गरीबी के सही आंकड़ों को छिपा रही है मोदी सरकार : कांग्रेस
नई दिल्ली(हि.स.)। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार गरीबी के सही आंकड़ों को छिपा रही है। हाल ही में नीति आयोग ने जो गरीबी के आंकड़े दिए हैं, वह सही नहीं हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार कहती है कि 09 साल में 24.82 करोड़ भारतीयों को गरीबी से उबार दिया गया है लेकिन असल में यह गरीब के खिलाफ एक बहुत बड़ी साजिश है। सरकार का यह दावा जमीनी हकीकत के विपरीत है।
श्रीनेत ने कहा कि अगर गरीबों की संख्या घट गई है तो उपभोग क्यों नहीं घट रहा है? अगर गरीबी 11.7 फीसदी तक गिर चुकी है, यानी सिर्फ 15 करोड़ लोग ही गरीब हैं तो सरकार 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन क्यों दे रही है?
श्रीनेत ने कहा कि नीति आयोग के इस दावे का समर्थन किसी भी थर्ड पार्टी ने क्यों नहीं किया? इस रिपोर्ट को न तो वर्ल्ड बैंक ने मान्यता दी है और न ही अन्तरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने इसे माना है।
श्रीनेत ने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार ने 27 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला था। वर्ल्ड बैंक ने इस आंकड़े पर थर्ड पार्टी रिपोर्ट की पुष्टि की और इसे सही माना था लेकिन मोदी सरकार अपने ही मुंह मियां मिट्ठू बन रही है। यहां नीति आयोग ने खुद ही अनुमान लगाया, खुद ही सर्वे कराया, खुद ही रिपोर्ट बनाई और खुद की रिपोर्ट को प्रचारित भी किया है।
नीति आयोग ने सोमवार को एक रिपोर्ट में कहा कि वर्ष 2013-14 से 2022-23 तक बीते 09 वर्षों में 24.82 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर निकले। नीति आयोग की इस रिपोर्ट को कांग्रेस ने खारिज किया है।
आशुतोष/दधिबल