय के मेडिकल वार्ड में भर्ती घायल यात्री से हालचाल पूछते रेल अधिकारी।

एक रेल अधिकारी ने बताया कि पूरी रात जनरेटर के प्रकाश में कर्मचारियों ने काम किया है। आज सुबह से ही रेलवे के करीब 800 कर्मचारियों की टीम मरम्मत कार्य में जुटी हुई है। पूर्वोत्तर रेलवे की महाप्रबंधक और मण्डल रेल प्रबंधक स्वयं मौके पर मौजूद रहकर स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। गैस कटर के माध्यम से क्षतिग्रस्त डिब्बों को एक दूसरे से काटकर अलग कर दिया गया है। बेपटरी हुए डिब्बों को जेसीबी व क्रेन के माध्यम से सीधा करके घटना स्थल से हटा दिया गया है। हादसे में पूरी तरह से उखड़ चुकी रेल पटरी को नए सिरे से लगभग तैयार किया जा चुका है। गोंडा-गोरखपुर रेलखंड पूर्ण रूप से विद्युतीकृत है। हादसे में विद्युत पोल व इलेक्ट्रिक तार भी पूरी तरह से नष्ट हो चुके हैं। इन्हें नए सिरे से स्थापित किए जाने का कार्य चल रहा है। महाप्रबंधक ने कहा कि हम आज देर शाम तक इस रेलखंड पर यातायात बहाल करने की कोशिश में लगे है। बता दें कि शुक्रवार को दोपहर बाद करीब 2.40 बजे 23 कोचों वाली चंडीगढ़ से डिब्रूगढ़ जा रही एक्सप्रेस ट्रेन के अधिकांश डिब्बे पटरी से उतर गए थे। इनमें तीन वातानुकूलित कोच पूरी तरह से पलट गए थे। गोंडा की जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने घटना में अब तक चार यात्रियों के मरने और 32 के घायल होने की पुष्टि की है। इनमें करीब आधा दर्जन यात्रियों की हालत गंभीर है। मरने वालों में राहुल (38), सरोज कुमार सिंह (21) व नितीश कुमार उर्फ राकेश निवासी मधेपुरा बिहार तथा एक अज्ञात शामिल हैं। एक अज्ञात यात्री का शव आज सुबह गिट्टियां को हटाए जाने के दौरान बरामद हुआ।

एससीपीएम हास्पिटल के एसआईसीयू में भर्ती रेल हादसे में घायल मरीजं का हाल लेती डीएम नेहा शर्मा।

डीएम ने बताया कि जिला अस्पताल में नूर मोहम्मद शेख निवासी कोकराझार बिहार, शंभू कुमार निवासी अररिया बिहार, शौकत अंसारी निवासी बेतिया बिहार, राम अकबाल निवासी देवरिया उप्र तथा रेलवे के पैनल्ड अस्पताल एससीपीएम हास्पिटल के एसआईसीयू में छोटी कुमारी निवासी मधुबनी बिहार, सर्वेश शुक्ला निवासी संतकबीर नगर उप्र, एडमन लकड़ा निवासी दीमापुर नगालैंड व प्रमोद यादव निवासी गोरखपुर उप्र का उपचार चल रहा है। उन्होंने आज सुबह चिकित्सकों के साथ दोनों अस्पतालों का दौरा किया तथा भर्ती घायलों से मिलकर उनका हालचाल जाना। उन्होंने घायलों के समुचित उपचार तथा देखभाल का निर्देश दिया। डीएम ने बताया कि गंभीर रूप से जख्मी दो यात्रियों को ट्रामा सेंटर लखनऊ भेजा गया है। जिला प्रशासन उनके भी लगातार सम्पर्क में है। घटना में मृत चार यात्रियों के शव जिला मुख्यालय पर आ चुके हैं। उनके परिजनों के आने के उपरांत उनका पोस्टमार्टम कराया जाएगा। इस बीच रेल हादसे में मारे गए सरोज कुमार के परिजन गोंडा पहुंच चुके हैं। कुर्साकांटा प्रखंड स्थित पहुंसी निवासी रघुनंदन सिंह ने बताया कि उनका बेटा करीब दो माह पूर्व धान की रोपाई करने पंजाब गया था। घर लौटते समय हादसे का शिकार हो गया। उन्होंने बताया कि मृतक चार भाई में सबसे बड़ा था। करीब दो वर्ष पूर्व उसकी शादी हुई थी। सरोज के कंधे पर ही छोटे भाइयों के साथ बूढ़े मां-बाप के भरण पोषण की जिम्मेदारी थी।

एससीपीएम हास्पिटल के एसआईसीयू में भर्ती रेल हादसे में घायल मरीजों का उपचार करते वरिष्ठ सर्जन डा. ओ.एन. पाण्डेय।

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जिला चिकित्सालय के मेडिकल वार्ड में भर्ती घायल युवक तथा पास में बैठा असहाय पिता।

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