गुजरात : केवड़िया ‘नए भारत’ की ‘प्रगति का तीर्थ’ स्थान बन गया है : मोदी
-आज सीमा पर नजर और नजरिया में बदलाव आया है, भारत की भूमि पर जनर गाड़ने वाले को मिल रहा मुंहतोड़ जवाब
-‘आत्मनिर्भर देश’ ही अपनी प्रगति के साथ अपनी सुरक्षा के लिए भी आश्वस्त रह सकता है
-आतंकवाद का खुलकर समर्थन करने को चिंताजनक बताया
केवड़िया/अहमदाबाद (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि केवड़िया ‘नए भारत’ की ‘प्रगति का तीर्थ’ स्थान बन गया है। यह स्थान पूरी दुनिया के पर्यटन मानचित्र पर अपनी जगह बनाएगा। इसके साथ ही मोदी ने उन लोगों को निशाना बनाया जो पाकिस्तान और पुलवामा हमले को लेकर राजनीति कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज सीमा पर नजर और नजरिया में बदलाव आया है। प्रधानमंत्री शनिवार को राष्ट्रीय एकता दिवस के मौके पर केवडिया में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ में आयोजित परेड को संबोधित कर रहे थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात की अपनी दो दिवसीय यात्रा के दूसरे दिन आज देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद परेड में हिस्सा लिया। इस अवसर पर उन्होंने अपने संबोधन में कहा, ‘आत्मनिर्भर देश ही अपनी प्रगति के साथ साथ अपनी सुरक्षा के लिए भी आश्वस्त रह सकता है। इसलिए आज देश रक्षा के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बनने की ओर बढ़ रहा है। यही नहीं सीमाओं पर भी भारत की नजर और नजरिया अब बदल गए हैं।’ उन्होंने कहा, “आज भारत की भूमि पर नज़र गड़ाने वालों को मुंहतोड़ जवाब मिल रहा है। आज का भारत सीमाओं पर सैकड़ों किलोमीटर लंबी सड़कें बना रहा है, दर्जनों ब्रिज, अनेक सुरंगें बना रहा है।”
उन्होंने आतंकवाद का खुलकर समर्थन करने को चिंताजनक बताया और इशारों में कहा कि ऐसी घटनाओं को सही ठहराने वालों को अवश्य आड़े हाथ लिया जाएगा। उन्होंने कहा, “बीते कुछ समय से दुनिया के अनेक देशों में जो हालात बने हैं, जिस तरह कुछ लोग आतंकवाद के समर्थन में खुलकर सामने आ गए हैं, वह आज वैश्विक चिंता का विषय है। आज के माहौल में दुनिया के सभी देशों को, सभी सरकारों को, सभी पंथों को, आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की बहुत ज्यादा जरूरत है। शांति-भाईचारा और परस्पर आदर का भाव ही मानवता की सच्ची पहचान है। आतंकवाद-हिंसा से कभी भी, किसी का कल्याण नहीं हो सकता।” प्रधानमंत्री ने कहा कि आदिवासी भाइयों और बहनों को आज रोजगार मिल रहा है। मैं 130 देशवासियों को बधाई देता हूं। आज संयोग है कि आज महर्षि वाल्मीकि का भी जन्मदिन है। भगवान राम के आदर्श और उनके संस्कार आज भारत के हर कोने में पहुंच चुके हैं। इसका श्रेय महर्षि वाल्मीकि को जाता है। यह अभूतपूर्व है। उन्होंने कहा कि 130 मिलियन देशवासी कोरोना योद्धाओं के सम्मान में एकजुट हुए। 35 हजार पुलिस कर्मियों ने आजादी के बाद से बलिदान दिया है लेकिन कोरोना युग में, पुलिस कर्मियों ने लोगों के जीवन को बचाने के लिए सेवा करने के बजाय खुद को समर्पित किया है। इतिहास इस सुनहरे पल को कभी नहीं भूलेगा। देश की एकता की एकमात्र ताकत यह थी कि भारत ने इसका दृढ़ता से सामना किया और एक नई दिशा में बढ़ रहा है
इससे पूर्व राष्ट्रीय एकता दिवस के उपलक्ष्य में एकता की प्रतिमा पर एकता परेड का आयोजन किया गया जिसमें हेलीकॉप्टर से फूलों की वर्षा की गई। सैनिकों ने एकजुटता के साथ परेड की। इसके अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। इसके बाद मोदी केवडिया से अहमदाबाद के लिए सी-प्लेन सेवा शुरूआत की और फिर केवडिया से अहमदाबाद के लिए सी-प्लेन में सवार हुए। उन्होंने बताया कि आज सुबह मैंने हेल्थ फ़ॉरेस्ट के योगा और मेडिटेशन गार्डन में योग किया और फिर नाश्ता किया।
भारत ने सीमा पर नजर रखने वालों पर कसी है नकेल
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सीमा पर भारत के विचार और दृष्टिकोण भी बदल गए हैं। भारत के पास उसकी जमीन पर नज़र रखने वालों पर नकेल कसने की ताकत है। कुछ देश आतंकवाद के समर्थन में आगे आए हैं। यह दुनिया के लिए और शांति के लिए चिंता का विषय बन गया है। आतंकवाद के खिलाफ हर सरकार को एकजुट होने की जरूरत है। आतंकवाद हिंसा से कभी किसी का भला नहीं हो सकता। भारत कई वर्षों से आतंकवाद से त्रस्त है। भारत ने हजारों जवान खोए हैं, माताएं अपना लाल खो चुकी हैं। भारत ने हमेशा अपनी एकता और दृढ़ संकल्प के साथ आतंकवाद का मुकाबला किया और दुश्मनों को पराजित किया है।
भारत की यह एकता और ताकत दूसरों को खटकती है। वे हमारी विविधता को हमारी कमजोरी बनाना चाहते हैं। वे एक-दूसरे को लड़ाना चाहते हैं। पाकिस्तान की संसद ने स्वीकार कर लिया है कि पुलवामा हमले में 40 सैनिकों की मौत उनकी ही साजिश थी। यह देश कभी नहीं भूलेगा कि पुलवामा में हमले में हमारे वीर सपूत शहीद हो गए थे। कुछ लोग उस दुःख में शामिल नहीं थे। वे अपने स्वयं के राजनीतिक हितों की देखभाल कर रहे थे। बेशक सच्चाई यह है कि वे राजनीतिक लाभ के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल के व्यक्तित्व के नक्शेकदम पर चलकर हम एक नए भारत का संकल्प करें जिसका सपना सरदार पटेल ने देखा था।
इसके उपरांत प्रधानमंत्री सिविल सर्विसेज के अधिकारियों को संबोधित करेंगे और सुबह 11.45 बजे नर्मदा जल एयरोड्रम का उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री साबरमती वाटर एरोड्रम दोपहर 1 बजे उद्घाटन करेंगे। इसके साथ ही वे आज देश की पहली समुद्री विमान परियोजना का उद्घाटन करेंगे।