गोंडा ट्रेन हादसा : संयुक्त प्रयासों से मिली बड़ी कामयाबी
14 मिनट में पहुंची एम्बुलेंस, डीएम ने संभाला राहत कार्यों की कमान
जनपद के 900 से ज्यादा अधिकारी और कर्मचारी राहत कार्य में लगाए गए
जानकी शरण द्विवेदी
गोंडा। जनपद के मोतीगंज व झिलाही रेलवे स्टेशनों के मध्य गुरुवार को हुई ट्रेन दुर्घटना एक गंभीर और दुखद घटना थी, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों के त्वरित प्रतिक्रिया ने इसे एक बड़ी त्रासदी बनने से रोका। देवीपाटन मंडल के आयुक्त शशि भूषण लाल सुशील की देखरेख और जिलाधिकारी नेहा शर्मा के नेतृत्व में राहत और बचाव कार्यों ने यह साबित कर दिया कि जब प्रशासनिक अधिकारी तत्पर और समर्पित होते हैं, तो किसी भी आपदा का सामना कुशलतापूर्वक किया जा सकता है। प्रशासन और राहत टीमों के संयुक्त प्रयासों से घायल यात्रियों को मदद देकर बड़ी संख्या में लोगों की जान बचाई जा सकी। इस पूरे राहत और बचाव कार्यों को सफल बनाने में ग्रामीणों की भूमिका भी काफी अहम रही।
14 मिनट में पहुंची पहली एम्बुलेंस
गोंडा के मोतीगंज-झिलाही स्टेशनों के बीच पिकौरा गांव में यह हादसा हुआ। गुरुवार दोपहर के करीब 2.40 बजे इसकी सूचना प्राप्त हुई। जिला प्रशासन द्वारा तत्काल एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई। डीएम नेहा शर्मा ने बताया कि करीब 14 मिनट में यानी 2.54 बजे पहली एम्बुलेंस मौके पर पहुंच गई। जिलाधिकारी ने खुद मौके पर पहुंचकर राहत व बचाव कार्यों की कमान संभाला। उन्होंने घायलों के इलाज और फंसे हुए लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने की व्यवस्था की। डीएम की तत्परता और कुशलता के कारण राहत कार्यों में तेजी आई और पीड़ितों को समय पर सहायता मिल सकी। वहीं, देवीपाटन परिक्षेत्र के डीआइजी एपी सिंह के निर्देशन व पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल की मौजूदगी में मौके पर पहुंचे दोनों अपर पुलिस अधीक्षक, सभी क्षेत्राधिकारी व थाना प्रभारियों ने मिलकर राहत व बचाव कार्य को रफ्तार दिया। फायर ब्रिगेड तथा एसडीआरएफ की टीम भी समय से पहुंच गई थी।
900 से ज्यादा कर्मचारी व अधिकारियों ने सम्हाला मोर्चा
जिला प्रशासन, पुलिस विभाग, आपदा राहत विभाग, स्वास्थ्य विभाग, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों ने मिलकर राहत और बचाव कार्यों को आगे बढ़ाया। सिर्फ प्रशासन की ओऱ से 900 से ज्यादा अधिकारियों और कर्मचारियों को राहत कार्य में लगाया गया। इसके अतिरिक्त एनडीआरएफ के एक और एसडीआरएफ की चार टीमों ने लोगों को सुरक्षित निकालने में अहम भूमिका निभाई। घटनास्थल पर पानी, भोजन और मेडिकल सहायता की व्यवस्था तुरंत की गई। घायलों को एम्बुलेंस और अन्य साधनों से अस्पताल पहुंचाया गया। इस दौरान करीब 40 एम्बुलेंस लगाई गई, जिनमें, 175 से ज्यादा लोगों को घटना स्थल से निकाला गया। 22 बसों और 16 छोटे वाहनों से अन्य यात्रियों को मनकापुर रेलवे स्टेशन तक ले जाया गया। यहां तक की डीएम स्कॉर्ट की गाड़ी से भी यात्रियों को निकाला गया। डीएम ने यह सुनिश्चित किया कि सभी यात्रियों को आवश्यक सहायता प्राप्त हो और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए। यात्रियों को बसों से रेलवे स्टेशन और बस स्टेशन पर पहुंचाने का काम किया गया। जिला प्रशासन ने पीड़ितों को तुरंत राहत उपलब्ध कराने को प्राथमिकता दी और सभी साधनों का उपयोग करते हुए पीड़ितों को मनकापुर और अन्य स्थानों तक सुरक्षित पहुंचाया।
सीडीओ व सीएम मुख्यालय पर रहे मुस्तैद
जिले की मुख्य विकास अधिकारी एम. अरुन्मोली, नगर मजिस्ट्रेट विजय शर्मा, सीओ तरबगंज विनय कुमार सिंह आदि जिला मुख्यालय पर मुस्तैद रहे। इन्हें जिला मुख्यालय पर आने वाले घायलों को तत्काल भर्ती करवाकर उपचार शुरू कराने का दायित्व डीएम ने सौंपा था। सभी अधिकारी मौके पर मौजूद रहकर अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे थे। सीडीओ ने देर रात एक बार पुनः अस्पताल पहुंचकर घायलों का हालचाल जाना और चिकित्सकों को समुचित निर्देश दिया। इस मौके पर सीओ शिल्पा वर्मा, प्रभारी निरीक्षक मनकापुर व मोतीगंज आदि मौजूद रहे।
शुक्रवार को भी मौके पर पहुंचे एसपी
पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल शुक्रवार को भी घटना स्थल पर पहुंचे तथा राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि हादसे में अब तक 04 यात्रियों की मौत हुई है, जिनके शव के पंचायतनामा की कार्यवाही कर पोस्टमार्टम हेतु भिजवाया गया है। उन्होंने बताया कि फोरेंसिक टीम को भी जांच हेतु मौके पर बुलाया गया। एसपी ने दुघर्टनाग्रस्त ट्रेन के लोको पायलट और सहायक लोको पायलट से भी घटना के सम्बन्ध में पूछताछ की गयी। उन्होंने मौके पर मौजूद रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों से बात कर रेस्टोरेशन कार्य के प्रगति के संबंध में जानकारी प्राप्त की तथा ड्यूटी पर मौजूद पुलिस कर्मियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
पीड़ित यात्रियों को बांटी गई खाद्य सामग्री
डीएम नेहा शर्मा ने बताया कि राहत कार्यों में 1200 लंच पैकेट, ढाई हजार पानी की बोतलें, 1000 पैकेट बिस्किट, ढाई सौ दर्जन केले और 400 चाय के वितरण की व्यवस्था की गई। इसके अलावा, दवाइयों का भी व्यापक स्तर पर वितरण किया गया, ताकि घायलों को तुरंत चिकित्सा सहायता मिल सके। जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने शाम 6.30 बजे तक एक-एक यात्री को घटना स्थल से निकाल कर सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया। यहां से निकलकर वह सीधे मनकापुर रेलवे स्टेशन पहुंची। सांसद कीर्तिवर्धन सिंह के साथ आयुक्त शशि भूषण लाल सुशील भी मौजूद थे। सांसद गोंडा/केंद्रीय राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह को पूरे प्रकरण की जानकारी देने के बाद मंडलायुक्त देवीपाटन मंडल और जिलाधिकारी ने स्पेशल ट्रेन में बैठे यात्रियों से उनका हालचाल लिया। गोरखपुर प्रशासन एवं रेलवे से समन्वय कर रात्रिकालीन भोजन की व्यवस्था भी गोरखपुर में सुनिश्चित की गई। रात करीब 9 बजे स्पेशल ट्रेन को रवाना करने के बाद मंडलायुक्त देवीपाटन मंडल और जिलाधिकारी जिला अस्पताल में पीड़ितों से मिलने पहुंचे।
आरएसएस स्वयं सेवकों ने भी सम्हाला मोर्चा
गोंडा विभाग के प्रचारक प्रवीण जी के नेतृत्व में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के स्वयं सेवकों ने मोर्चा सम्हाला और राहत व बचाव कार्यों में मजबूती से प्रतिभाग किया। विभाग प्रचारक ने बताया कि रेल हादसे की सूचना मिलते ही वह संघ के सक्रिय स्वयं सेवकों को सूचना देते हुए घटना स्थल के लिए प्रस्थान कर गए। हताहत यात्रियों की भारी संख्या के मद्देनजर अनेक स्वयं सेवकों को रक्तदान के लिए लगाया गया। करीब 30 स्वयंसेवकों ने अस्पताल पहुचंकर रक्तदान किया। घटनास्थल पर पहुँचे स्वयंसेवकों ने स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को मनकापुर तथा गोंडा जिला अस्पताल पहुँचाने में प्रशासन को सहयोग किया। इस मौके पर संघ के 100 से अधिक स्वयंसेवकों ने सेवा कार्य में भाग लिया। स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर यात्रियों के बिखरे पड़े सामान आदि को एकत्रित करवाया। इस मौके पर गोंडा के जिला प्रचारक अनिल, नंदिनी नगर के जिला प्रचारक रवि, विभाग शारीरिक शिक्षा प्रमुख गणेश, बलरामपुर सह जिला कार्यवाह शैलेंद्र, नंदिनी नगर जिला कार्यवाह रवींद्र जी, ज्ञान प्रकाश, राम प्रकाश, अमन, भाजपा नेता सूर्य नारायण तिवारी, राजेश तिवारी आदि मौजूद रहे।
21 को सीआरएस करेंगे हादसे की जांच
नागर विमानन मंत्रालय उत्तर पूर्वी परिमण्डल के रेल संरक्षा आयुक्त प्रणजीव सक्सेना पूर्वोत्तर रेलवे के गांडा-गोरखपुर रेल खंड पर 18 जुलाई को हुई 15904 चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन के दुर्घटना के सम्बन्ध में मंडल रेल प्रबन्धक कार्यालय पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ में 21 जुलाई को सुबह 11 बजे से सांविधिक जांच करेंगे। इस रेल दुर्घटना के सम्बन्ध में आम जनता में से कोई भी व्यक्ति यदि कुछ जानकारी रखता हों और रेल संरक्षा आयुक्त के समक्ष गवाही देने का इच्छुक हो तो वह 21 जुलाई को उनके समक्ष उपस्थित होकर ऐसा कर सकतर है अथवा उत्तर पूर्वी परिमण्डल, विभूति खण्ड, गोमतीनगर लखनऊ के पते पर अपना कथन लिखकर डाक से भी भेज सकता है।
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