‘खेत का पानी खेत में, गांव का पानी गांव में’ संरक्षित करें किसान

-निष्प्रयोज्य हैंडपंप को वाटर हार्वेस्टिंग के रूप में उपयोग किया जाए

झांसी(हि.स.)। जिले में वृहद अभियान स्तर पर पुरानी और पारंपरिक नालियों और नदियों-तालाबों को पुनर्जीवित करने के साथ-साथ जनपद में रेन रूफ वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर बनाने का कार्य किया जा रहा है। रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए खराब पंप की पाइपलाइनों का यदि उपयोग करना शुरू कर दिया जाए तो आसपास के भवनों की छतों पर एकत्रित होने वाले वर्षा जल को बचाने और संग्रहीत करने में उपयोगी होगा।

जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने कहा कि वर्षा के जल को अधिक से अधिक संरक्षित करने के लिए निष्प्रयोज्य हैंडपंप के बोरवेल में आसपास की छतों का वर्षा जल संचय करते हुए भूगर्भ जल रिचार्ज सिस्टम से जल स्तर बढ़ाया जा सकता है, यदि निष्प्रयोज्य हैंडपंप को वाटर हार्वेस्टिंग के रूप में उपयोग करें तो वर्षा का जल अधिक से अधिक संरक्षित हो सकेगा और जनपद का जलस्तर बढ़ने लगेगा।

जिलाधिकारी ने बताया कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग बिना बजट के न्यूनतम बजट पर भी बनाया जा सकता है। रेन वाटर हार्वेस्टिंग की सामान्य विधि की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया दो मीटर लंबा डेढ़ मीटर चौड़ा डेढ़ मीटर गहरा एक गड्ढा खोदा जाएगा (स्थानीय परिस्थिति के अनुसार साइज गड्ढे का घटाया बढ़ाया जा सकता है।) इसे 4/9 इंच की जालीदार ईटा से चुनाई की जायेगी निचले स्तर पर 50 सेंटीमीटर ईटों का रोड़ा इस्तेमाल किया जाए।

उन्होंने कहा कि उसके ऊपर 40 सेंटीमीटर बालू का रेत डाल कर बनाया जाए। इसके उपरांत यथासंभव 50- 60 फीट गहरा बोरिंग बालू आने तक किया जाना चाहिए(परिस्थिति के अनुसार)। इस विधि में 3 से 4 इंच मोटे जालीदार पाइप का इस्तेमाल किया जाना उचित होगा,ऊपर छत का पानी उपरोक्त चेंबर में पाइप के माध्यम से उतार दिया जाता है। प्राकृतिक तरीके से वर्षा का जल फिल्टर होकर धरती के अंदर प्रवेश कर जाता है 01वर्ष बाद वर्षा से पूर्व फिल्टर मीडिया(ईटों का रोड़ा, बालू एवं रेता) को बदल दिया जाना आवश्यक है। चेंबर को लोहे की प्लेट या जाली से ढक दिया जाना चाहिए, जिससे सुरक्षा बनी रहे, उन्होंने उक्त बिजी को अपनाते हुए रू फ्रेंड वॉटर हार्वेस्टिंग बनाए जाने का सुझाव दिया और कहा कि वर्षा जल को संरक्षित करने में वाटर हार्वेस्टिंग कामगार सिद्ध होगा।

महेश

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